Tuesday 02/ 12/ 2025 

एक क्लिक में पढ़ें 2 दिसंबर, मंगलवार की अहम खबरेंपीएम मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति से की बात, कहा- भारत के लोग संकट की इस घड़ी में द्वीपीय राष्ट्र के साथ हैं खड़ेक्या है ‘जिहाद’ का मतलब, इस पर आमने-सामने क्यों हैं मौलाना मदनी और आरिफ मोहम्मद खानकर्नाटक में एक और ब्रेकफास्ट मीटिंग! अब डीके शिवकुमार के घर जाएंगे सिद्धारमैया, बन जाएगी बात?मेरठ में ब्यूटी पार्लर संचालिका की स्कूटी में दारोगा ने लगाई आग, पुलिसकर्मी पर 10 हजार मांगने का आरोप – meerut beauty parlour owner accuses cop of arson lohianagar lclarसंसद में हंगामे को लेकर विपक्ष पर भड़कीं कंगना रनौत, बोलीं- 'वे जितना हारते जा रहे हैं, उतना…'MP में भरभराकर गिरा 50 साल पुराना पुललोकसभा में इस हफ्ते वंदे मातरम् पर होगी चर्चा, पीएम मोदी भी हिस्सा लेंगे-सूत्रबिजनौर: जामा मस्जिद के पास दो बाइक सवारों पर लाठी-डंडों से हमला, CCTV वीडियो वायरल – bijnor bike riders attacked near jama masjid cctv viral lclarआसाराम की जमानत के खिलाफ नाबालिग रेप पीड़िता पहुंची सुप्रीम कोर्ट, गुजरात हाईकोर्ट ने दी है 6 महीने की बेल
देश

मां वैशाली से सांसद, पिता विधान पार्षद…. अब बेटी विधायक बनने के लिए उतरी चुनावी मैदान में – Gaighat assembly Komal singh contesting from jdu campaign with bullet lcly

बिहार की गायघाट विधानसभा सीट से इस बार जेडीयू ने कोमल सिंह को टिकट दिया है. वह पूरे क्षेत्र में बुलेट से घूम-घूमकर चुनाव प्रचार कर रही हैं. उनकी मां वैशाली से सांसद हैं, जबकि पिता विधान पार्षद हैं. 

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार वैशाली से सांसद वीणा देवी की बेटी कोमल सिंह भी चुनावी मैदान में हैं. उन्हें जेडीयू ने टिकट दिया. वह पूरे क्षेत्र में घूम-घूमकर चुनाव प्रचार कर रही हैं. राजनीतिक परिवार से होने के कारण अब कोमल भी चुनावी मैदान में विधायक बनने के लिए कूद गई हैं और बुलेट से घूम-घूमकर चुनाव प्रचार कर रही हैं.

हमें मिल रहा है लोगों का आशीर्वाद: कोमल सिंह

कोमल से जब ‘आजतक’ ने बात की तो उन्होंने कहा कि मैं हाथ जोड़कर प्रणाम करती हूं और मैं हमेशा कहती हूं कि मुजफ्फरपुर के गायघाट विधानसभा के हर घर में मेरे चाचा, चाची, दीदी भैया रहते हैं. मैं उनके बीच जा रही हूं. उनका आशीर्वाद ले रही हूं और मुझे उनका पूरा आशीर्वाद मिल रहा है.

बिहार चुनाव की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें

बिहार विधानसभा की हर सीट का हर पहलू, हर विवरण यहां पढ़ें

यह भी पढ़ें: ललन सिंह के खिलाफ चुनाव आयोग का एक्शन, मतदाताओं को रोकने वाले बयान पर FIR दर्ज

लोगों का विश्वास मेरे साथ है. यहां के सब लोग जानते हैं कि 1990 से लेकर 2015 तक बिहार में महागठबंधन की सरकार थी. वहीं, दो 2005 से अब तक एनडीए की सरकार है. ऐसे में सभी लोगों ने तुलना करके देख लिया है कि बिहार की उस समय क्या परिस्थिति थी. नब्बे के दशक में बिहार में सड़कें नहीं थी. पुल पुलिया नहीं था.

जीतूंगी तो महिलाओं के लिए रोजगार और युवाओं को दूंगी शिक्षा

बिहार में बिजली नहीं था, पानी नहीं था. महिलाएं तो दूर की बात पुरुष भी छह बजे शाम के बाद अपने घर ऐसी बाहर नहीं निकाल सकते थे.शिक्षा की अच्छी व्यवस्था नहीं थी.स्वास्थ्य की अच्छी व्यवस्था नहीं थी. मैंने एमबीए सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी पुणे से किया है. उसके बाद में नौकरी कर रही थी. मेरा एक ही लक्ष्य था कि मैं बिहार में अपने लोगों के बीच रहूं. अपने माता-पिता को लोगों का सेवा करती देख रही हूं.

—- समाप्त —-


Source link

Check Also
Close



DEWATOGEL


DEWATOGEL