Tuesday 02/ 12/ 2025 

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Pt. Vijayshankar Mehta’s column – If dishonesty is used to become rich, the result will be sorrow. | पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: धनवान होने में बेईमानी आई तो परिणाम में दु:ख मिलेगा

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2 घंटे पहले

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पं. विजयशंकर मेहता - Dainik Bhaskar

पं. विजयशंकर मेहता

लक्ष्मी जी के जितने स्वरूप देखने थे, देख लिए। दीपावली बीत गई। और बहुत सारे लोग दीपावली की विदाई के साथ-साथ घूमने-फिरने निकल गए। लेकिन ये सोचने-समझने का भी समय है। दीपावली के पहले लोग सफाई, डस्टिंग, सजावट, इस सब में व्यस्त हो जाते हैं। लेकिन दीपावली के बाद हमें पारिवारिक दृष्टि से स्वच्छता पर बहुत ध्यान देना चाहिए, क्योंकि स्वच्छता का संबंध स्थाई समृद्धि से है।

समृद्ध होने और धनवान होने में फर्क है। धन में जब शुद्धता रहती है तो उसे समृद्धि कहते हैं। परिश्रम, योग्यता, ईमानदारी से शुद्धता आती है। इसलिए कमाई में शुद्धता रखें, रहन-सहन में स्वच्छता रखें। हमारे धनवान होने में यदि बेईमानी आई तो दु:ख मिलेगा परिणाम में, और हमारी समृद्धि में यदि शुद्धता रही तो आनंद मिलेगा।

धन कमाया जाए, लेकिन उसे परोपकार में भी लगाया जाए। दिवाली के समय अमीरी और अमीर हो गई, ऐसे दृश्य देखने को मिले। साथ ही गरीबी और गरीब हो गई, यह बातें भी सामने आईं। पता नहीं ये खाई कब मिटेगी। पर हम संकल्प लें कि आने वाले वर्ष में जो भी धन कमाएं, दूसरों की मदद भी करें।

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