Friday 17/ 10/ 2025 

कैरिबियाई सागर में अमेरिका ने फिर किया हमला… ड्रग तस्करी कर रही शिप को बनाया निशाना – us attack drug smuggling ship caribbean sea venezuela tension ntcRajat Sharma's Blog | हरियाणा में दो पुलिसवालों की आत्महत्या: जाट-दलित टकराव से बचें‘गाजा में हत्याएं नहीं रुकीं तो अंदर घुसकर मार डालेंगे’, ट्रंप की हमास को खुली धमकी – trump threatens Hamas go in and kill if killings Gaza continue ntcभगोड़ों के लिए हर राज्य में स्पेशल जेल बने, रेड नोटिस के बाद पासपोर्ट रद्द किए जाएं: अमित शाहएक क्लिक में पढ़ें 17 अक्टूबर, शुक्रवार की अहम खबरेंPM मोदी ने आंध्र प्रदेश को दिए कई गिफ्ट, मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर में की पूजा, नायडू की हिंदी ने जीता दिलबिहार चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली लिस्ट आई, शकील अहमद और राजेश राम समेत 48 नाम – Congress releases its first list of 48 candidates for Bihar election ntcकर्नाटक कैबिनेट का बड़ा फैसला, सरकारी स्कूल और कॉलेज में RSS गतिविधियों पर लगेगी रोकZerodha फाउंडर नितिन कामत हुए हैकिंग का शिकार, लिंक क्लिक करते ही हैक हो गया X अकाउंट – zerodha founder nitin kamat x hacked what is ai phishing scam ttecm'PM मोदी और ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई', रूसी तेल को लेकर अमेरिका के दावों पर भारत का जवाब
देश

Rashmi Bansal’s column: Do something for society beyond your family | रश्मि बंसल का कॉलम: अपने प​रिवार के अलावा इस समाज के लिए भी कुछ कीजिए

12 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
रश्मि बंसल, लेखिका और स्पीकर - Dainik Bhaskar

रश्मि बंसल, लेखिका और स्पीकर

दीवाली की सफाई हर घर में होती है। मम्मियां रोती हैं- एक साल में ये कितना कूड़ा-करकट जमा हो गया। अब उठो, फोन छोड़ो, अपने हिस्से का काम करो। खोलो अलमारियां और देखो, सामान पुकार रहा है। हमें इस्तेमाल करो, या फिर हमें मुक्ति दो।

वो बैंगनी रंग की ड्रेस, जो आपने सेल में खरीद तो ली पर पहनी नहीं। जिसकी कमर टाइट है, हां वही। विदा कीजिए उसे प्यार से, किसी और की अमानत है। जो दे ना पाओ तो लानत है। वो पजामा जिसमें चार छेद हो गए हैं, उसको घसीटना बंद करें। पोंछे की सख्त जरूरत है, काट लो, अच्छा मुहूर्त है।

चलते हैं स्टडी रूम में, जहां एक जमाने में दो-चार ड्रॉअर कागज से भर जाती थीं। चिट्ठी-पत्री, रसीदें, इत्यादि, इत्यादि। अब वही हाल ईमेल के इनबॉक्स का हो गया है। तो एक-आध दिन इस जंक को हटाने में लगाएं। 4102 अनरीड मेल्स डिलीट करने से आपको काफी सुकून मिलेगा।

अब आते हैं असली धूल-मिट्टी पे, जो जाने कैसे कोने-कोने में फंसी हुई मिलती है। इस टेबल के पीछे, उस बेड के नीचे। ऊपर देखो तो मकड़ी का जाल, और सोफे के अंदर डॉगी के बाल। पंखे की तो बात ही न पूछें। उसका तो बेचारा बुरा है हाल। सोचने की बात ये है कि पंखा अपनी जगह पर, अपनी रफ्तार से अपनी ड्यूटी निभा रहा है। लेकिन फिर भी उस पर धूल बैठ जाती है, और वो काला दिखने लगता है।

इसी तरह हम अपनी जिंदगी में अपनी रफ्तार से चल रहे हैं, अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। लेकिन आस-पास के वातावरण से हम भी प्रभावित हो जाते हैं। बाहर की धूल-मिट्टी तो हम नहाकर साफ कर लेते हैं, मगर जो कचरा मन में इकट्ठा हो जाता है, उसका क्या? सोशल मीडिया की बेकार की बातें, दूसरों के विचार, उनके संस्कार, न चाहते हुए भी हमारी सोच पर कालिख जम जाती है। इसे भी तो साफ करना होगा।

कालिख की बात करें तो काले धन का जिक्र तो करना पड़ेगा। नोटबंदी के बाद कुछ दिनों तक थोड़ा संयम रहा, अब फिर वही प्रथा जोर-शोर से चल रही है। शायद इस वजह से कि हर कोई कर रहा है, तो मैं क्यों नहीं। लेकिन जरा सोचिए, क्या आप लक्ष्मी जी को सही मान-सम्मान दे रहे हैं?

मेहनत से कमाए धन और चोरी के धन में फर्क होता है। बड़े-बड़े करोड़पति जब मंदिर में पैसे चढ़ाते हैं तो क्या वो श्रद्धाभाव माना जाएगा? या फिर अपनी चोरी के पैसों से भगवान को कमीशन? सोने के पलंग पर ऐसे इंसान को वो चैन की नींद नहीं आएगी, जो एक ईमानदार नागरिक को आती है।

खैर, ऐसा नहीं कि सफाई का हर काम बोझिल है। कभी सामान छांटते हुए कुछ ऐसी चीज मिल जाती है, जिससे मन खुशी से झूम उठता है। आपके सोने के झुमके का पेंच, जो किसी कोने में लुढ़क के लुप्त हो गया था। या फिर बचपन में लिखी हुई एक डायरी जिसे पढ़कर पुरानी यादें ताजा हो गईं। ऐसे अनमोल रतन जब मिलें, इन्हें सम्भाल के रखिए। कागज फट जाता है, फोटो का रंग उड़ जाता है, इसलिए स्कैन करके सुरक्षित कीजिए। ताकि ये सुनहरी यादें कहीं खो ना जाएं।

सफाई के बाद आता है समय सजावट का। फूलमाला, रंगोली, कंदील और दीए- इनसे बनता है दिवाली वाला घर। अमावस्या की रात को राम और सीता के स्वागत के लिए पूरा शहर रोशनी से खिल उठता है। अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ना- यह एक संदेश है हम सब के लिए। अज्ञान से ज्ञान की तरफ, स्वार्थ से परमार्थ की तरफ। पिघलें वो दिल, जो हो गए हैं बरफ।

अपने परिवार के आगे, समाज के लिए कुछ कीजिए। अपने धन का एक छोटा हिस्सा तो दीजिए। शुरू करें अपने पास काम करने वालों के साथ। उनके बच्चों को दीजिए आगे बढ़ने में हाथ। आपकी दिवाली में मिठास हो, सारे कष्ट खलास हों। यही मेरी ग्रीटिंग है, डाइट करना चीटिंग है। खाओ और खिलाओ, खुशियां फैलाओ। और मन हो तो दो-चार पटाखे भी बजाओ। फूल, सामग्री, चोपड़ा लाओ। पधारो लक्ष्मी पधारो, म्हारे घर आवो। (ये लेखिका के अपने विचार हैं)

खबरें और भी हैं…

Source link

Check Also
Close



DEWATOGEL