Friday 10/ 10/ 2025 

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N. Raghuraman’s column – Is AI taking control of everything in our lives? | एन. रघुरामन का कॉलम: क्या एआई हमारी जिंदगी में हर चीज पर नियंत्रण कर रहा है?

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1 मिनट पहले

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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु - Dainik Bhaskar

एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

‘आपके पास हरी सब्जियों की ट्रे में बैंगन, भिंडी, हरी फलियां और सफेद कद्दू बचे हैं। सलाद की चीजें इतनी शेष हैं, जो अगले दो दिनों तक 10 बार परोसी जा सकती हैं। फल समाप्त हो चुके, क्योंकि अंतिम सेब आपने आज सुबह ले लिया था। दूध चार कॉफी के लिए पर्याप्त है।’

मेरी मित्र की रसोई से अंग्रेजी लहजे में लगातार एक ऐसी असामान्य-सी आवाज आ रही थी, जैसी मैंने पहले कभी नहीं सुनी थी। मैं उसकी रसोई में झांकते हुए सोच रहा था कि शायद उसकी मां विदेश से आई हैं और उसने मुझे इस बारे में नहीं बताया। लेकिन यह तो उसका चैटजीपीटी था, जो उससे बात कर रहा था।

मेरी मित्र ने मेरी ओर देखते हुए उसे स्विच ऑफ कर दिया और हंसते हुए बोली कि ‘यह मेरा नया असिस्टेंट है, जिसे मुझे तनख्वाह देने की जरूरत नहीं है।’ हां, उसका एआई असिस्टेंट। मैंने कहा ‘तुमने ऐसा क्या पूछ लिया, जो यह इतना बोल रहा था?’

उसने कहा, ‘मैंने पूछा था कि क्या तुम आज के दोपहर और रात के खाने की योजना बता सकते हो’? और इसी पर यह फ्रिज में मौजूद सामान की सूची बता रहा था। यदि मैं इसे स्विच आॅफ नहीं करती तो शायद ये मेनू प्लान भी बताता।

तब उसने बताया कि ज्यादातर लोग जहां चैटजीपीटी को एक पसंदीदा सर्च इंजन की तरह इस्तेमाल करते हैं, वहीं वह इस एआई टूल को अपने निजी सहायक की तरह मानती है। उसका एआई उसके बच्चों के नाम और राशि जानता है।

बच्चों की लर्निंग प्रोफाइल, उनकी म्यूजिक और डांस की एक्स्ट्रा क्लासेस, मित्र का जिम का समय और सप्ताह में तीन दिन वाली योगा टीचर की तारीखों समेत उसे बहुत-सी चीजें पता हैं। इसीलिए वह ऐसे किसी व्यक्ति की तरह जवाब दे रहा था, जो उसके परिवार को जानता हो।

मेरा अगला सवाल था कि इसे कैसे पता कि तुम्हारे फ्रिज में क्या है? उसने कहा कि जैसे हम ट्रे से सब्जियां निकालते वक्त अपने कुक या मेड को कहते हैं कि ‘सब्जियां खत्म हो रही हैं और केवल ये चार चीजें ही बची हैं, वैसे ही हमें इस सहायक से भी बात करनी होती है, भले ही घर में कोई नहीं हो।’

मैंने पूछा कि वह यह सब कैसे करती है? उसने बताया कि इसे शुरू करने के लिए चैटजीपीटी एप को खोलो, कस्टम इंस्ट्रक्शंस या मेमोरी सेटिंग्स पर जाओ और इसे अपने जीवन के बारे में बताओ। जैसे हम अपनी सहायता के लिए घर पर आई नई बेबीसिटर या नई मेड अथवा नए हाउस मैनेजर को घर की हर एक जानकारी के बारे में बताते हैं।

इस टूल को भी घर के हर एक सदस्य का नाम बताओ। जिस तरीके से हम अपने नए घरेलू सहायक को सिखाते हैं, ठीक उसी तरीके से इससे भी बात करनी होगी। समय के साथ यह प्रासंगिक और व्यक्तिगत रूप से जवाब देना शुरू कर देगा।

यह हमारी किराने की दुकान का टेलीफोन नंबर याद रख सकता है और हमारे कहने पर खुद ही इसे डायल भी कर सकता है। इसके लिए हमें चैटजीपीटी के वॉइस फीचर को काम में लेना होगा, जिस पर हेडफोन का निशान है, और फिर स्वाभाविक रूप से बोलना होगा।

मशीन के लहजे की तरह मत बोलना। अपनी सहज शैली ही रखना। यह रीयल टाइम में जवाब देगा, चाहे हम ड्राइव कर रहे हों, कपड़े तह कर रहे हों, डाइनिंग टेबल साफ कर रहे हों, या मेट्रो ट्रेन का इंतजार कर रहे हों।

संक्षेप में, यह किराने की योजना बता सकता है, ईमेल लिख सकता है, यहां तक कि आपके 10 साल के बच्चे को 13 का पहाड़ा बता सकता है, स्पेलिंग क्विज बना कर उन्हें व्यस्त रख सकता है। यह बेहतर से और बेहतर होता जाता है। जैसे आपके यहां कई वर्षों से काम करने वाला घरेलू सहायक, जो आपके और आपके परिवार के बारे में सबकुछ जानता है।

फंडा यह है कि एआई को सर्च इंजन की तरह नहीं, बल्कि एक असिस्टेंट की तरह इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा असिस्टेंट, जो आपका मानसिक भार अपने पर ले सकता है। यह एक ब्रेनस्टॉर्मिंग दोस्त, मेमोरी स्टोर करने वाला हार्ड ड्राइव और चौबीसों घंटे का एक ऐसा निजी सहायक हो सकता है, जिसे तनख्वाह देने की जरूरत नहीं है।

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