Tuesday 28/ 10/ 2025 

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कौन हैं नरेंद्र मान? जिन्हें तहव्वुर राणा केस में गृह मंत्रालय ने बनाया है सरकारी वकील

Tahawwur Rana, case
Image Source : FILE
प्रतिकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:  तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के बाद उसे गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ेगा। वह मुंबई हमले की साज़िश का बड़ा राज़दार है। प्रत्यर्पण से बचने के राणा के आखिरी प्रयास के विफल होने के बाद उसे भारत लाया जा रहा है, क्योंकि अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों ने उसके आवेदन को खारिज कर दिया था। प्रत्यर्पण मंजूर होने के बाद अब उसे अमेरिका से भारत लाया जाएगा। सरकार ने नरेंद्र मान को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है। 

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार देर रात एक राजपत्र अधिसूचना जारी कर एनआईए के इस अहम मामले की सुनवाई के लिए सीनियर एडवोकेट नरेंद्र मान को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है। अधिसूचना के मु्ताबिक मान अगले तीन वर्षों तक 26/11 मुंबई हमलों से जुड़े केस में दिल्ली स्थित एनईआए की विशेष अदालतों और हाईकोर्ट में पैरवी करेंगे। 

नरेंद्र मान इस हाईप्रोफाइल केस से पहले भी बतौर लोक अभियोजक कई मामलों में पैरवी कर चुके हैं। वर्ष 2018 में उन्होंने कर्मचारी चयन आयोग (SSC) के पेपर लीक मामले में भी बहस की थी। उनके पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए केंद्र ने नरेंद्र मान को इस मामले में सरकारी वकील नियुक्त किया है।

दिल्ली की अदालत को 26/11 हमले के मुकदमे के रिकॉर्ड मिले 

नई दिल्ली:  दिल्ली की एक अदालत को 26/11 के मुंबई हमलों के कथित साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा के अमेरिका से भारत आने से पहले इस संबंध में मुकदमे के रिकॉर्ड मिल गए हैं। एक अदालती सूत्र ने यह जानकारी दी। मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमलों के प्रमुख आरोपी राणा को बृहस्पतिवार को एक विशेष विमान से भारत लाया जा रहा है। अमेरिका के उच्चतम न्यायालय द्वारा राणा के आवेदन को खारिज किए जाने के बाद प्रत्यर्पण से बचने का उसका आखिरी प्रयास विफल हो गया था। मुंबई की एक अदालत के कर्मचारियों को रिकॉर्ड भेजने के लिए 28 जनवरी को दिए गए निर्देश के अनुरूप, हाल में जिला न्यायाधीश विमल कुमार यादव की अदालत को ये रिकॉर्ड मिले। 

न्यायाधीश ने दिल्ली में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण द्वारा मुंबई से रिकॉर्ड प्राप्त करने का अनुरोध करते हुए दायर आवेदन पर यह आदेश पारित किया। दिल्ली और मुंबई दोनों शहरों में 26/11 के हमलों से संबंधित कई मामलों की मौजूदगी के कारण निचली अदालत के रिकॉर्ड पहले मुंबई भेजे गए थे। राणा को झटका देते हुए, एक अमेरिकी अदालत ने पहले फैसला सुनाया था कि पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है, जहां वह पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा 2008 में किए गए मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल होने के लिए वांछित है। राणा (64) हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक, डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है। (इनपुट-भाषा)

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