Tuesday 28/ 10/ 2025 

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हरिद्वार जेल में 15 कैदी पाए गए HIV पॉजिटिव, इलाज के लिए बनाई गई अलग बैरक

Haridwar jail
Image Source : PTI/FILE
15 कैदी पाए गए HIV पॉजिटिव

हरिद्वार: हरिद्वार जिला जेल के 15 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। इस मामले के सामने आने के बाद जेल में हड़कंप मच गया है। बता दें कि इस जेल में 1,000 से अधिक कैदी बंद हैं। 

वरिष्ठ जेल अधीक्षक का सामने आया बयान

वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने बताया कि 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस पर जेल के अंदर आयोजित स्वास्थ्य शिविर में कैदियों की जांच की गई और उनमें से 15 एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। अधिकारी ने बताया कि इन कैदियों के इलाज के लिए अलग से बैरक बनाई गई है। उन्होंने बताया कि हरिद्वार जिला जेल में 1,100 कैदी हैं। जेल में पहले भी कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।

एचआईवी क्या है?

एचआईवी (Human immunodeficiency virus) एक वायरस है जो, उन कोशिकाओं पर हमला करता है जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं, जिससे व्यक्ति अन्य संक्रमणों और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। यह एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति के कुछ शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है, आमतौर पर असुरक्षित यौन संबंध या इंजेक्शन दवा उपकरण साझा करने के माध्यम से। 

एड्स क्या है?

एड्स (AIDS) का अर्थ है एक्वायर्ड इम्युनो डेफिसियेन्सी सिन्ड्रोम (acquired immunodeficiency syndrome)। एड्स, एचआईवी संक्रमण का अंतिम और सबसे गंभीर चरण है। जैसे कि एचआईवी इंफेक्शन लगभग 10 वर्षों में एड्स में बदल जाता है। एड्स से पीड़ित लोगों में व्हाइट ब्लड सेल्स (white blood cells) की संख्या बहुत कम होती है और प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाती है। उन्हें अतिरिक्त बीमारियां हो सकती हैं जो संकेत करती हैं कि वे एड्स में बदल गए हैं।

HIV और एड्स अलग-अलग बात है, समझें

दरअसल जब ऐसी खबरें सामने आती हैं कि HIV से संक्रमित शख्स का इलाज के अभाव में निधन हो गया तो लोग घबरा जाते हैं। लोगों को एचआईवी और एड्स के बारे में सही और पूरी जानकारी नहीं है। दोनों में काफी अंतर है, जबकि आमतौर पर लोग इसे एक ही मानते हैं। क्योंकि जहां एचआईवी एक वायरस है, वहीं एड्स एक बीमारी है। एचआईवी एक ऐसा वायरस है जो एड्स नाम की बीमारी को जन्म दे सकता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि अगर कोई एचआईवी पॉजिटिव है तो उसे एड्स भी होगा ही। इस बीमारी को लेकर लोगों ने मन में कई तरह की गलत धारणाएं बनी हुई हैं। 

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