न कोई बैडलक, न निगेटिवटी बस लाभ ही लाभ… फिर भी नवंबर का आखिरी शुक्रवार क्यों बन जाता है ‘Black Friday’ – black friday 2025 global shopping sale discounts ntcpvp

साल 2025 अपने आखिरी दौर में है. साइबेरिया की ठंडी हवाओं से धरती की पश्चिमी दिशा जमने सी लगी है और देवदार के घने जंगलों से क्रिसमस कैरल की धुन सुनाई देने लगी है. यानी शुरू हो गया है क्रिसमस के लिए खऱीदारी का दौर.
…लेकिन अभी बात क्रिसमस की नहीं है, बात है इसकी खरीदारी से जुड़े एक बड़े रिचुअल की. ऐसा रिवाज जो नवंबर के आखिरी हफ्ते के आखिरी वीकडेज को आता है. सीधे-सीधे कहें तो नवंबर के आखिरी गुरुवार के बाद वाला शुक्रवार का दिन, जिसके बाद से क्रिसमस की खरीदारी शुरू होती है, लेकिन इससे पहले मिलता है वो खास मौका जब आप शॉपिंग में बड़ी-बड़ी और भारी छूट पा सकते हैं. यानी उम्मीद से परे बचत. महाबचत वाला यह दिन दुनिया भर में ब्लैक फ्राइडे नाम से मशहूर है.
ब्लैक फ्राइडे पढ़ या सुनकर आप ऐसा मत सोच लीजिएगा कि यह कोई निगेटिव टर्म है या फिर किसी बैडलक से जुड़ा दिन. असल में यह दिन आर्थिक तौर पर खुशी के रूप में देखा जाता है. असल में जब बात अर्थव्यवस्था की होती है तब वहां खराब दौर का सूचक ‘लाल रंग’ होता है, जबकि काला रंग अच्छी बिक्री, सेहतमंद मुनाफा और खरीदारी का होता है.
क्यों शॉपिंग से जुड़ा है ब्लैक फ्राइडे
साल में सिर्फ एक बार आने वाले इस मौके पर दुनिया भर के करोड़ों लोग अपनी नींद कुर्बान करके, घंटों लाइन में खड़े होकर, सिर्फ भारी छूट चाहते हैं और यह इंतजार और चाहत ही कहलाती है ब्लैक फ्राइडे (Black Friday Sale 2025). यह वह तारीख है जिसके आते ही सेल का तूफानी दौर आता है और मिनटों में दुकानों की शेल्फ खाली कर देता है.
यह शब्द जिसे आज हम ‘बचत’ और ‘बम्पर डील’ से जोड़ते हैं, हालांकि शुरुआत में इसका मतलब नेगिटिव ही था? खुशियों और मुनाफे के इस दिन के नाम के पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है. यह एक जमाने फिलाडेल्फिया की सड़कों पर लगे भयानक ट्रैफिक जाम से आया है.
ब्लैक फ्राइडे सेल की जड़ें अमेरिका से जुड़ी हैं. अमेरिका में थैंक्सगिविंग एक बड़ा त्योहार होता है, जिसे नवंबर के चौथे गुरुवार को मनाया जाता है. इसके तुरंत अगले दिन लोग छुट्टी मोड में होते हैं और क्रिसमस की तैयारियों की शुरुआत करते हैं. दुकानदारों ने इसे खरीदारी शुरू करवाने का सही मौका माना और बड़े-बड़े डिस्काउंट देने लगे. धीरे-धीरे यह दिन साल की सबसे बड़ी शॉपिंग डेट बन गया.
दरअसल, 1960 के दशक में फिलाडेल्फिया की पुलिस ने इस शब्द को अपनी कार्य प्रणाली में शामिल किया. थैंक्सगिविंग के अगले दिन शहर की सड़कों पर इतना ज्यादा ट्रैफिक, भीड़, पार्किंग की दिक्कत और अफरातफरी बढ़ जाती थी कि पुलिसकर्मी उस दिन को ‘ब्लैक फ्राइडे’ कहने लगे. यह बाकी सभी के लिए भले ही खुशियों का मौका हो, लेकिन उनके लिए तो सिरदर्द बन गया था.
लेकिन, तब यह नाम यूनिक था और जल्दी ही इसे माउथ पब्लिसिटी भी मिली. दुकानदारों को लगा कि ‘ब्लैक’ शब्द सेल की पॉजिटिव इमेज को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए उन्होंने इसकी एक नई कहानी बनाकर लोगों को बतानी शुरू की. उन्होंने बताया कि पहले दुकानदार साल भर घाटे में रहते थे, जिसे ‘रेड’ में लिखा जाता था, और ब्लैक फ्राइडे जैसे सेल वाले दिनों में उनकी कमाई इतनी बढ़ जाती थी कि वे ‘ब्लैक’ में यानी प्रॉफिट में आ जाते थे. इस कहानी को लोगों ने जल्दी ही स्वीकार कर लिया, और आज ब्लैक फ्राइडे बन गया है बड़े डिस्काउंट और शॉपिंग वाला दिन.
साल 2000 के दशक में ब्लैक फ्राइडे ने लिया नया रूप
साल 2000 के दशक में ब्लैक फ्राइडे ने एक नया रूप लिया. इस दिन की बिक्री अमेरिका में सबसे ज्यादा रहने लगी. 2011 में वॉलमार्ट ने रात में ही सेल शुरू कर दी यानी गुरुवार की शाम से और फिर तो दूसरे बड़े स्टोर्स क्यों ही पीछे रहते. यहीं से ब्लैक फ्राइडे एक दिन से बढ़कर एक ब्लैक वीकेंड में बदल गया. अब थैंक्सगिविंग का सप्ताहांत सिर्फ ब्लैक फ्राइडे तक सीमित नहीं है. इसके दिन भी बढ़ चुके हैं. अब सोमवार को आता है साइबर मंडे, जो ऑनलाइन शॉपिंग का सबसे बड़ा दिन बन चुका है. शनिवार को मनाया जाता है स्मॉल बिजनेस सैटरडे यानी छोटे स्थानीय व्यापारियों के समर्थन के लिए खास दिन बन जाता है और पूरे चार दिन खरीदारी का महापर्व बन जाते हैं.
अब बताइए क्या ये ब्लैक फ्राइडे वाला रिचुअल भारतीय पांच दिन के त्योहार दीपावली से नहीं मिलती-जुलती लग रही है. दीपावली, जब एक अंधेरी रात का उत्सव खरीदारी के सलाना मौके के रूप में बदल जाता है.
ब्लैक फ्राइडे की चमक में सिर्फ सेल्स और डिस्काउंट नहीं छिपे हैं. यह लोगों की आशाओं, कंपनियों की योजनाओं, अर्थव्यवस्था की नब्ज़ और बदलते उपभोक्ता व्यवहार की कहानी भी है.
भीड़, रौनक, अफरातफरी, खुशी, निराशा, और उम्मीद, सब कुछ एक साथ लिए हुए यह दिन अमेरिका की आधुनिक संस्कृति की सबसे अनोखी तस्वीर पेश करता है.
डिजिटल दुनिया ने दिया ग्लोबल रूप
पहले ब्लैक फ्राइडे सिर्फ अमेरिका तक सीमित था, लेकिन ई-कॉमर्स आने के बाद यह दुनिया के हर कोने तक फैल गया और आज यह एक बड़ा ट्रेंड बन गया. आज ब्लैक फ्राइडे के साथ साइबर मंडे और वीकेंड सेल्स भी जुड़ गई हैं, जो कई दिनों तक चलती हैं.
क्यों बन गई इतनी बड़ी सेल?
थैंक्सगिविंग के बाद क्रिसमिस की तैयारियों के लिए लोग शॉपिंग में जुट जाते हैं, दुकानों में मिलने वाला भारी डिस्काउंट भी लोगों को खूब लुभाता है, कंपनियों की साल खत्म होने से पहले इन्वेंटरी क्लियर करने की जरूरत होती है, जिसके लिए ब्लैक फ्राइडे अच्छा मौका रहता है. साथ ही, इंटरनेट के आने के बाद सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्रमोशन ने भी ब्लैक फ्राइडे को काफी बूस्ट किया है. इन सभी कारणों ने मिलकर ब्लैक फ्राइडे को एक ऐसा दिन बना दिया है, जब दुनिया भर के लोग जमकर शॉपिंग करते हैं.
—- समाप्त —-
Source link