Monday 25/ 08/ 2025 

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फर्जीवाड़े से CISF कांस्टेबल बना, ट्रेनिंग सेंटर से फरार हुआ, 9 साल बाद गिरफ्तार – cisf recruitment fraud omveer singh arrested lclnt

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले का एक युवक, जिसने 9 साल पहले फर्जी तरीके से सीआईएसएफ (CISF) में नौकरी हासिल की थी और पकड़े जाने के डर से फरार हो गया था, आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया. आरोपी का नाम ओमवीर सिंह है, जो मथुरा के सुरीर थाना क्षेत्र के सामोली गांव का निवासी है.

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
साल 2016 में ओमवीर सिंह ने सीआईएसएफ में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) पद पर भर्ती के लिए स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) की परीक्षा दी थी. लेकिन उसने खुद परीक्षा देने के बजाय किसी और को अपना प्रॉक्सी बनाकर एग्जाम दिलवा दिया. इस तरीके से उसका चयन हो गया और उसे राजस्थान के अलवर जिले के बहरोड़ स्थित सीआईएसएफ ट्रेनिंग सेंटर भेजा गया.

कैसे खुली पोल?
कुछ महीनों की ट्रेनिंग के बाद ट्रेनिंग सेंटर के निदेशक के पास एक शिकायत पत्र पहुंचा, जिसमें लिखा था कि ओमवीर ने परीक्षा खुद नहीं दी है. इस पर जांच शुरू हुई. एसएससी बोर्ड ने उसकी लिखित परीक्षा, शारीरिक मानक परीक्षा (PST), मेडिकल एडमिट कार्ड और हस्ताक्षर के नमूने फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (शिमला) भेजे. जांच में यह साबित हो गया कि परीक्षा में लिखावट और हस्ताक्षर ओमवीर के नहीं थे.

जांच रिपोर्ट आने के बाद सीआईएसएफ ट्रेनिंग सेंटर ने उसे बर्खास्त कर दिया और उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. जैसे ही ओमवीर को भनक लगी कि अब गिरफ्तारी होगी, वह ट्रेनिंग सेंटर से भाग गया.

9 साल तक कैसे बचता रहा
फरार होने के बाद ओमवीर सिंह ने अपनी पहचान छिपाकर मथुरा में ही रहना शुरू कर दिया. पिछले तीन साल से वह ग्राम पंचायत सहायक के पद पर काम कर रहा था. गांव में लोग भी उसकी पुरानी करतूत से अनजान थे.

कैसे हुई गिरफ्तारी?
शनिवार को राजस्थान पुलिस उसकी तलाश करते-करते मथुरा के ग्राम पंचायत कार्यालय पहुंची, लेकिन उस समय वह वहां मौजूद नहीं था. इसके बाद स्थानीय पुलिस की मदद से उसे उसके घर से दबोच लिया गया. राजस्थान पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर साथ ले गई है.

सीओ (मंट) आशीष शर्मा ने बताया कि आरोपी पर फर्जीवाड़े से नौकरी पाने और फरार होने का गंभीर आरोप है. अब आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है. इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि भर्ती परीक्षाओं में प्रॉक्सी बैठाने और धांधली रोकने के लिए और सख्त व्यवस्था की जरूरत है.

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