“पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पास निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है”, पूर्व राजदूत का बड़ा खुलासा


पूर्व भारतीय राजदूत वीना सीकरी
नई दिल्लीः ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पूर्व भारतीय राजदूत वीना सीकरी ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के पास वास्तव में कोई निर्णय लेने का अधिकारी और शक्ति नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सत्ता की बागडोर अब पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व विशेष रूप से इसके सेना प्रमुख और वास्तविक शक्ति केंद्र जनरल असीम मुनीर के पास है।
सीकरी ने तेहरान की अपनी यात्रा के दौरान शाहबाज शरीफ के हालिया बयान पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि “दुख की बात है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पास कोई अधिकार नहीं है। वास्तविक अधिकार और शक्ति अब नए फील्ड मार्शल असीम मुनीर के हाथों में है।
वीना सीकरी ने कही ये बात
वीना सीकरी की टिप्पणी ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें भारतीय सेना ने सीमा पार कई आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया था। इसके बाद, पाकिस्तानी सेना ने एक विवादास्पद कदम उठाते हुए इन शिविरों को मरम्मत करने की योजना की घोषणा की। सेना ने घोषणा की कि ऑपरेशन के दौरान मारे गए आतंकवादियों के परिवारों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि वित्तीय सहायता कथित तौर पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से प्राप्त हालिया फंडिंग के माध्यम से की जा रही है।
अब पीओके पर हो बातः सीकरी
सीकरी ने आगे कहा कि पाकिस्तान सरकार “एक काल्पनिक दुनिया में जी रही है” और इस्लामाबाद से नई क्षेत्रीय वास्तविकताओं को समझने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, अब एकमात्र चर्चा इस बारे में होनी चाहिए कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भारत को कैसे लौटाएगा।
बता दें कि सोमवार को भुज में एक भाषण के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की लंबे समय से चली आ रही नीति को दोहराया कि “आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते।” पीएम मोदी ने कहा कि “आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते,” यह स्पष्ट करते हुए कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को निर्णायक रूप से समाप्त नहीं करता, तब तक पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत संभव नहीं है।
(इनपुट-एएनआई)