N. Raghuraman’s column – What is the most tried and tested way to earn fame? | एन. रघुरामन का कॉलम: नाम कमाने का सबसे जांचा-परखा तरीका क्या है?

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11 घंटे पहले
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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
आपका जवाब क्या होगा, यदि कोई पूछे कि रोमानिया में हाल ही संपन्न चैंपियनशिप में 5 स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीतकर सर्वश्रेष्ठ महिला एथलीट का खिताब पाने के बाद आप खुद को कितने अंक देंगी? यदि आप केवल 18 साल की हैं, तो आपका संभावित जवाब 100 में से 100 अंक होगा। लेकिन 200, 400, 800 और 1500 मीटर दौड़ के अलावा महिलाओं की 4×200 मीटर फ्रीस्टाइल रिले में जीत कर रिकॉर्ड बनाने वाली यांग पेईकी (18) ने इसके दो जवाब दिए।
“मेरे पास दो जवाब हैं : पहला, मैं खुद को 99 अंक दूंगी। एक अंक मैंने खुद को यह याद दिलाने के लिए छोड़ा कि ज्यादा घमंड नहीं करना चाहिए। दूसरा जवाब दिया कि मैं खुद को 80 अंक दूंगी। क्योंकि मुझे लगता है कि अभी भी ऐसे क्षेत्र हैं, जहां मैं सुधार कर सकती हूं।’ जब उन्होंने दमकती मुस्कान के साथ यह कहा तो उनकी परिपक्वता देख स्टेडियम में अधिकतर लोगों की आंखें गर्व से भर गईं।
यांग ने सिंगापुर में हुई विश्व चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया, जहां वे सबसे ज्यादा उम्र की प्रतियोगियों में से थीं। जबकि 18 वर्ष की होने से ठीक पहले उन्होंने जूनियर प्रतियोगिता में भाग लिया था, जहां उन्होंने कहा कि “मैं यहां सबसे बड़ी हूं।’ अकेली रोमानिया की प्रतिस्पर्धा में उन्होंने सात पदक जीते, जिसने उन्हें चीनी तैराकी की विलक्षण प्रतिभा बना दिया।
वर्ल्ड एक्वाटिक्स ने “अनस्टॉपेबल’ बता कर उनकी तारीफ की। पूल में दबदबा, हर प्रतियोगिता जीतने और अपनी शारीरिक क्षमता में भरोसा रखने के बावजूद यांग तब बहुत रिजर्व हो जाती हैं, जब कैमरे के सामने होती हैं या संवाददाता उनसे सवाल करते हैं। कभी-कभार मजाक कर उन्हें चौंका भी देती हैं, लेकिन कभी घमंड नहीं दिखातीं।
यांग ने रोमानिया में जूनियर्स प्रतियोगिता में जूनियरों को खूब प्रोत्साहित भी किया। उनका यह आचरण टीम के साथियों के मन में पहले ही घर कर चुका है। रोमानिया में तीन पदक जीतने वाली 15 साल की यान तियाओशान ने खुद को प्रोत्साहित करने का श्रेय यांग को दिया।
वास्तव में, यांग ने ही उन्हें ऐसी प्रतियोगिताओं में जीतने की रणनीति सिखाई। तियाओशान कहती हैं कि “400 मीटर फ्रीस्टाइल में मैं यांग की बगल वाली लेन में थी। हालांकि, उनकी गति के आगे मैं पराजित थी, फिर भी मैंने उनके साथ बने रहने की कोशिश की।
300 मीटर तक ऐसा कर सकी। लेकिन आखिरी 100 मीटर में उन्होंने रफ्तार बढ़ा दी, जबकि बाकी लोग अपनी लय में ही दौड़ते रहे। और वे आगे निकलकर स्वर्ण जीत गईं।’ तियाओशान ने उस प्रतिस्पर्धा में रजत पदक जीता।
यांग के पास जीत का एक और गुप्त मंत्र है। उनका हमेशा एक आदर्श होता है, जिसे वो फॉलो करती हैं। वह शख्सियत भी शीर्ष पर है। वह हैं अमेरिकी स्टार केटी लेडेकी- एक अमेरिकी तैराक, जिन्हें सर्वकालिक महान महिला तैराक माना जाता है।
वह खासतौर से 800 मीटर और 1500 मीटर फ्रीस्टाइल इवेंट्स में अपनी हैरतअंगेज प्रबलता के लिए प्रख्यात हैं। वे इतिहास की सर्वाधिक अलंकृत महिला ओिलंपियन हैं, जिनके पास 14 पदक हैं। इनमें 9 स्वर्ण हैं और कई विश्व और अमेरिकी रिकॉर्ड उनके नाम हैं।
यांग कहती हैं कि “यकीनन, मैंने केटी को हराने की कल्पना की, लेकिन इसके लिए दिन-रात कड़े प्रशिक्षण की जरूरत है। यांग प्रति सेशन में आठ किलोमीटर और हल्के-फुल्के दिनों में कम से कम छह किमी का गहन प्रशिक्षण करती हैं।
केटी ने 15 साल की उम्र में 2012 के लंदन ओिलंपिक से तैराकी में कदम रखा। कई प्रतिस्पर्धाओं में स्वर्ण जीता। वे पहली महिला बनीं, जिन्होंने एक ही व्यक्तिगत ओिलंपिक प्रतिस्पर्धा को चार बार जीता। इसी प्रकार, यांग भी 2028 के लॉस एंजेलेस ओिलंपिक में अपनी उपलब्धियों की शुरुआत करना चाहती हैं। मुख्य बात याद रखें- बड़े लक्ष्य तय करना और उन्हें पाने के लिए जुट जाना, यही हर सफल व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट होता है।
फंडा यह है कि यदि आप 18 की उम्र में दुनिया भर में नाम कमाना चाहते हैं तो जिद के साथ कड़ी मेहनत, बिना अहंकार के शारीरिक सहनशक्ति को बढ़ाने की क्षमता और बोरियत के बिना अभ्यास का अनुशासन बेहद आजमाए हुए कदम हैं। यही सफलता का सबसे जांचा-परखा तरीका है।
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