J&K: किश्तवाड़ में बादल फटने से 46 लोगों की मौत, अस्पतालों में अफरातफरी, राहत-बचाव जारी – Cloudburst in Kishtwar death toll rescue operations update flash flood Chashoti Machail Mata Shrine ntc

उत्तराखंड के धराली, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मनाली के बाद अब जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चोसिटी गांव में बादल फटने से तबाही गई है. इस आपदा में अब तक 46 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. 160 लोग घायल हुए तो 220 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं. मरने वालों में दो सीआईएसएफ जवान भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अमित शाह को स्थिति की जानकारी दी है. राहतकर्मी घंटों से मशक्कत कर हर एक जान को बचाने की कोशिश में जुटे हैं जो मलबे के नीचे फंसे हैं या संकट में हो. राहत बचाव कार्य जारी है. लेकिन, बारिश और कीचड़ इसमें बाधा बन रही है.
बादल फटने के बाद भयंकर बाढ़ और मलबे ने तबाही मचा दी. आपदा स्थल के पास खून से लथपथ शव पड़े हैं. अस्पतालों में भारी भीड़ है. सेना, पुलिस और स्थानीय लोग घायल लोगों को कंधे पर लादकर कीचड़ के बीच अस्पताल पहुंचा रहे हैं. कई पीड़ितों को तो समझ ही नहीं आया कि उनके साथ क्या हुआ.
बीजेपी नेता और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा कि चोसिटी में हालत बेहद ख़राब हैं. चोसिटी, जो मचैल यात्रा का बेस कैंप है, वहां चारों ओर तबाही और मौत का मंजर है. आने वाले समय में मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है.
प्रशासन की कार्रवाई
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि उन्होंने चोसिटी में हुए घटना को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को जानकारी दी है. लेकिन, प्रभावित इलाके से पुष्टि की गई जानकारी आने में समय लग रहा है. राहत बचाव कार्य के लिए पूरे प्रदेश से और बाहर से भी संसाधन जुटाए जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि री संवेदनाएं और प्रार्थनाएं किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित लोगों के साथ हैं. मेरी स्थिति पर क़रीबी नज़र है. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की.
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अस्पतालों में अफरातफरी
अस्पतालों से जो तस्वीरें और वीडियो सामने आ रही हैं वह इस आपदा की भयावहता को बयां करने के लिए काफी है. कई अस्पतालों में तो ज़मीन पर भी इलाज किया जा रहा है, क्योंकि बेड की कमी हो गई.
शवों पर सफेद कफन, मातम में डूबा गांव
चोसिटी और उसके आस-पास के गांव मातम में डूब गए हैं. लोग अपने प्रियजन को ढूंढने की हर संभव प्रयास में जुटे हैं. शवों को सड़क किनारे सफेद कफन में ढककर रखा गया और फिर अस्पताल भेजा गया.
जिन लोग प्रियजन मिल नहीं रहे थे वो लोग बेसुध दिखे. किश्तवाड़ के विधायक शुगन परिहार ने उन लोगों से जिनमें महिलाएं और बच्चियां थी उन्हें सांत्वना दी.
महिला ने किया भारतीय सेना का धन्यवाद
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए एक महिला ने कहा, ‘मैं भारतीय सेना की तहे दिल से मुझे बचाने के लिए शुक्रिया करती हूं. मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं बचूंगी.’
फ्लैश फ्लड से बचाए गए एक पीड़िता ने कहा, ‘जब बादल फटा, तो हमें बहा ले गया और मैं एक कार के नीचे फंस गया. मेरी मां एक बिजली के खंभे के नीचे थी. प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और सेना और सीआरपीएफ की गाड़ियां तुरंत पहुंच गईं.’
मचैल यात्रा के बीच आया कहर
यह गांव मचैल माता यात्रा का बेस कैंप है, और हादसा गुरुवार दोपहर 12 से 1 बजे के बीच हुआ. इस समय यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी. अचानक आई बाढ़ और मलबे ने घर, दुकानें और वाहन बहा दिए.
सुरक्षा कैंप और बस अड्डे पर खड़ी कई गाड़ियां भी पानी में बह गईं. चमत्कारिक रूप से, बाढ़ के बीच गांव के बीचोंबीच स्थित मंदिर सुरक्षित रहा. लंगर और कई दुकानें भी बाढ़ में बह गईं. बस अड्डे पर खड़े वाहनों को गंभीर नुकसान हुआ.
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