N. Raghuraman’s column: Wealthy people of all ages should learn to distinguish between ‘IRL and deepfake’ | एन. रघुरामन का कॉलम: हर उम्र के समृद्ध लोगों को ‘आईआरएल-डीपफेक’ का अंतर पहचानना सीखना चाहिए

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2 घंटे पहले
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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
अगर आप रिटायर्ड हैं और इस ‘गोल्डन एज’ में आपके पास अपना और जीवनसाथी का ख्याल रखने लायक ठीक-ठाक संपत्ति है तो यह सबक आपके लिए जरूरी है। यदि आप सोच रहे हैं, ‘जब मैं दिन के धारावाहिक देख रहा हूं, ईवनिंग वॉक का आनंद ले रहा हूं तो इस उम्र में कौन-सा सबक,’ तो ये कहानी आपके लिए महत्वपूर्ण है।
अगर आप इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि 66 की उम्र में भी आप टेक-सैवी हैं और सारे काम ऑनलाइन करते हैं, तो यह आपके लिए और भी अहम है। अब आप शायद अधीर हो रहे होंगे कि यह ‘आईआरएल-डीपफेक डिस्टिंग्विशिंग’ का सबक आखिर है क्या? तो समझिए कि यह एआई द्वारा बनाए गए डीपफेक व्यक्ति और असल जीवन (इन रीयल लाइफ या आईआरएल) में आपके सबसे प्रिय व्यक्ति के बीच अंतर करना सिखाता है। सोच रहे हैं कि यह क्यों जरूरी है तो आपको आगे की कहानी पढ़नी चाहिए।
अधिकांश रिटायर्ड लोगों की तरह ही 66 वर्षीय एबिगेल रुवलकाबा भी बीते छह साल वो सबकुछ करते हुए बिता रही थीं, जो वे अपने कामकाजी जीवन में नहीं कर पाईं। वे टेक-सैवी थीं, सारे काम ऑनलाइन करतीं, टीवी धारावाहिक देखतीं, आराम करतीं और दोस्तों से ऑनलाइन जुड़ी भी रहतीं। एक दिन उन्हें अपने पसंदीदा अभिनेता स्टीव बर्टन का मैसेज मिला।
एबिगेल ने जवाब दे दिया और जरा भी संदेह नहीं किया कि यह एमी अवॉर्ड विजेता अभिनेता उनसे संपर्क क्यों करेगा? सोशल साइट से बातचीत व्हाट्सऐप तक पहुंच गई। वह एबिगेल को वीडियो भेज कर अपने प्यार का इजहार करने लगा। दोनों ने समुद्र तट पर घर खरीदकर साथ रहने की योजना बनाई और एबिगेल ने अपना सब कुछ बेचकर सारे पैसे उसे दे दिए।
समस्या यह थी कि वह असली अभिनेता था ही नहीं। धोखेबाजों का यह हथकंडा पुराना है कि वो खासतौर पर एकाकी जीवन बिता रहे लोगों से जीवनभर साथ निभाने का वादा करते हैं। लेकिन अब तेजी से बढ़ती एआई और डीपफेक तकनीक ने अपराधियों को नया और बेहद ताकतवर हथियार दे दिया है।
बर्टन खुद कहते हैं कि ‘मुझे हजारों संदेश मिलते हैं और उनमें से सैकड़ों लोग कहते हैं कि कई सोशल साइट्स पर वे मुझसे बातचीत कर रहे हैं।’ एक वीडियो में तो उन्होंने खुद ऐसी धोखाधड़ी के प्रति चेतावनी देते हुए कहा ‘कृपया सावधान रहें, जब तक मैं अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से जवाब न दूं।’
अकेले अमेरिका में ही 2023 में 65,000 लोगों को ठगा गया। इनमें से अधिकतर वो थे, जिनके पास रिटायरमेंट का पैसा था। इससे उन्हें 1.14 अरब डॉलर(लगभग 10 हजार करोड़ रु.) का नुकसान हुआ। तो ऐसे में हमें क्या करना चाहिए? इन तरीकों से जानिए कि डीपफेक और असल व्यक्ति में भेद कैसे पहचानें।
1. आंखों की अस्वाभाविक हरकत, चेहरे के हाव-भाव, बेहद करीने से सजे बाल और दांतों की आउटलाइन नहीं होने पर गौर करें। 2. व्यक्ति के शब्द और उसके अनुसार चेहरे के हाव-भाव के बीच अंतर है तो यह खतरे की निशानी है। 3. बेरंग-असामान्य त्वचा और दृश्य से मेल नहीं खाती अजीब रोशनी और छायाओं पर ध्यान दें। 4. भेजे गए कॉन्टेंट को लेकर रिवर्स इमेज सर्च करें, ताकि पता चल सके कि क्या इससे मिलते-जुलते वीडियो ऑनलाइन मौजूद हैं या वीडियो से कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई है। 5. सबसे बड़ा बचाव यह है कि ऑनलाइन भेजी गई हर उस सामग्री को शक की निगाह से देखें, जो किसी ऐसे व्यक्ति ने भेजी है, जिसे आप असली जिंदगी में नहीं जानते। यदि आप उसे जानते हैं तो रुकें और पहले उसे कॉल करें। अगर कोई सेलिब्रिटी आपको सीधे डीएम यानी डायरेक्ट मैसेज करता है तो मान लीजिए यह स्कैम है। और यदि वह पैसे मांग रहा है तो यह प्यार नहीं, बल्कि डीपफेक है। इसलिए तत्काल रुक जाएं।
फंडा यह है कि अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए आपको बैंक लॉकर की नहीं, बल्कि डीपफेक के सबक की जरूरत है।
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