धूल में मिले 9 पाकिस्तान आतंकी अड्डों की कहानी, अस्पताल की आड़ में छिपाया असली चेहरा, यहीं कसाब ने ली थी ट्रेनिंग


अजहर मसूद
बीते महीने की 22 अप्रैल को आतंकियों ने कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद से पूरा देश गुस्से से उबल रहा था और पाकिस्तान को सबक सिखाने के एक्शन का इंतजार था। अब देश के लोगों की ये ख्वाहिश भी पूरी हो गई है। बीते रोज भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया और पाकिस्तान में बने 9 आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया। इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकियों को दोजख में जगह मिली और जिन आलीशान इमारतों में आतंकी मंसूबे पनपा करते थे वे अब जमींदोज हो गए हैं। इनमें से यून सर्टिफाइट आतंकी मसूद अजहर का आलीशान आशियाना भी शामिल है जहां 2 दशक से आतंकी योजनाओं को अमलीजामा पहनाया गया। हम इस खबर में आपको बताते हैं इन सभी आतंकी पनाहगाह इमारतों की कहानी।
कौन है मसूद अजहर?
शैतानी गोल चेहरा, लंबी दाढ़ी से टपकता आतंक और आंखों में मौत का मंजिर लिए ये सख्श मसूद अजहर है जो पूरी दुनिया में आतंक का पर्याय बन गया है। साल 2001 में संसद हमलों से लेकर 2019 में पुलवामा अटैक तक का सूत्रधार आताताई मसूद अजहर दुनिया का सबसे घृणित आतंकी संगठन ‘जैश-ऐ-मोहम्मद’ चलाता है। इस आतंकी संगठन ने भारत समेत पूरी दुनिया में अपना आतंक फैला रखा है। 56 साल का मसूद अजहर पाकिस्तान के बहावलपुर में पैदा हुआ था। यहां मदरसे से 8वीं तक की पढ़ाई करने के बाद 90 के दशक में मसूद ने ‘हरकत-ऐ-मुजाहिद्दीन’ (Harkat-ul-Mujahideen) ज्वाइन कर लिया। एक सरकारी स्कूल अध्यापक का बेटा मसूद 3 दशक से जिहाद के नाम पर आतंक फैला रहा है। 2000 के दशक में हरकत ऐ मुजाहिद्दीन में उसने ट्रेनिंग ली और अपने इस्लामिक आड़ में लोगों का ब्रेनवॉश करने लगा। लेकिन 90 के दशक में मसूद अपने कश्मीरी दौरे पर आया। लेकिन यहां भारतीय सेना ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसे जेल में बंद कर दिया गया। लेकिन यहां जेल में बंद होने के बाद मसूद अजहर के समर्थक आतंकियों ने साल 1999 में भारत का एक प्लेन हाईजेक कर लिया। इसके बाद आतंकी मसूर को कुछ और साथियों के साथ छोड़ना पड़ा। इसके बाद मसूद अजहर पाकिस्तान लौटा और अपने आतंकी मंसूबों के पीछे पड़ गया। मसूद ने अपने घर के पास अपने आतंक का साम्राज्य खड़ा किया। अब हम आपको बताते हैं पाकिस्तान की उन इमारतों की कहानी जिनके अंदर बैठकर ये आतंकी नापाक मंसूबों का प्लान तैयार करते थे। हालांकि अब ये 9 इमारतें धूल में मिल गई हैं और आतंकी मसूद अजहर का आलीशान आशियाना भी धूल चाटता दिख रहा है।
1-मर्कज-ऐ-शुभानअल्लाह: कराची-टोरकाम हाइवे पर बने शहर बहावलपुर आतंकी मसूद अजहर का घर रहा है। यहीं पैदा होने के कारण यहां उसका दबदबा है और यहां 2008 में इस जगह की नींव पड़ी थी। लोकल रिकॉर्ड्स की मानें तो 2008 में 15 लाख पाकिस्तान रुपयों में 9 एकड़ का प्लॉट खरीदा गया था। इसी जगह पर मर्कज-ऐ-शुभानअल्लाह बनाया गया। इसके अंदर के मस्जिद, स्वीमिंग पूल और रहने के लिए जगह बनाई गई है। इसे मसूद अजहर के भाई अब्दुल राउफ असगर अल्वी के नाम पर खरीदा गया था। मसूद अजहर ने इस जगह को अपने आतंकी संगठन ‘जैश-ऐ-मोहम्मद’ का हेडक्वार्टर बनाया। साल 2019 में पुलवामा हमले की प्लानिंग यहीं से की गई थी। यहीं पर मसूद अजहर अपने परिवार के दूसरे आतंकियों के साथ यहां रहता था। लेकिन अब ये जगह जमींदोज हो गई है और इसके बर्बाद होने के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। यहां पर आतंकियों की ट्रेनिंग और ब्रेनवॉश किया जाता रहा है। लेकिन बीते रोज भारतीय सेना ने लॉन्च अपने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत इस जगह को खाक कर दिया है। इसमें मसूद के 10 से ज्यादा घरवाले भी मौत के घाट उतर गए हैं। बीते साल यहीं से मसूद अजहर ने 30 नवंबर 2024 को भारत के खिलाफ जहर उगला था और बाबरी मस्जिद का बदला लेने का हुंकार भरा था।
2-‘मर्कज तैऐबा और लश्कर-ऐ-तैयबा’: पाकिस्तान के पंजाब में पड़ने वाले शहर शेखूपुरा में साल 2000 में ‘मर्कज-ऐ-तैयबा’ को बनाया गया था। 82 एकड़ में फैली ये आतंकी जगह ‘लश्कर-ऐ-तैयबा’ का ट्रेनिंग सेंटर है। इसके अंदर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, मदरसा और शॉपिंग बाजार है। साथ ही यहां खेती भी की जाती रही है। यहां आतंकियों की फिजिकल ट्रेनिंग की व्यवस्था थी। यहां पर एक सूफा अकादमी भी है जो इस्लामिक कट्टरता का पाठ पढ़ाने के लिए जानी जाती है। यहां पर आतंकी मंसूबों को अंजाम देने के लिए युवाओं को भर्ती कर लाया जाता है और ब्रेन वॉश कर उन्हें आतंक की ट्रेनिंग दी जाती है। यहां 1000 से ज्यादा आतंकियों की पढ़ाई कराई जा रही थी। इस आतंकी संगठन को 1 करोड़ रुपयों में ओसामा बिन लादेन ने बनवाया था। मुंबई हमलों का मुख्य आरोपी अजमल कसाब ने भी यहीं से ट्रेनिंग ली थी। इसके साथ ही मुंबई हमलों के सूत्रधार डेविड कोलमैन और तहाव्वुर राणा भी इसी सेंटर में बैठकर योजना बनाते थे। साल 2001 में यूके, अमेरिका, 2002 में भारत और 2003 में ऑस्ट्रेलिया ने इसे आतंकी संगठन घोषित कर दिया था।
3-‘सरजाल/तेहरा कलां फैसिलिटी’: पाकिस्तान के पंजाब में पड़ने वाले नरोवाल जिले में तेहरा कलां नाम का गांव है। यहां पर प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर है जिसके अंदर यहां आतंके मंसूबों को अंजाम देने का काम होता रहा है। इसका रखरखाव पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एंजेसी आईएसआई करती है। इस आतंकी जगह का मुख्य उद्देश्य भारत में दाखिल होने के लिए सुरंग खोदने का होता है। पाकिस्तान की आईएसआई और जैश-ऐ-मोहम्मद ने अंडर ग्राउंड सुरंगों का एक जाल भी बना लिया है। यहां से ड्रोन्स भी लॉन्च किए जाते हैं और साथ ही आतंकी हमलों का एक कंट्रोल रूम के तौर पर भी इस्तेमाल होता है। यहां 6-7 कमरों में डॉक्टर बैठते हैं और इसके पूछे के 2 कमरों में जैश-ऐ-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठन ऑपरेट होते हैं। जैश-ऐ-मोहम्मद के आतंकी मोहम्मद अदनान अली और काशिफ जन यहां अक्सर ही विजिट करते रहते हैं। अब ये जगह भी धूम में मिल गई है।
4-मेहमूना जोया फैसिलिटी: पंजाब के सियालकोट जिले में मेहमूना जोया फैसिलिटी इन आतंकियों के लिए अहम रही है। यहां पर आतंकियों के मंसूबों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाता रहा है। यहां पर आतंकियों के ट्रेनिंग दी जाती है और जम्मू-कश्मीर के लिए खास ट्रेनिंग दी जाती थी। आतंकी मोहम्मद इरफान खान या इरफान टांडा इस फैसिलिटी का कमांडर था। ये आतंकी जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों का सरगना रहा है। 1995 में इरफान टांडा ने जम्मू-कश्मीर के मौलाना आजाद स्टेडियम में बॉम्बिंग कराई थी जिसमें 8 लोग मारे गए थे और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस आतंकी हमले में कश्मीर के गर्वनर केवी कृष्णा राव भी बाल-बाल बचे थे। इसके साथ ही यहीं पर आतंकी इरफान गुमान भी इसी फैसिलिटी का आतंकी है जो कई हमलों का सरगना रहा है। इस जगह पर भी भारत ने जोरदार मिसाइल मारी है।
5-‘मर्कज अहले हदीथ बरनाला’: पाकिस्तान के बरनाला कस्बे में बना ये आतंकी अड्डा भारत में घुसपैठ करने वाले आतंकियों के लिए मददगार रहा है। यहां 100-150 आतंकियों की जगह है और हमेशा ही 50 से ज्यादा आतंकी मौजूद रहते हैं। लश्कर-ऐ-तैयबा के आतंकी कासिम गुज्जर, माहोरे, कासिम खांडा और अनस जहर जैसे आतंकी यहीं के कीड़े हैं। इसी फैसिलिटी के 2 और आतंकी सैफुल्ला सज्जाद जट और अबु कतल सिंधी भी रजौरी में कई बार हमला करा चुके हैं। साल 2001 में इस जगह को आतंकी संगठन घोषित कर दिया गया था।
6-मर्कज अब्बास: पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर के कोटली में बना ये आतंकी अड्डा पाकिस्तान आर्मी बेस कैंप से महज 2 किमी दूर है। यहीं पर ‘हरकत उल मुजाहिद्दीन’ संस्थान से निकलकर मसूद अजहर समेत अब्दुल शाकूर, करी जरार के साथ दूसरे आतंकियों ने इसकी शुरुआत की थी। करी जरार यहां का कमांडर था और तीन मंजिला बिल्डिंग में रहता था। 2016 में नागोरता के पास आतंकी हमला का मास्टरमाइंड करी जरार भी यही से ऑपरेट करता रहा है। अब इस आतंकी अड्डे को भारत ने तबाह कर दिया है।
7-मस्कार रहील शाहिद: पाकिस्तान के कोटली जिले में बना ये आतंकी अड्डा पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर में पड़ता है। यहीं पर आतंकियों के आर्म्स और एम्यूनेशन रखा रहता है। यहां पर 150-200 आतंकियों के पनाह की जगह थी। यहां पर आतंकियों की बंदूक चलाने की ट्रेनिंग होती थी और दूसरे हथियारों को चलाना सिखाया जाता था। यहां पर सैयद सलाहुद्दीन नाम का आतंकी नए नवेले आतंकियों को सिखाया करता था। साल 2017 में यहां के आतंकी सलाहुद्दीन को अमेरिका ने भी आतंकी घोषित कर दिया था। अब इस जगह पर भी भारत के ऑपरेशन सिंदूर के धमाके देखने को मिले हैं।
8-‘सवाई नाला कैंप’: साल 2000 में इस आतंकी कैंप की शुरुआत की गई थी और नए आतंकियों को भर्ती के बाद यहीं रखा जाता था। पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर के मुजफ्फराबाद में पड़ने वाले इस कैंप में करीब 40 कमरे हैं और यहां ट्रेनिंग दी जाती रही है। लश्कर-ऐ-तैयबा का ये मुख्य अड्डा रहा है। यहां पर आतंकियों को फिजिकल ट्रेनिंग के साथ मैप और दूसरे एक्विपमेंट चलाने की तरकीब सिखाई जाती हैं। इसके साथ ही इस कैंप का इस्तेमाल समय के साथ दूसरे आतंकी हमलों की साजिश रचने के लिए भी किया जाता रहा है। अजमल कसाब ने भी यहां से ट्रेनिंग ली थी। साल 2023 के बाद से यहां आतंकियों की हलचल बढ़ गई थी और साथ ही यहां पर कंस्ट्रक्शन भी देखने को मिल रहा था। अब इस आतंकी अड्डे पर भी ऑपरेशन सिंदूर का कहर बरसा है।
9-सैयदना बिला मार्केज: पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर के मुजफ्फराबाद में ही ये आतंकी अड्डा बना है। यहां आगे से हजाम सेंटर दिखता है और ये एक तरह के जैश-ऐ-मोहम्मद का आर्थिक अड्डा रहा है। इस सेंटर का इंजार्च आतंकी मुफ्ती असगर खान है। अब्बदुल्लाह जिहादी और आशिक नेनगुरू भी इस सेंटर से ऑपरेट करते रहे हैं। यहीं से 2016 में आर्मी कैंप पर हुए हमले के आतंकी गए थे। इस सेंटर का आतंकी असगर खान भी मसूद अजहर का करीबी माना जाता है। असगर खान ही पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड्स में से एक था। आशिक नागरू अब तक कश्मीर में कई हमले करा चुका है। जैश-ऐ-मोहम्मद का कमांडर सरफराज भी यहीं से ऑपरेट करता है। अब भारत ने इन सभी आतंकी अड्डों को धूल में मिला दिया है।