Wednesday 08/ 10/ 2025 

अखिलेश यादव- आजम खान की 23 महीने बाद मुलाकात, क्या बन गई बात? देखें2 साल पहले बैन हुए कफ सिरप फॉर्मूले से हुई बच्चों की मौत, केंद्र की चेतावनी को राज्यों व कंपनियों ने किया नजरअंदाजWHO ने Coldrif Cough Syrup पर भारत से मांगा जवाबRajat Sharma's Blog | कफ सिरप का ज़हर: लालच और लापरवाही का ये खेल बंद होN. Raghuraman’s column – Why does a busy employee’s activities fail to yield results? | एन. रघुरामन का कॉलम: एक व्यस्त कर्मचारी की गतिविधियां परिणाम क्यों नहीं दे पाती?संभल: हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी, संपत्ति हो सकती है कुर्क, 23 FIR दर्ज – Lookout notice issued against hair stylist Jawed Habib property may be confiscated lclamज्योति सिंह के हंगामे पर भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की सफाई, कहा-मुझे परेशान करने के लिए हंगामा हो रहाDr. Anil Joshi’s column – Why is rain no longer limited to one season? | डॉ. अनिल जोशी का कॉलम: बारिश अब किसी एक ही मौसम तक सीमित क्यों नहीं रह गई है?‘लोग बच्चे को ट्रोल कर रहे’, टीम इंड‍िया के क्रिकेटर हर्ष‍ित राणा के सपोर्ट में उतरे आकाश चोपड़ा, फैन्स को दी नसीहत – aakash chopra defends harshit rana t20 odi indian cricket team australia tour 2025 tspokफेसबुक LIVE आकर शख्स ने किया सुसाइड का प्रयास, पत्नी बोली ड्रामा कर रहा है पति
देश

चीन बनाएगा 5,000 किमी लंबा शिनजियांग-तिब्बत रेल नेटवर्क, इंडियन बॉर्डर के पास से होकर गुजरेगा बड़ा हिस्सा – China to build 5000 km long Xinjiang Tibet rail network, a large part of which will pass near LAC ntc

चीन शिनजियांग प्रांत को तिब्बत से जोड़ने वाली अपनी अब तक की सबसे महत्वाकांक्षी रेल परियोजना बनाने जा रहा है, जिसका एक हिस्सा भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास से गुजरेगा. यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई है.

हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, ‘इस साल इस रेल परियोजना पर काम शुरू होने की उम्मीद है. इसके लिए एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी बनाई गई है, जो शिनजियांग के होतान से तिब्बत की राजधानी ल्हासा तक रेल लाइन के निर्माण और संचालन की देखरेख करेगी.’

95 अरब युआन की शुरुआती पूंजी

शिनजियांग-तिब्बत रेलवे कंपनी (XTRC) को आधिकारिक रूप से 95 अरब युआन (करीब 13.2 अरब अमेरिकी डॉलर) की पूंजी के साथ रजिस्टर्ड किया गया है. यह कंपनी पूरी तरह चीन स्टेट रेलवे ग्रुप की होगी. इसका लक्ष्य है कि 2035 तक ल्हासा को केंद्र बनाकर 5,000 किलोमीटर लंबा रेलवे नेटवर्क बनाया जाए.

रिपोर्ट के अनुसार, रजिस्टर्ड पूंजी केवल शुरुआती फंडिंग है, कुल लागत इससे कहीं अधिक होगी. उदाहरण के लिए, 1,800 किमी लंबी सिचुआन-तिब्बत रेलवे बनाने में करीब 320 अरब युआन (45 अरब अमेरिकी डॉलर) का खर्च आया था.

LAC के पास से गुजरेगा रूट

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘रेल मार्ग के कुछ हिस्से भारत-चीन बॉर्डर (LAC) के पास से गुजरेंगे, जिससे इसे सीमावर्ती क्षेत्र में सामरिक महत्व मिलेगा, जहां बाकी चीन की तुलना में कम बुनियादी ढांचा है.’

चीन की पहले की एक बड़ी परियोजना, शिनजियांग-तिब्बत हाइवे (G219) भी विवादित अक्साई चिन क्षेत्र से होकर बनाया गया था, जो 1962 के युद्ध का बड़ा कारण बना था. भारत अक्साई चिन को अपने ऐतिहासिक दावों और पुराने समझौतों के आधार पर अपना अभिन्न हिस्सा मानता है.

चार प्रमुख रेल मार्गों में से एक

शिनजियांग-तिब्बत रेलवे तिब्बत को बाकी देश से जोड़ने वाली चार प्रस्तावित लाइनों में से एक है. अन्य तीन रेल सेवाएं तिब्बत को चिंगहाई, सिचुआन और युन्नान प्रांतों से जोड़ेंगी. इनमें चिंगहाई-तिब्बत लाइन चालू हो चुकी है, जबकि बाकी दो पर निर्माण कार्य जारी है. तिब्बत हवाई, सड़क और रेल नेटवर्क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. ल्हासा से हाई-स्पीड रेल नेटवर्क अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास तक पहुंच चुका है.

—- समाप्त —-


Source link

Check Also
Close



DEWATOGEL