नेपाल की अंतरिम सरकार के लिए मंत्रियों के नाम तय, Gen-Z की पसंद का रखा गया ध्यान – ministers name finalized for Nepal interim govt led by Sushila Karki GenZ choices kept in mind ntc

सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली नेपाल की अंतरिम सरकार के प्रमुख मंत्रियों के नाम फाइनल हो गए हैं. शीतल निवास (राष्ट्रपति भवन) के सूत्रों के अनुसार, चार महत्वपूर्ण नाम राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को भेजे गए हैं, जिनमें ओमप्रकाश अर्याल को गृह मंत्री, रामेश्वर खनाल को वित्त मंत्री, कुलमान घीसिंग को ऊर्जा मंत्री और बालानंद शर्मा को रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त करने की तैयारी चल रही है.
प्रधानमंत्री कार्की के निकटवर्ती सूत्रों ने बताया कि बाकी मंत्रियों के नामों पर बाद में चर्चा होगी. राष्ट्रपति भवन ने संकेत दिए हैं कि शपथग्रहण समारोह कल (15 सितंबर) संभव है, जिससे नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता को जल्द समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ रहा है. इसके अलावा, नेपाली क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान पारस खड़का का नाम युवा एवं खेलकूद मंत्रालय के लिए तय हो गया है, जबकि उद्योगपति असीम मान सिंह बस्नेत को फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और यातायात मंत्री बनाए जाने की प्रबल संभावना है.
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सुशीला कार्की ने 12 सितंबर को नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में तब शपथ लिया था, जब पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को भ्रष्टाचार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के दबाव में इस्तीफा देना पड़ा. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल ने GEN-Z समूहों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करने के बाद सुशीला कार्की को देश का नेतृत्व सौंपने की घोषणा की. राष्ट्रपति पौडेल ने GEN-Z प्रदर्शनकारियों की मांग को स्वीकार करते हुए वर्तमान संसद को भंग कर दिया. मार्च 2026 तक नए चुनाव कराने के वादे के साथ सुशीला कार्की ने अंतरिम सरकार का नेतृत्व संभाला है.
मंत्री पद के लिए अनुभवी चेहरों पर भरोसा
प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने अपनी कैबिनेट में भ्रष्टाचार विरोधी छवि वाले और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को प्राथमिकता दी है. सूत्रों के मुताबिक, ये नियुक्तियां Gen-Z प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों जैसे- पारदर्शिता, सुशासन और युवा प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखकर की जा रही हैं.
ओमप्रकाश अर्याल (गृह मंत्री): सुप्रीम कोर्ट के चर्चित वकील अर्याल सुशीला कार्की के भरोसेमंद सहयोगी माने जाते हैं. उन्होंने पिछली सरकारों के खिलाफ 50 से अधिक जनहित याचिकाएं (पेटिशन) दायर की हैं, जो मुख्य रूप से भ्रष्टाचार, पुलिस सुधार और नागरिक अधिकारों से जुड़ी थीं. उनकी नियुक्ति से कानून-व्यवस्था मजबूत करने की उम्मीद है, खासकर प्रदर्शनों के बाद की अस्थिरता को देखते हुए.
रामेश्वर खनाल (वित्त मंत्री): नेपाल के पूर्व वित्त सचिव खनाल आर्थिक सुधारों के प्रबल पक्षधर रहे हैं. उन्होंने कई बार बजट सुधार, कर प्रणाली में पारदर्शिता और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया है. नेपाल के आर्थिक संकट- जैसे विदेशी मुद्रा भंडार की कमी और महंगाई को संभालने के लिए उनकी विशेषज्ञता महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.
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कुलमान घीसिंग (ऊर्जा मंत्री): नेपाल विद्युत प्राधिकरण (NEA) के पूर्व महानिदेशक घीसिंग ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए मशहूर हैं. उनके नेतृत्व में लोडशेडिंग समाप्त हुई और जलविद्युत परियोजनाओं को गति मिली. विशेष रूप से, नेपाल-भारत के बीच ऊर्जा समझौते में उनकी अहम भूमिका रही, जिसके तहत अगले 10 वर्षों में 10,000 मेगावाट बिजली व्यापार का समझौता संभव हुआ. यह नियुक्ति भारत-नेपाल संबंधों को मजबूत करने में भी सहायक होगी.
बालानंद शर्मा (रक्षा मंत्री): नेपाली सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल बालानंद शर्मा ने माओवादी लड़ाकों के नेपाली सेना में समायोजन (इंटीग्रेशन) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 2006 के शांति समझौते के बाद यह प्रक्रिया संवेदनशील रही. बालानंद शर्मा की सैन्य पृष्ठभूमि नेपाल की रक्षा नीतियों को स्थिरता प्रदान करेगी.
पारस खड़का (युवा तथा खेलकूद मंत्री): नेपाली क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान पारस खड़का युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं. उनकी नियुक्ति Gen-Z आंदोलन की भावना को प्रतिबिंबित करती है, जो युवा सशक्तिकरण पर जोर देता है.
असीम मान सिंह बस्नेत (फिजिकल इंफ्रा एवं यातायात मंत्री): नेपाल में शेयर राइडिंग ऐप पठाओ (Pathao) के फाउंडर बस्नेत उद्यमिता के प्रतीक हैं. उनकी तकनीकी समझ से नेपाल की सड़कों, पुलों और बुनियादी ढांचे में आधुनिकीकरण की संभावना है, जो नेपाल की कनेक्टिविटी चुनौतियों को हल करने में सहायक होगी.
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