Sunday 19/ 10/ 2025 

ब्रह्मोस मिसाइल के लखनऊ में निर्माण पर क्या बोले योगी?दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा सिंह को WIPO न्यायाधीश सलाहकार बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया‘इन्हें अयोध्या दीपोत्सव रास नहीं आ रहा’, देखें BJP प्रवक्ता का अखिलेश यादव पर तंजअहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे की जांच से खुश नहीं हैं पायलट सुमित के पिता, सुप्रीम कोर्ट से न्यायिक जांच की मांगदिवाली से पहले पॉल्युशन अटैक, सुरक्षा के लिए पहनकर घूमें अपना एयर प्यूरीफायर, कीमत 1,499 रुपये से शुरूगुरु तेग बहादुर जी की शहादत के 350 साल पूरे, दिल्ली से अमृतसर तक साइकिल यात्रा लॉन्चN. Raghuraman’s column: Did you pay special attention to your father during Diwali? | एन. रघुरामन का कॉलम: दीपावली के दौरान आपने अपने पिता पर खास ध्यान दिया क्या?अयोध्या के दीपोत्सव में बनेंगे 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड, राम की पैड़ी पर जगमगाएंगे 28 लाख दीयेक्या बढ़ने वाली है ठंड? 9 राज्यों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की चेतावनी, जानें दिल्ली के मौसम का ताजा हाल‘पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई’, कतर का ऐलान – Pakistan Afghanistan agree immediate ceasefire Qatar Foreign Ministry ntc
देश

केंद्र से रार के बीच स्टालिन का बड़ा ऐलान, तमिलनाडु की स्वायत्तता पर गठित की समिति

तमिलनाडु की स्वायत्तता को लेकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का बड़ा ऐलान
Image Source : PTI
तमिलनाडु की स्वायत्तता को लेकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का बड़ा ऐलान

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मंगलवार को राज्य की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति गठित करने का ऐलान किया। स्टालिन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के अधिकारों को धीरे-धीरे छीना जा रहा है। उन्होंने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने की घोषणा की, जो केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संबंधों की विस्तार से जांच करेगी।

समिति के गठन का उद्देश्य?

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समिति का मुख्य उद्देश्य राज्य की स्वायत्तता को सुनिश्चित करना है। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायधीश कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता में गठित इस समिति में पूर्व नौकरशाह अशोक वर्धन शेट्टी और राज्य योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एम नागनाथन भी सदस्य होंगे। समिति 2026 में अपनी अंतरिम रिपोर्ट पेश करेगी और दो साल बाद अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करेगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह समिति उन विषयों का अध्ययन करेगी जो पहले राज्य सूची में थे, लेकिन बाद में उन्हें समवर्ती सूची में शामिल कर लिया गया है। उन्होंने विशेष रूप से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) का उदाहरण देते हुए कहा कि यह विषय राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। स्टालिन ने कहा, “राज्य की स्वायत्तता को लेकर यह समिति राज्य और केंद्र सरकारों के बीच एक नया संवाद स्थापित करेगी।”

राज्य की स्वायत्तता पर बयान

मुख्यमंत्री स्टालिन ने विधानसभा में कहा कि यह समिति राज्य की स्वायत्तता की रक्षा करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “हम सिर्फ तमिलनाडु के कल्याण को नहीं देख रहे हैं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों जैसे गुजरात, कश्मीर, पूर्वोत्तर और केरल के लोगों के हितों को भी ध्यान में रख रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि तमिलनाडु और अन्य राज्यों के सांस्कृतिक अधिकारों का सम्मान किया जाए।”

ध्यान भटकाने वाली रणनीति: अन्नाद्रमुक

इसे लेकर अन्नाद्रमुक ने मुख्यमंत्री स्टालिन और उनकी पार्टी द्रमुक पर तीखा हमला बोला। अन्नाद्रमुक ने कहा कि स्टालिन का यह कदम केवल राज्य सरकार की विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है। अन्नाद्रमुक के उपनेता आर. बी. उदयकुमार ने कहा, “पिछले कई वर्षों से द्रमुक ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया और अब चुनाव से पहले यह एक राजनीतिक चाल के रूप में सामने आ रहा है। यह 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले द्रमुक की एकमात्र ध्यान भटकाने वाली रणनीति है।”

राज्यों के हितों का पूरा ध्यान रख रहा केंद्र: बीजेपी

भाजपा ने भी इस कदम का विरोध किया और विधानसभा से बहिर्गमन कर दिया। बीजेपी के चार विधायक राज्य की स्वायत्तता पर चर्चा के दौरान सदन से बाहर चले गए। बीजेपी नेताओं का कहना है कि राज्य की स्वायत्तता का मुद्दा उठाने से केवल राजनीतिक मुद्दों को हवा मिलती है, जबकि केंद्र सरकार राज्यों के हितों का पूरा ध्यान रख रही है। (इनपुट- भाषा)

ये भी पढ़ें-

नीतीश कुमार के CM फेस पर बेटे निशांत का मास्टरस्ट्रोक, दे दिया ये बयान

बीड में दिनदहाड़े बीजेपी पदाधिकारी की धारदार हथियार से हत्या, आरोपी ने किया सरेंडर

Latest India News




Source link

Check Also
Close



DEWATOGEL