Lip fillers and beauty obsession – सुई की चुभन और खूबसूरती का खतरनाक जुनून…होठों को बढ़ा करने के लिए लिप फिलर्स करा रहे यंगस्टर्स, डॉक्टर्स ने बताया कितना सेफ? – Lip fillers are becoming a dangerous beauty obsession Gen Z and womens know all about Lip augmentation Types Side Effects Risks of fuller plumper lips tvism

Lip fillers and beauty obsession: आज के समय में लड़कियां अपनी फिटनेस और लुक्स पर अधिक ध्यान देती हैं. मेकओवर के साथ-साथ पिछले दशकों से उनका रुझान कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट्स की ओर भी बढ़ गया है. दुनिया के साथ-साथ भारत में भी एक कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट जो काफी चलन में है, वो है लिप फिलर्स. हाल ही में ऊर्फी जावेद का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उनका चेहरा और होंठ काफी सूजे हुए थे. फिर जानकारी में सामने आया था कि उन्होंने 9 साल बाद अपने लिप फिलर्स हटवाए थे जिसके कारण उनके चेहरे पर इतनी सूजन थी. उर्फी की तरह भारत की कई लड़कियां भी अच्छा दिखने के लिए लिप फिलर्स करा रही हैं. दरअसल, लिप फिलर्स से पतले होठों को मोटा, भरा हुआ और आकर्षक बनाया जा सकता है. जो लड़कियों अपने लिप्स का साइज और शेप बदलना चाहती हैं, वे इस ट्रीटमेंट की मदद लेती हैं.
अब इस बढ़ती हुई डिमांड के कारण सबको जानना काफी जरूरी है कि आखिर ये कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट क्या है, लागत कितनी होती है और इसके क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं? इस बारे में हमने 3 स्पेशलिस्ट से बात की और जाना. तो आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.
लिप फिलर्स क्या हैं?
बेंगलुरु के फोर्टिस हॉस्पिटल की कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. श्वेता श्रीधर ने Aajtak.in को बताया, ‘लिप फिलर्स जेनरेशन Z के बीच एक फेमस नॉन-सर्जिकल कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट है जो होठों का साइज और वॉल्यूम बढ़ाने का एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है. शरीर में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले हयालूरोनिक एसिड से बने, लिप फिलर्स नेचुरल लिप इनहांसमेंट का सबसे अच्छा तरीका हैं और जरूरत पड़ने पर इन्हें बदला भी जा सकता है.’
दिल्ली के डर्मेटोलॉजिस्ट और प्लास्टिक सर्जन डॉ. गौरांग कृष्णा ने बताया, ‘होठों को बढ़ाने के कई तरीके हैं जिनसे होठों का लुक अलग-अलग पाया जा सकता है. कुछ तरीके सीमित समय तक चलते हैं जबकि कुछ स्थायी होते हैं. लिप फिलर्स सीमित समय तक चलने वाला काफी अच्छा ऑपशन माना जाता है क्योंकि इनमें डर्मल फिलर्स का यूज किया जाता है जो सुरक्षित माने जाते हैं. इसे क्रॉस लिंक्ड पॉलिमर या क्रॉस लिंक्ड हयालूरोनिक एसिड कहते हैं. डर्मल फिलर्स जेल जैसे पदार्थ होते हैं जिन्हें FDA द्वारा अप्रूवल मिला हुआ है.’
‘लिप फिलर्स, डर्मल फिलर्स की उसी श्रेणी में आते हैं जिनका उपयोग स्किन वॉल्यूम को बढ़ाने और उम्र बढ़ने के कारण स्किन में आए अन्य लक्षणों का इलाज करने के लिए किया जाता है. बोर्ड सर्टिफाइड फेशियल कॉस्मेटिक सर्जन और अन्य क्वालिफाइड मेडिकल इंजेक्टर इन डर्मल फिलर प्रोडक्ट का यूज करके आपके होंठ को मनचाहा या सही आकार दे सकते हैं.’
‘दरअसल, शरीर में नेचुरल रूप से एक एसिड पाया जाता है जिसे हयालूरोनिक एसिड (HA) कहते हैं और लिप फिलर्स भी इनके ही बने होते हैं. सिंथेटिक हयालूरोनिक एसिड को लिप फिलर्स को इंजेक्शन के द्वारा आपके होठों की स्किन के नीचे इंजेक्ट किया जाता है जिससे होंठ का साइज बड़ा, क्लियर और उभार वाला हो जाता है. HA फिलर्स फॉर्मूले पानी से जुड़कर न सिर्फ होठों का वॉल्यूम बढ़ाते हैं, बल्कि उनकी नमी भी बढ़ाते हैं.’
कितना बड़ा है लिप फिलर्स का मार्केट?
लिप फिलर्स की डिमांड पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है. 2025 तक भी इसमें स्थिर वृद्धि देखी जा रही है. ग्लोबल बाजार की वृद्धि मुख्य रूप से कॉस्मेटिक्स की बढ़ती डिमांड, सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव, इंस्टाग्राम रील्स और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कारण आई है वहीं ऐसे वीडियोज ने ब्यूटी कॉस्मेटिक्स, ब्यूटी स्टेंडर्ड और लिप ऑग्मेंटेशन को भी काफी बढ़ा दिया है.
लिप फिलर्स मार्केट में एशिया आने वाले समय में काफी तेजी से आगे बढ़ सकता है क्योंकि यहां आय में वृद्धि, मेडिकल टूरिज्म का विस्तार और एस्थेटिक्स की मार्केट में डिमांड शामिल है. लोग फिलर्स के लिए दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, फिलीपींस, मेक्सिको, ब्राजील, तुर्की और ईरान जैसे देश भी जा रहे हैं. होंठ का साइज बढ़ाने और फिलर्स के मामले में ईरान पहले नंबर पर है. लिप फिलर्स कराने वालों में महिलाओं के साथ पुरुष भी शामिल हैं. अमेरिका में हर साल लगभग 1 लाख पुरुष फिलर इंजेक्शन लगवाते हैं.
फ्यूचर मार्केट इनसाइड (FMI) के मुताबिक, 2023 में लिप फिलर्स का मार्केट लगभग 4307 करोड़ का था. 2024 में यह बाजार लगभग 4480 करोड़ का हुआ. अब 2034 तक 3.6 चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ 6378 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. रेवेंस थेरेप्यूटिक्स, इंक. (अमेरिका), मेर्ज़ एस्थेटिक्स जीएमबीएच (जर्मनी), टेओक्सेन एसए (स्विट्जरलैंड), इप्सेन फार्मा (फ्रांस), मेडीटॉक्स, इंक. (दक्षिण कोरिया) जैसी कंपनियां लिप फिलर्स बाजार में प्रमुख खिलाड़ी हैं.
फ्यूचर मार्केट इनसाइड रिसर्च के मुताबिक, भारत में लिप फिलर्स के मार्केट सन् 2000 के बाद से लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. चूंकि यह एक सर्जिकल प्रोसीजर नहीं है इसलिए होंठ में लगाए जाने वाले इंजेक्शन अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं. 2023 के एनसीबीआई सर्वे के अनुसार, 18 से 29 वर्ष की आयु के 20.1 प्रतिशत और 40 से 49 वर्ष की उम्र के 38.4 प्रतिशत और 45.2 प्रतिशत लोगों ने फिलर्स करवाए हैं.
भारत में बढ़ते शहरीकरण, बढ़ती आय और कॉस्मेटिक सेल्फ-इंप्रूवमेंट के कारण, भारत का लिप फिलर मार्केट 2024 में एशिया पेसिफिक एरिया में सबसे बड़ी राजस्व हिस्सेदारी के लिए ज़िम्मेदार होगा. बॉलीवुड का प्रभाव, डिजिटल ब्यूटी कंटेंट और ब्यूटी प्रोडक्ट की उपलब्धता लड़कियों को इसे अपनाने को बढ़ावा दे रही हैं. किफायती ट्रीटमेंट, कॉस्मेटिक क्लिनिक नेटवर्क का विस्तार और भारतीय लिप फिलर्स मार्केट में वृद्धि का मुख्य कारण हैं.
लिप फिलर्स की जरूरत किन लोगों को पड़ती है?
दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में डिपार्टमेंट ऑफ प्लास्टिक, रिकंस्ट्रक्टिव & एस्थेटिक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. कुलदीप सिंह ने Aajtak.in को बताया, ‘होठों में फिलर लगवाना एक निजी फैसला है. अपने होठों के आकार को सही करने, होठों की वॉल्यूम बढ़ाने, होठों की बाहरी लाइनिंग को सही करने, होठों के साइज को बढ़ा करने आदि कारणों से लोग लिप फिलर्स कराते हैं. लिप इम्प्लांट, लिप लिफ्ट जैसी लिप ऑग्मेंटेशन सर्जरी से बचने के लिए लिप फिलर्स को अधिक सुविधाजनक माना जाता है इसलिए लोग इसे कराते हैं.’
‘समय के साथ, धूम्रपान, अनुवांशिकी, सूर्य की रोशनी, एजिंग आदि का प्रभाव आपके लिप्स पर भी पड़ता है जिससे आपको लिप फिलर्स की जरूरत हो सकती है. लिप फिलर्स वे लोग ही कराते हैं जो अपने लुक को और निखारना चाहते हैं, जो ग्लैमर फील्ड से जुड़े हुए हैं या फिर जिनके पास डिस्पोबल इनकम है.’
लिप फिलर्स किस उम्र के लोग करा सकते हैं?
2023 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में एक रिसर्च पब्लिश हुई थी जिसमें नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (NCBI) का सर्वे का हवाला देते हुए बताया गया था कि 18-29 उम्र के 20.1 प्रतिशत लोगों ने फिलर्स लगवाए थे. जबकि 30-39 उम्र के 38.4 प्रतिशत और और 40-49 उम्र के 45.2 प्रतिशत लोगों ने फिलर्स लगवाए थे. इससे यह संकेत मिलता है कि सर्वे में शामिल यंग लोगों की अपेक्षा अधिक उम्र वाले फिलर्स अधिक लगवाते हैं.
अमेरिका में भी हर साल लगभग 1 लाख पुरुष लिप फिलर्स कराते हैं. अधिक से अधिक लोग अपनी ग्रूमिंग और फिजिकल अपीरियंस को और निखारने के लिए कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट करा रहे हैं.
भारत में लिप फिलर्स कौन लोग कराते हैं इस बारे में डॉ. कुलदीप ने बताया, ‘हमारे पास लिप फिलर्स के लिए हर एज ग्रुप के लोग आते हैं. इनमें यंग और ओल्डएज लोग शामिल हैं. पुरुषों की अपेक्षा लड़कियां और महिलाएं अधिक इस ट्रीटमेंट के लिए आती हैं. इन सभी की डिमांड होती है कि उनके लिप्स सही शेप में नहीं है और वे अच्छे शेप में लाने के लिए लिप फिलर्स कराना चाहते हैं.’
वहीं डॉ. गौरांग ने बताया, ‘उनके पास फिलर्स के लिए पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक आती हैं. हर महीने हमारे पास करीब 250 से अधिक लिप फिलर्स की पूछताछ के लिए कॉल आते हैं और लगभग 120-150 लोग लिप फिलर्स करा लेते हैं. अगर एज ग्रुप की बात की जाए तो हमारे पास 30 से 40 उम्र की महिलाएं अधिक फिलर्स कराती हैं. इसके बाद 22-25 साल की लड़कियां भी फिलर्स कराती हैं. पुरुषों की बात की जाए तो पुरुष अभी इस लाइन में महिलाओं से काफी पीछे हैं और मानकर चलें तो 100 में से 10 पुरुष भी फिलर्स नहीं कराते.’
लिप फिलर्स कितने समय तक चलते हैं?
डॉ. गौरांग ने बताया, ‘लिप फिलर्स आमतौर पर 9 से 12 महीने तक चलते हैं. हालांकि, यह आपकी उम्र और आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म पर भी निर्भर करता है. कुछ मामलों में यंग लोगों में फिलर्स आमतौर पर अधिक समय पर नहीं चलते इसके चलते उन्हें फिर से फिलर्स डलवाना होता है. लिप फिलर्स की सबसे अच्छी बात यही है कि इसे कभी भी फिर से डाला जा सकता है और इसे फिर से निकाला भी जा सकता है. यह जेल अंदर जाकर थिक हो जाता है जिससे लिप्स को वॉल्यूम मिलता है और धीरे-धीरे 9 से 12 महीने में ये डिसॉल्व हो जाता है.’
‘लिप फिलर्स निकालने और लगाने के 1-2 दिन तक सूजन रहती है लेकिन ऐसा नहीं है कि आपको किसी सर्जिकल प्रोसेस से गुजरना होता है. फिलर्स करवाने के बाद आप आसानी से अपनी डेली रूटीन के काम कर सकते हैं.’
लिप फिलर्स का प्रोसेस क्या होता है?
डॉ. गौरांग ने बताया, ‘पहले तो उनकी प्रॉब्लम समझते हैं कि एक्जेक्टली क्या प्रॉब्लम है. हम देखते हैं कि उनकी प्रॉब्लम फिलर्स से सही हो सकती है या नहीं. हमारे पास ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं जिससे हम बता सकते हैं कि फिलर के बाद उनका फेस कैसा दिखेगा. फिर उनकी पूरी काउंसलिंग करते हैं कि कैसे क्या प्रोसीजर होते हैं, उसके क्या फायदे हैं, क्या नुकसान हैं.’
‘यह काफी कम समय का प्रोसीजर होता है इसलिए इसे लंच टाइम प्रोसीजर भी कहते हैं. इसके लिए आपको कोई प्रिपरेशन करने की जरूरत नहीं होती. अगर कोई मेडिकल हिस्ट्री बता रहा है, डायबिटीज बता रहा है तो हम उससे संबंधित टेस्ट करा लेते हैं बाकी हेल्दी पर्सन के लिए कोई टेस्ट की जरूरत नहीं होती. आप तुरंत फिलर्स करा सकते हैं और उसके लिए आपक कोई खास प्रिकॉशन नहीं लेने होते. ना ही ऐसा होता कि आप खाना नहीं खा सकते, पानी नहीं पी सकते या फिर एक्सरसाइज नहीं कर सकते. आप सब कुछ कर सकते हैं.’
‘पेशेंट को बताया जाता है की थोड़ी बहुत स्वेलिंग आ सकती है तो आप अगर उस रात को कोई इम्पोर्टेंट फंक्शन है या कोई इम्पोर्टेंट मीटिंग है तो मत कराएं. ऐसे टाइम पर कराएं जब 2-3 दिन आपके लिए बहुत इम्पोर्टेंट पब्लिक अपीयरेंस ना हो.’
लिप फिलर्स के बाद सूजन, दर्द और जलन को कम करने के लिए 10 मिनट तक बर्फ की सिकाई करें. कम से कम 24 घंटे तक अपने होठों पर लिपस्टिक, लिप बाम या कोई अन्य उत्पाद लगाने से बचें. अपने होठों को छूने या सिकोड़ने से बचें. अपने दांतों को ब्रश करते समय सावधानी बरतें. खूब सारा पानी पिएं.
लिप फिलर्स में खर्चा कितना होता है?
लिप फिलर्स आमतौर पर 9 महीने से 12 महीने तक चल जाते हैं, इसके बाद उनको फिर से रिपीट करना होता है. लिप फिलर्स का खर्चा शहर और स्पेशलिस्ट, पॉपुलैरिटी और एक्सपीरियंस के ऊपर भी डिपेंड करती है. डॉ. गौरांग ने बताया, ‘जो हयालूरोनिक एसिड के डर्मल फिलर्स आते हैं वो कई ब्रांड्स के आते हैं जिनकी कीमत आमतौर पर अलग-अलग होती है. बेस्ट ब्रांड का डर्मल फिलर लगभग 17 से 20 हजार रुपये तक का आता है. इसके अलावा यदि फीस की बात करें तो 10-12 हजार रुपये फीस होती है और इसके अलावा बाकी जो भी प्रोडक्ट यूज होते हैं इस प्रोसीजर में बाकी कीमत उनकी होती है. यानी मोटा-मोटा हिसाब लगाएं तो 30-35 हजार रुपये के आसपास लिप फिलर्स का एक बार में खर्च आता है.’
वहीं डॉ. कुलदीप ने भी लिप फिलर्स के कुल खर्चे के बारे में बताया, ‘दिल्ली में यदि कोई कराता है तो उसका खर्चा करीब 25 से 30 हजार रुपये तक जाता है. ऐसे बहुत सारे चाइनीज ब्रांड भी आते हैं जिसमें 20 हजार की जगह जो फिलर की कॉस्ट होता है वो 5-6 हजार रुपये होती है लेकिन वो हम लोग प्रेफर नहीं करते क्योंकि उसमें साइड इफेक्ट और इंफेक्शन के चांस अधिक हो जाते हैं.’
यूनिवर्सल मेडिकल ट्रेवल के मुताबिक, डर्मल फिलर्स की कीमत अलग-अलग है. उदाहरण के लिए तुर्की में 17 से 34 हजार रुपये के बीच, मेक्सिको और कोलंबिया में 21 से 37 हजार रुपये के बीच, थाईलैंड में 21 से 43 हजार रुपये के बीच, भारत में 17 हजार रुपये से 34 हजार के बीच हो सकती है. ब्राज़ील में 25 से 32 हजार रुपये के बीच, हंगरी में 17 से 34 हजार रुपये के बीच, दक्षिण कोरिया में 30 से 51 हजार रुपये के बीच हो सकती है.
लिप फिलर्स कौन नहीं करा सकता?
डॉ. गौरांग ने बताया, ‘जिसको अपने लिप्स एन्हांसमेंट करना है, जिनके लिप्स बहुत थिन हैं या शेप में नहीं है, जिनको हल्के से ब्यूटीफुल लिप्स चाहिए तो वो लिप्स फिलर्स करा सकते हैं बस उनकी उम्र 18 साल से ऊपर होनी चाहिए. लिप फिलर प्रोसीजर कुछ लोगों को नहीं किया जाता. जैसे, यदि किसी को कॉटर इंडिकेशन यानी जिन्हें किसी भी प्रकार का ब्लीडिंग डिसऑर्डर है या जिनका चोट से ब्लड आना नहीं रुकता, तो उन लोगों में हम ये प्रोसीजर नहीं करते.’
‘जो पेशेंट्स अनकंट्रोल्ड डायबिटिक पेशेंट हैं या इम्यूनो कंप्रोमाइज पेशेंट हैं जिन्हें इंफेक्शन का अधिक रिस्क है या जो किसी वजन से ऑलरेडी हैवी स्टेरॉयड दवाई के रूप में ले रहे हैं, उन लोगों को भी इस प्रोसीजर के लिए अवॉइड किया जाता है.’
‘बॉडी डिमॉर्फिक डिसऑर्डर एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपने रूप-रंग में खामियों को लेकर बहुत समय बिताता है. ऐसे लोग अपनी बॉडी को और अच्छा बनाने के लिए अननेसेसरी सर्जरीज कराना चाहते हैं. भले ही उनका सब कुछ ठीक है, फेस भी ठीक है लेकिन वो अनरियलिस्टिक एक्सपेक्टेशन के साथ आते हैं तो उसमें भी ये प्रोसीजर नहीं किया जाता. इसके अलावा कैंसर पेशेंट या जो क्रोनिक इलनेस वाले मरीज हैं, उनमें भी ये सारी चीजें अवॉइड की जाती हैं.’
लिप फिलर्स के साइड इफेक्ट क्या हैं?
तीनों डॉक्टर्स का कहना है फिलर्स आमतौर पर किसी सर्जिकल ट्रीटमेंट से बेहतर और सुरक्षित माने जाते हैं. आप जब चाहें उन्हें लगवा सकते हैं और जब चाहें निकलवा सकते हैं. बस निकलवाने या लगवाने के 1-2 दिन तक आपको सूजन रह सकती है. डॉक्टर्स ने कहा कि लोगों के मन में यह भ्रांति है कि लिप फिलर्स दर्दनाक और स्थायी होते हैं और केवल अधिक उम्र वाले ही इस प्रोसीजर को करा सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. लिप फिलर किसी अनुभवी जैसे प्लास्टिक सर्जन,डर्मेटोलॉजिस्ट या कॉस्मेटिक सर्जन द्वारा किया जाए तो बहुत सुरक्षित होते हैं. जिस तरह के एक छोटी सी टेबलेट के भी साइड इफेक्ट होते हैं, उसी तरह लिप फिलर्स के भी मामूली साइड इफेक्ट हो सकते हैं. जैसे,
- लिप फिलर्स के बाद आपके होंठ में सूजन आ सकती है और दर्द भी हो सकता है. सूजन आमतौर पर 24 से 48 घंटों में ठीक हो जाती है, लेकिन इसमें एक हफ्ते तक का समय लग सकता है.
- लिप फिलर्स इंजेक्शन द्वारा इंजेक्ट करते हैं तो इंजेक्शन वाली जगह पर ब्लीडिंग हो सकती है या दर्द हो सकता है.
- लिप फिलर्स के बाद अस्थायी तौर पर लिप्स का कलर बदल सकता है या फिर वे कठोर हो सकते हैं.
- लिप फिलर को धमनी में या उसके आसपास इंजेक्ट कर दिया जाता है तो कुछ लिप्स के टिश्यूज डेड भी हो सकते हैं.
- कुछ मामलों में यदि एक्सपर्ट से आप फिलर्स नहीं कराते हैं तो होंठ का आकार अलग-अलग हो सकता है.
- लिप फिलर्स कुछ मामलों में आपके चेहरे के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है लेकिन इसके भी काफी कम चांस होते हैं.
डॉक्टर्स का कहना है कि यदि आप किसी ऐसे प्रोफेशन में हैं जहां आपको अपने लुक्स को बेस्ट दिखाना है तो ही आपका काम चलेगा को ही आप लिप फिलर्स कराएं, वरना नेचुरल चीज नेचुरल होती है. सिर्फ शौक के चलते कोई भी चीज को अपनी बॉडी में इंजेक्ट कराने से बचना चाहिए.
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