Sunday 05/ 10/ 2025 

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N. Raghuraman’s column: It is our responsibility to teach young people the meaning of true manhood | एन. रघुरामन का कॉलम: युवाओं को असली मर्दानगी के मायने समझाना हमारी जिम्मेदारी है

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7 घंटे पहले

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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु - Dainik Bhaskar

एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

नियमित तौर पर युवा और नए कर्मचारियों के साक्षात्कार लेने वाले किसी व्यक्ति से पूछें कि वे उनके रिज्यूमे में क्या देखते हैं? वे आमतौर पर दो चीजें जांचते हैं– उनकी एजुकेशन और हॉबी। क्योंकि पहला क्षेत्र उन्हें बताता है कि वे सही उम्मीदवार से बात कर रहे हैं और हॉबी देखकर उन्हें बातचीत शुरू करने का जरिया मिलता है। उदाहरण के लिए, ज्यादातर लोग हॉबी में ‘रीडिंग’ लिखने की गलती करते हैं और साक्षात्कारकर्ता यहीं से शुरू हो जाता है कि ‘यंग मैन, आपको यहां देखकर अच्छा लगा।

चूंकि आपने बताया कि पढ़ना आपकी हॉबी है, तो कृपया बताएं कि आप अभी क्या पढ़ रहे हैं, कोई किताब या कुछ और?’ यकीन मानिए, यह सवाल उम्मीदवार को क्रिकेट में एक दाएं हाथ के लेग स्पिनर द्वारा फेंकी गई गुगली के जैसे हैरान कर देता है। आम तौर पर इसी के जवाब से तय हो जाता है कि उम्मीदवार का चयन होना चाहिए या नहीं। कई बार, इसके बाद पूछे गए दूसरे सवाल अप्रासंगिक हो जाते हैं।

हाल ही में कुछ लोगों का साक्षात्कार लेते समय मेरी निगाह उस सीसीटीवी पर गई, जहां सभी उम्मीदवार बैठे थे। एक लड़के ने अपनी दो अंगुलियों को रिवॉल्वर की तरह दिखाया और ऐसे ऊपर उठाया, जैसे उसने गोली चलाई हो। दूसरा लड़का हंसा और हाथ मिलाते हुए स्वीकार किया कि वह खेल हार गया।

मैंने इसे नोट कर लिया और उनकी बारी का इंतजार करने लगा। अंगुलियों से गोली चलाने वाला लड़का जब आया तो मैंने देखा कि उसने अपनी हॉबी के तौर पर ‘गेमिंग’ लिखा था। मैंने साक्षात्कार पैनल से अनुमति लेते हुए उम्मीदवार से पूछा कि ‘डिस्कॉर्ड कैसे काम करता है?’

उसका चेहरा एक बड़ी मुस्कान से चमक उठा, क्योंकि उसे उसकी पसंद का सवाल मिल गया था। वह पैनल को डिस्कॉर्ड के बारे में बताने लगा। दो चीजों को लेकर पैनल सदस्य हैरान थे– मैं खेल के बारे में कैसे जानता हूं और उम्मीदवार जवाब देते वक्त कितना आश्वस्त है।

डिस्कॉर्ड फ्री वॉइस, वीडियो और टेक्स्ट के जरिए सर्वर्स कहे जाने वाले समुदायों के बीच गेमिंग कम्युनिकेशन को सुगम बनाता है, ताकि खिलाड़ी आपस में मेलजोल बढ़ाकर समन्वय कर सकें। गेमर्स खेल के साथ–साथ टेक्स्ट चैट, वॉइस चैनल या अपनी स्क्रीन शेयर करके खेल को आगे बढ़ा सकते हैं।

डिस्कॉर्ड ओवरले के जरिए यूजर्स गेम छोड़े बिना इन फीचर्स का उपयोग कर सकते हैं, जबकि एक्टिविटीज जैसे खास फीचर से प्लेटफॉर्म के भीतर ही गेमिंग और मनोरंजन का लुत्फ एक साथ उठा सकते हैं। गेमर्स के लिए यह एक सर्वर की तरह काम करता है, जहां वे नए दोस्तों से मिलने के लिए वर्चुअल स्पेस में शामिल होते हैं।

तो, जब वह उम्मीदवार गेम के बारे में समझा रहा था तो पैनल सदस्य बस सुन रहे थे, क्योंकि वे गेम के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे। उम्मीदवार अति आत्मविश्वास में आ गया और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने लगा, जो उसे आक्रामक श्रेणी में डाल सकते थे।

उसके जाने के बाद हमने ब्रेक लिया और बात करने लगे कि कैसे हमारे युवा तीन चीजों के भंवर में फंस गए हैं : पहला, मर्दानगी का पुराना नजरिया। दूसरा, अच्छे आदमी या लीडर के चरित्र के बारे में वे क्या जानते हैं? और तीसरा, मर्दानगी को लेकर विकृत धारणा, जो आदमी के व्यक्तित्व की जटिलताओं को बताती है।

अगर हम दुनिया के हालिया घटनाक्रम को देखें तो पाएंगे कि गेमिंग फेस्टिवल्स पहले बड़े सांस्कृतिक माइलस्टोन के तौर पर संगीत को भी पीछे छोड़ रहे हैं। यूके के एक सर्वे में 90% किशोरों ने कहा कि संभवत: किसी कल्चरल फेस्टिवल से पहले वे किसी गेमिंग इवेंट में भाग लेंगे। टेक्टिकल फर्स्ट पर्सन शूटर वीडियो गेम्स की लोकप्रिय सीरीज में ‘काउंटर-स्ट्राइक’ जैसे खिताब भी हैं, जिन्हें ये किशोर जीतना चाहते हैं। इसमें दो टीमें- आतंकवादी और आतंकवाद विरोधी– आपस में प्रतिस्पर्धा करती हैं।

फंडा यह है कि आधुनिक संस्कृति में गेमिंग मीम्स और सोशल वीडियो का निरंतर प्रवाह ही युवाओं के लिए बुनियादी चीज बन चुका है। ऐसे में हालात बिगड़ने से पहले ही माता-पिता को उनका ध्यान वास्तविक समाज की ओर मोड़ना होगा, जो आज भी मानता है कि असली मर्दानगी एक अच्छा इंसान होने में ही है।

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