Pt. Vijayshankar Mehta’s column- The Commission has cancelled the order of the insurance company, it will have to be resolved on merits. | पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: बीमा कंपनी के आदेश को आयोग ने निरस्त किया, गुण दोष पर निराकृत करना होगा

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44 मिनट पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
माया है क्या? साधारण भाषा में इसको जादू कहते हैं और अंग्रेजी में इल्यूज़न। जादू वही होता है, जो दिखता है वो होता नहीं, जो होता है वो दिखता नहीं। माया भी ऐसी है। दुनिया का सबसे बड़ा जादूगर वो ऊपर बैठा ईश्वर है। इसीलिए उसको मायापति भी कहा है। तो शिव जी ने पार्वती जी से कहा- प्रभु माया बलवंत भवानी, जाहि न मोह कवन अस ग्यानी। प्रभु की माया बड़ी बलवती है।
ऐसा कौन ज्ञानी है, जिसे वह ना मोह ले? यहां माया के साथ ज्ञानी शब्द आया है। यानी बड़े से बड़े समझदार, विद्वान, तपस्वी को भी माया अपने चक्कर में ले लेती है। एक शब्द है डी-क्लटर। इसका अर्थ है जो भी गैर जरूरी है, उसे हटा देना। हम अपने जीवन में बहुत सारी गैर जरूरी चीजें लाद लेते हैं।
हम माया से मोहित होकर समझते हैं कि ये सब हमारे लिए जरूरी हैं। आजकल तो माया मोबाइल में नोटिफिकेशन के जरिए आती है। दिन भर जो कुछ भी मोबाइल पर हमारे पास आता है, सब माया है। पर जिन्हें माया से बचना हो, उन्हें गैर जरूरी बातें हटा देनी चाहिए।
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