UNESCO से बाहर होगा अमेरिका, डोनाल्ड ट्रंप ने ग्लोबल बॉडी को बताया ‘एंटी-इजरायल अड्डा’ – President Donald Trump pulls US out of Unesco director general Audrey Azoulay reaction ntc

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) से हटने का ऐलान किया है. यह फैसला दिसंबर 2026 के अंत से प्रभावी होगा. ट्रंप ने इस संस्था को एंटी-इजरायल प्रोपेगेंडा का अड्डा बताया है.
यह तीसरी बार है कि अमेरिका यूनेस्को से बाहर होगा. डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान पहले भी एक बार अमेरिका इस संस्था से बाहर हो चुका है. अब दूसरी बार ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका यूनेस्को से दूरी बनाएगा.
अमेरिका ने यूनेस्को से हटने के ऐलान पर क्या कहा?
अमेरिकी विदेश विभाग ने आज (मंगलवार) को यूनेस्को से हटने के ऐलान किया है. विभाग का कहना है कि यूनेस्को एंटीइजरायल प्रोपेगेंडा का अड्डा बन चुका है. यह फैसला राष्ट्रीय हित में लिया गया है. विभाग ने यूनेस्को के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं.
यूनेस्को के महानिदेशक ने क्या कहा?
यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूनेस्को से हटने के फैसले पर गहरा अफसोस जताया है.
अमेरिका का यूनेस्को का बहिष्कार
अमेरिका पहली बार साल 1984 में यूनेस्को से बाहर हुआ था. आरोप लगाया गया था कि यूनेस्को संस्था की वित्तीय दुरुपयोग कर रहा है और प्रशासन अच्छा नहीं है. उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन थे.
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फिर 2003 में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के शासनकाल में अमेरिका दोबारा यूनेस्को में शामिल हुआ था.
दूसरी बार अमेरिका ने 2017 में यूनेस्को को अलविदा कहा था. यूनेस्को में एंटी-इजरायल, पक्षपाती झुकाव, बजटीय देरी, सुधार की कमी का आरोप लगाया गया. इस समय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप थे.
2023 में राष्ट्रपति जो बाइडेन के शासनकाल में अमेरिका दोबारा यूनेस्को में शामिल हुआ था.
तीसरी बार अमेरिका ट्रंप के प्रशासन में यूनेस्को से बाहर निकलने का ऐलान किया है. इस बार यूनेस्को पर अमेरिकी फर्स्ट नीति के साथ असंगति और एंटी इजरायल झुकाव होने का आरोप लगाया है.
इनपुट: रॉयटर्स
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