किडनी रोग काफी दर्दनाक तथा कष्टदायक बीमारी;होम्योपैथीक उपचार;वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ.के.एम.पारीक

क्या आपका क्रिएटनीन का लेवल बिगड़ गया है.?
तो आप होम्योपैथीक मेडिसिन से क्रीएटिनिन स्तर को सामान्य कर सकते हैं..!
जी हा होम्योपैथीक मेडिसीन से कर सकते हैं, किडनी में क्रिएटनीन का स्तर समान्य
हमारे शरीर में दोनों गुर्दे खून साफ़ करते हैं और शरीर को डेटोक्सीफी करते हैं, जिससे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम करते रहे।
यदि किडनी को कोई इन्फेक्शन या कोई अन्य बीमारी होती है तो यह अच्छे से काम नहीं कर पाती, जिस वजह से शरीर को और भी कई बीमारिया होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
किडनी का रोग एक काफी दर्दनाक तथा कष्टदायक बीमारी है।
कारण..
खाने की गलत आदतें,
व्यस्त जीवनशैली,
संक्रमित पानी और
वायु प्रदुषण के कारण
आजकल गुर्दे (किडनी) के रोग बढ़ने लगे हैं, जिसके इलाज के लिए डॉक्टर कई बार डायलिसिस की सलाह देते हैं और समस्या गंभीर होने पर किडनी ट्रांसप्लांट अर्थात गुर्दे बदलवाने तक की नौबत आ जाती है।
इसलिए आज हम आपको किडनी इन्फेक्शन, फेलियर और डैमेज होने के कारण, लक्षण और होम्योपैथीक उपाय बताने जा रहे हैं।
किडनी की बीमारिया होने के अनजान कारण:-
कम पानी पीना, कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करना, पेशाब रोकना, पूरी नींद ना लेना, ज्यादा नमक खाना, धूम्रपान करना और शराब पीना, खाने में विटामिन और मिनरल्स की कमी होना आदि किडनी के रोग होने के मुख्य कारण होते हैं।
जिन लोगो को शुगर, हाई ब्लड प्रेशर होता है और जिनके परिवार में कभी किसी का किडनी फेलियर या किडनी से जुडी कोई बीमारी हुई हो, उनमे किडनी ख़राब होने की सम्भावना दुसरो से अधिक होती है।
किडनी ख़राब होने के लक्षण:-
किडनी के रोग को पहचानने का सबसे बड़ा लक्षण है पेशाब करते समय दर्द होना या पेशाब में ब्लड आना।
इसके इलावा अधिक ठण्ड लगना, भूख कम लगना, शरीर में सूजन आना, शरीर में थकन और कमजोरी आना, पेशाब में प्रोटीन कि मात्रा अधिक होना, पेशाब में जलन होना और बार-बार पेशाब आना, ब्लड प्रेशर का बढ़ा रहना, स्किन पर रैशेज़ निकलना और खुजली होना, मुंह का सवाद ख़राब होना और मुँह से बदबू आना आदि भी किडनी के रोग के लक्षण हैं।
किडनी का होम्योपैथीक उपाय:-
आप किसी होम्योपैथीक फिजिशियन से सलाह ले सकते है।
पारीक होम्योपैथीक क्लिनिक की होम्योपैथीक दवा के प्रयोग को करने से कुछ ही दिन में आपके शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर व्यवस्थित हो सकता है या सामान्य लेवल तक भी आ सकता है।