Pt. Vijayshankar Mehta’s column – Whatever you are doing, do 10% of it in a way that is service. | पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: जो भी आप कर रहे हैं, उसमें 10% ऐसा करिए जो सेवा हो

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3 घंटे पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
समय आ गया है, बिकने के लिए तैयार हो जाएं। लेकिन पहले अपनी कीमत तय कर लें। जिस वातावरण में आजकल हम जी रहे हैं, यह खरीद-फरोख्त की दुनिया है। तो जो भी आपकी कीमत है, उसको तराश लें और बाजार में आप उतरे ही हुए हैं। बस ध्यान रखें कि आपकी कीमत बराबर लग जाए, लेकिन आप नीलाम ना हो जाएं। डिजिटल मीडिया पर तो चौबीस घंटे सौदेबाजी चल रही है।
आपको पता भी नहीं लग रहा और आप बेचे और खरीदे जा रहे हैं। जिन संतों का मूल्य शास्त्रों के आधार पर था, उनके बोल भी रुपए के कागज से तौले जा रहे हैं। पहले शास्त्रों की समझ से विद्वत्ता तय होती थी, आजकल डिजिटल मीडिया पर रिव्यू कितने हैं, इससे व्यक्तित्व नापा जाता है। ऐसे में अपने मूल्य को शुद्ध कैसे रखें?
कहा जाता है कि 10% दान करें तो मूल आय शुद्ध हो जाती है। तो जो भी आप कर रहे हों, उसमें से 10% कुछ ऐसा करिए- जिसका नाम सेवा है। किसी भी क्षेत्र में ईमानदारी से सेवा कर लीजिए तो ये खरीद-फरोख्त हमको अशांत नहीं करेगी।
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