Sunday 05/ 10/ 2025 

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N. Raghuraman’s column – House above, shop below, but what should that shop be like? | एन. रघुरामन का कॉलम: ऊपर मकान, नीचे दुकान, लेकिन वो दुकान कैसी होनी चाहिए?

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10 घंटे पहले

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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु - Dainik Bhaskar

एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

पांच दशक पहले जब मैं नागपुर से बॉम्बे (अब मुंबई) आया तो सबसे पहली जिस चीज ने मुझे आकर्षित किया, वह थी ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों की ईमानदारी। कोई भी ड्राइवर आपसे कभी धोखाधड़ी नहीं करेगा। वे आपस में कभी नहीं मिलते थे, लेकिन उनमें एक समान विशेषता थी कि वे आपकी पाई-पाई लौटाते थे और मीटर से अधिक एक पैसा भी नहीं लेते थे। यह बॉम्बे का एक स्वाभाविक गुण था। आज भी कई लोगों में यह आदत बनी हुई है।

इस ग्लैमरस शहर का यह पहला अनुभव मुझे तब याद आया जब मैं पासआउट होने वाले एमबीए छात्रों से बात कर रहा था, जो नौकरी करने के लिए तैयार थे। मैंने उनमें से एक से पूछा कि ‘आपका प्लान क्या है?’ उसने इतने उत्साह से जवाब दिया जैसे उसे किसी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिल गई हो या अपने नए आइडिया के लिए फंडिंग मिल गई हो।

वह बोला, ‘सर, मेरे परिवार की किराने की दुकान है और मैं जाकर उसे मैनेज करूंगा।’ चूंकि मैं उसे हतोत्साहित नहीं करना चाहता था, इसलिए मैंने पूछा कि ‘तुम उस व्यवसाय में ऐसा क्या शामिल करोगे, जो तुमने एमबीए की पढ़ाई में सीखा है?’ उसने तपाक से जवाब दिया ‘मैं अपनी दुकान को कोनबिनी जैसा बनाना चाहता हूं।’ मैंने उसे गले लगाया और गुड-लक बोला।

जापानी में कन्वीनियंस स्टोर को ‘कोनबिनी’ कहते हैं। ये स्टोर रोजाना चौबीसों घंटे भोजन, स्नैक्स, पेय पदार्थ और घरेलू सामान के साथ ही बिल भुगतान, पैकेज पिकअप, एटीएम और वाई-फाई जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करते हैंं। ये स्टोर्स जापान में रोजमर्रा की जिंदगी का अभिन्न अंग हैं, जो अपनी गुणवत्ता, व्यापक वैरायटी और खुदरा उत्पादों से परे भी कई सुविधाजनक सेवाएं देने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। वे ना केवल स्टेशनरी, बैटरी, पर्सनल केयर प्रोडक्ट और छतरियों जैसे घरेलू सामान बेचते हैं, बल्कि रेल, सड़क, हवाई यात्रा और इवेंट्स की टिकट बुकिंग भी करते हैं। सिटी सेंटर के बाहर वाले कुछ स्टोर तो रेस्ट-रूम भी मुहैया कराते हैं।

ये स्टोर महत्वपूर्ण क्यों हैं? वे सुविधा और गुणवत्तापूर्ण भोजन के लिए ही लोकप्रिय नहीं हैं, बल्कि वे अहम सामुदायिक संसाधन के तौर पर भी सेवाएं देते हैं, जैसे आपदा और संकट में फंसे लोगों की सहायता करना। जापान के 47 प्रान्तों में फैले 55 हजार स्टोर्स की यह एक जैसी खासियत है। इनमें से अकेले ‘7-इलेवन’ स्टोर के जापान में ही 22 हजार आउटलेट्स हैं।

दुनिया के 19 देशों में मार्च 2025 तक इसके 83 हजार स्टोर थे। ये स्टोर पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केन्द्र हैं और हजारों लोग यहां खरीदारी करते हुए सोशल मीडिया पर अपनी वीडियो पोस्ट करते हैं। अमेरिकी गायिका, गीतकार और अभिनेत्री सबरीना एनलिन कारपेंटर के ऐसे ही वीडियो को अब तक 6 लाख लाइक्स मिल चुके हैंं। अन्य 33 हजार रिटेलर ब्रांड भी यही काम करते हैं।

कल्पना कीजिए आपके हाथ में खाना ठंडा हो गया है और आप इसे फिर से गर्म करना चाहते हैं तो किसी भी ‘कोनबिनी’ में जाएं, अपने खाने को माइक्रोवेव में गर्म करें और खा लें। इसके लिए आपको वहां से कुछ खरीदने की जरूरत भी नहीं है। जापान में सुविधा स्टोर ना केवल खरीदारी की जगह हैं, बल्कि समय बिताने की जगह भी हैं।

आप कुछ बर्फ ले सकते हैं, फ्रीजर से कुछ फ्रोजन फ्रूट्स खरीद सकते हैं और भुगतान के बाद देखिए कि मशीन आपके लिए स्मूदी कैसे तैयार करती है। मैं ‘ओनिगिरी’ (राइस बॉल्स) देख कर आश्चर्यचकित रह गया। ये एक प्याला पके हुए चावल के बराबर होती हैं, जिन्हें आप गर्म कर सकते हैं और पसंदीदा ग्रेवी के साथ कहीं पर भी खा सकते हैं।

इन स्टोर्स की सबसे बड़ी खासियत है कि प्राकृतिक आपदाओं के वक्त ये लोगों को आश्रय और जानकारियां प्रदान करते हैं। हमेशा खुले रहते हैं और लोगों को सुरक्षित स्थान मुहैया कराते हैं। लोग जब इन स्टोर्स को देखते हैं तो एक आत्मीयता और राहत का अनुभव करते हैं।

फंडा यह है कि कई लोगों के पास ऊपर मकान और नीचे दुकान हो सकती है, लेकिन अगर उनमें कोनबिनी जैसा एक गुण हो तो हमारे लाखों रिटेल स्टोर एक नया इतिहास लिख देंगे।

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