Thursday 18/ 09/ 2025 

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पाकिस्तानी टीम का 70 मिनट में सरेंडर… एशिया कप में नहीं चला PCB का ‘धमकी बम’ – pakistan cricket match uae pcb surrender 70 minutes asia cup drama ntc

एशिया कप में पाकिस्तान क्रिकेट टीम का ‘धमकी बम’ पूरी तरह फुस्स हो गया. मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग ठुकराए जाने के बाद पाकिस्तान ने पहले UAE से मुकाबला खेलने से इनकार किया, लेकिन करीब एक घंटे के भीतर सरेंडर कर दिया और टीम मैदान पर उतरने के लिए मजबूर हो गई. अब सवाल उठ रहा है कि क्या पाकिस्तानी क्रिकेट टीम ने एशिया कप के मुकाबले में इज्जत और पैसे के बीच में पैसे को चुना है?

कारण, मैच से पहले धमकी भरी बात करने वाले पाकिस्तान ने 70 मिनट में सरेंडर कर दिया. पाकिस्तान की क्रिकेट टीम जो कह रही थी कि अगर मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को नहीं हटाया तो वह UAE से मैच नहीं खेलेंगी. लेकिन एक घंटे बाद ही टीम मैच खेलने को तैयार भी हो गई. वो भी तब जब ICC ने पाकिस्तान की किसी भी मांग को मानने से इनकार कर दिया. मतलब पाकिस्तान का ‘धमकी बम’ बुधवार को मैच से ऐन पहले भी नहीं चल सका. पाकिस्तान ड्रामा बुधवार शाम को मैच से पहले शुरू हुआ और करी 70 मिनट बाद सरेंडर कर मैच खेलने को तैयार हो गया.

पाकिस्तानी टीम के 70 मिनट में सरेंडर करने की कहानी

बुधवार शाम 6 बजे पाकिस्तानी क्रिकेट टीम होटल से नहीं निकली, जबकि टीम को लेने के लिए बस होटल की लॉबी में खड़ी थी. शाम 6 बजकर 10 मिनट तक टीम की किट भी बस में पहुंच चुकी थी. लेकिन फिर पीसीबी ने कहा कि टीम होटल में ही रुके, बस में ना बैठे. ना स्टेडियम जाए. इसके बाद शाम छह बजकर 40 मिनट पर खबर आई कि पीसीबी चीफ की रमीज राजा के साथ मीटिंग चल रही है. फिर शाम सात बजे तक खबर आई कि पीसीबी ने टीम को अब स्टेडियम जाने के लिए कह दिया है. शाम 7 बजकर 10 मिनट तक पाकिस्तानी टीम फिर होटल से स्टेडियम के लिए निकली, जबकि PCB की मांग को अनसुना करके रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को नहीं हटाया गया. यानी 70 मिनट में पाकिस्तानी टीम को सरेंडर करना पड़ा है.

पाकिस्तान की कोई मांग नहीं चली

ऐसे में देखा जाए तो पाकिस्तान के हाथ कुछ नहीं आया. कारण, पाकिस्तान ने मांग की थी कि मैच रेफरी को हटाओ. धमकी दी थी कि नहीं हटाया तो मैच नहीं खेलेंगे. फिर खबर आई रेफरी तो वही रहेंगे और पाकिस्तान UAE से मैच भी खेलेगा. जानकारी के मुताबिक PCB ने दो बड़ी मांगें ICC से की थीं. 

PCB की पहली मांग: PCB ने एशिया कप में मैच ऑफिशियेट करने वाले अंपायर एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की. पाकिस्तानी बोर्ड का आरोप था कि पायक्रॉफ्ट की अंपायरिंग में पक्षपातपूर्ण रवैया नजर आया और यह पाकिस्तान टीम के लिए न्यायसंगत नहीं था. PCB का कहना था कि ऐसे अंपायर के रहते टीम की सुरक्षा और निष्पक्ष खेल सुनिश्चित नहीं हो सकता.

PCB की दूसरी मांग: PCB ने ICC से भारतीय टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. बोर्ड का आरोप था कि सूर्यकुमार ने भारत-पाकिस्तान मैच में जीत के बाद राजनीतिक टिप्पणी की, जो क्रिकेट के मैदान और खेल की गरिमा के खिलाफ है. PCB ने ICC से अनुरोध किया कि यादव पर पेनल्टी लगाई जाए ताकि भविष्य में किसी खिलाड़ी द्वारा राजनीतिक टिप्पणी न की जाए. 

लेकिन ICC ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की ये दोनों मांगें खारिज कर दीं. 

सरकार की कठपुतली बनकर रहता है PCB

असल में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ऐसा है जिसका खुद पर कोई कंट्रोल तो होता नहीं. वो असल में पाकिस्तानी सरकार की कठपुतली बनकर रहता है. पाकिस्तानी पीएम के पास ही इसका सारा कंट्रोल होता है, जो बोर्ड के चुनाव अधिकारी को नियुक्त करते हैं. पीसीबी के दो सदस्य का नामांकन पीएम करते हैं. ऑडिट कमेटी के प्रमुख को भी वही नियुक्त करते हैं. चेयरमैन या पूरे बोर्ड को हटाने का अधिकार भी पाकिस्तानी पीएम के पास होता है.

क्यों बैकफुट पर आया पाकिस्तान?

PCB अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी दोहरी चुनौती में फंस गए थे. एक ओर उन्हें देश में अपनी इज्जत बचानी थी, दूसरी ओर करोड़ों रुपये का घाटा झेलने से बचना था. आखिरकार, उन्होंने धमकी देने की रणनीति अपनाई, लेकिन टूर्नामेंट से हटने का फैसला वापस लेना पड़ा. जबकि भारत से मैच हारने के बाद एक तरफ पाकिस्तानी जनता पीसीबी को कोस रही थी. दूसरी तरफ भारत के कप्तान ने हाथ ना मिलाने का जो स्टैंड लिया, उससे पाकिस्तानी मीडिया और पाकिस्तानी खिलाड़ी पीसीबी को ही कुछ ना कर पाने के नाम पर सवाल उठा रहे थे.

141 करोड़ का नुकसान देख पीछे हटा PCB?

न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से ये दावा सामने आया था कि अगर एशिया कप से पाकिस्तान उल्टे पांव लौट जाता तो पाकिस्तान की टीम को करीब 16 मिलियन डॉलर का नुकसान होता. यानी करीब 141 करोड़ रुपए का नुकसान. पीसीबी का वार्षिक बजट करीब 227 मिलियन डॉलर का है. ऐसे में 16 मिलियन डॉलर की चपत उसके राजस्व का लगभग 7 प्रतिशत खत्म कर देता. मतलब ये है कि पाकिस्तान एक मुल्क के तौर पर और पीसीबी एक बोर्ड के तौर पर दोनों को ये झटका होता. तो कहा जा रहा है कि इस झटके से भी बचने को पीसीबी ने यू टर्न लेकर सरेंडर करना जरूरी समझा.

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