मुल्ला मार्शल मुनीर… पागलपन से भरी ‘परमाणु हमले’ की धमकी और भारत को डराने की कोशिश – Mullah Marshal Munir a mad threat of nuclear attack and an attempt to intimidate India

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असिम मुनीर ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं, लेकिन उनकी बातें डराने वाली हैं. अमेरिका में एक कार्यक्रम में उन्होंने धमकी दी कि अगर भारत से युद्ध हुआ और पाकिस्तान का वजूद खतरे में पड़ा, तो वे परमाणु हथियार का इस्तेमाल करेंगे. दुनिया का आधा हिस्सा तबाह कर देंगे.
यह पहली बार नहीं है जब मुनीर ने ऐसी बातें कही हैं. पहले भी वे अमेरिका में पाकिस्तानी-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए ऐसी धमकियां दे चुके हैं. समझते हैं कि यह सब क्या है? मुनीर की सोच क्या है? भारत के लिए इसका क्या मतलब हो सकता है?
मुनीर की पागलपन भरी बातें
असिम मुनीर को अमेरिका में एक कार्यक्रम में बुलाया गया था, जहां उन्हें खूब इज्जत दी गई. वहां उन्होंने फिर वही पुरानी धमकी दोहराई कि पाकिस्तान परमाणु शक्ति संपन्न देश है और जरूरत पड़ने पर आधा विश्व तबाह कर देगा. उनकी यह बातें सुनकर लगता है कि वे खुद को महान मुस्लिम सेनापति जैसे सलाहुद्दीन या खालिद की तरह देखते हैं.
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उनकी सेना के लोग शायद जानते हैं कि उनकी ये बातें कितनी अजीब हैं, इसलिए वे सुनिश्चित करते हैं कि कोई उनकी बकवास को रिकॉर्ड न कर सके. लेकिन अमेरिका में मौजूद लोग इन बातों को सुनकर बाहर बताते हैं, जिससे उनकी पागलपन दुनिया के सामने आ रही है.
परमाणु धमकी और इस्लामी सोच
मुनीर का मानना है कि अल्लाह ने उन्हें पाकिस्तान को दुनिया का केंद्र बनाने का हुक्म दिया है. वे कहते हैं कि भले ही आज पाकिस्तान को भीख का कटोरा (कशकोल) लेकर घूमना पड़ रहा हो, लेकिन यह अल्लाह की योजना का हिस्सा है. उनके साथ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी हैं, जो उनकी बातों का समर्थन करते हैं.
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मुनीर ने भारत के खिलाफ कई धमकियां दी हैं, जैसे सिंधु नदी पर बांधों को बम से उड़ाने की बात, रिलायंस के तेल संयंत्र को निशाना बनाने की चेतावनी और पूर्वी भारत पर मिसाइलें दागने की धमकी. ये बातें भारत और पाकिस्तान के बीच प्रचार युद्ध में उनकी कमजोरी को दिखाती हैं.
मुनीर का अतीत और सोच
मुनीर का अतीत भी उनकी सोच को समझने में मदद करता है. वे 1986 में सेना में शामिल हुए, जब पूर्व तानाशाह जिया-उल-हक ने सेना को इस्लामी बनाने की शुरुआत की थी. उनके परिवार का जालंधर से पलायन हुआ था, और उनके पिता एक स्कूल टीचर थे जो मस्जिद में इमाम भी थे.
संभवतः उनका परिवार निचली जाति से था. खुद को सैयद कहकर ऊंचा दिखाना चाहता था. इस पृष्ठभूमि ने उन्हें इस्लामी/जिहादी सोच से जोड़ा, जो उनकी बातों में साफ दिखती है. वे कुरान और इस्लामी ग्रंथों का हवाला देकर अपनी बातें सही ठहराते हैं. उनके पूर्ववर्ती जनरल बाजवा भी इसी पृष्ठभूमि से थे, लेकिन बाजवा में अभी ब्रिटिश भारतीय सेना का असर बचा था, जो मुनीर में पूरी तरह खत्म हो गया है.
मुनीर का आतंकी रिकॉर्ड
मुनीर का नाम 2019 के पुलवामा हमले और 2022 के पहलगाम नरसंहार से भी जुड़ा है. पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद ने हमला किया था, जो बिना ISI की मंजूरी के संभव नहीं था. पहलगाम में हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया गया, जो सेना और ISI के शीर्ष अधिकारियों की सहमति के बिना नहीं हो सकता.
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मुनीर उस समय ISI प्रमुख थे, इसलिए इन घटनाओं की जिम्मेदारी उन पर भी है. इन घटनाओं ने भारत और पाकिस्तान को युद्ध के कगार पर ला दिया था. मुनीर की हालिया बातों से लगता है कि वे फिर ऐसा करने की कोशिश कर सकते हैं.
भारत के लिए खतरा और सबक
मुनीर का जिहादी रवैया और आतंकियों को समर्थन भारत के लिए खतरा है. उनकी सेना और सरकार में उनकी बातों को रोकने की ताकत नहीं है, इसलिए भारत को उनकी हरकतों के लिए तैयार रहना होगा. मुनीर ने भारत को एक चमकती मर्सिडीज और पाकिस्तान को कंकड़ से भरा डंप ट्रक बताया.
उनकी सोच है कि ट्रक से टक्कर में मर्सिडीज का नुकसान होगा, क्योंकि ट्रक को खोने का कोई मलाल नहीं. यह सोच पाकिस्तानी सेनापतियों की है, जो अपने देश को गरीब बनाकर खुद पश्चिमी देशों में बस गए हैं. वे भारत की तरक्की को नष्ट करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं, भले ही खुद का नुकसान हो.
भारत को क्या करना चाहिए?
भारत को पाकिस्तान के माफी मांगने वालों और उनके समर्थकों की बातों में नहीं पड़ना चाहिए. मुनीर और उनकी सेना जिहादी मानसिकता से ग्रस्त हैं, जो मध्य एशिया, अरब और अफगानिस्तान से भारत पर हमला करने वाली सेनाओं की उत्तराधिकारी मानती है.
उनकी योजनाएं साफ हैं. भारत को इनका जवाब देने के लिए अपनी रक्षा और सुरक्षा नीति को मजबूत करना होगा. रक्षा विशेषज्ञों को इन खतरों से निपटने के लिए दोगुनी मेहनत करनी चाहिए, ताकि भारत का दुश्मन बर्बाद हो सके.
(लेखः सुशांत सरीन, सीनियर फेलो, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन)
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