Sunday 20/ 04/ 2025 

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का भारत दौरा, पीएम मोदी से मुलाकात, ताज का दीदार…जानें पूरा शेड्यूल7वीं कक्षा की छात्रा हुई प्रेग्नेंट, इलाके के लोगों में आक्रोश, मामले में नाबालिग लड़का शामिलVIDEO: आप भी जा रहे चार धाम की यात्रा पर तो साइबर ठगों से रहें इस तरह सावधान, उत्तराखंड STF की टीम भी है अलर्टबेंगलुरु: इंडिगो एयरलाइंस के विमान से टकरा गई मिनी बस, एयरपोर्ट की सुरक्षा पर खड़े हुए सवालजनेऊ और कलावा उतरवाने के मामले में शिक्षा विभाग का एक्शन, कॉलेज के प्रिंसिपल और स्टाफ तत्काल प्रभाव से सस्पेंडनिशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा- ‘आप ट्यूबलाइट हैं’खराब मौसम के कारण जम्मू एयरपोर्ट पर कई उड़ानें रद्द, जानें 20 अप्रैल को कहां-कैसा रहेगा मौसम?84 साल की उम्र में हासिल की MBA की डिग्री, तीसरी PhD की तैयारी में जुटे, जानें डॉक्टर गिरीश मोहन के बारे मेंसुप्रीम कोर्ट को लेकर निशिकांत दुबे के बयान पर हंगामा, कांग्रेस की तरफ से आई बड़ी प्रतिक्रियारजत शर्मा का ब्लॉग | FBI ने हैप्पी को पकड़ा: अब बाकी खालिस्तानी आतंकियों की बारी
देश

नया विदेशी कानून गलत है और भारतीयता के खिलाफ है: अभिषेक मनु सिंघवी

Immigration Law 2025, Abhishek Singhvi, unconstitutional, Foreigners Act
Image Source : SCREENGRAB
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी।

नई दिल्ली: जब देश वक्फ कानून और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ की चर्चा में व्यस्त था, तब केंद्र सरकार ने चुपके से नया आप्रवासन और विदेशी कानून 2025 पास कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के मशहूर वकील, राज्यसभा सांसद और कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने इसे ‘असंवैधानिक, गैर-भारतीय और तानाशाही जैसा’ बताया। उनका कहना है कि यह कानून ‘विदेशी होने को ही अपराध बना देता है’, क्योंकि यह ‘बिना वजह, बिना सुनवाई और बिना जवाबदेही के लोगों को परेशान करने, जेल में डालने और देश से निकालने की खुली छूट देता है।’ द वायर को दिए 30 मिनट के इंटरव्यू में करण थापर से बात करते हुए डॉ. सिंघवी ने इस कानून पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘यह कानून विदेशियों को नियंत्रित करने के लिए नहीं, बल्कि सरकार को बेलगाम ताकत देने और डरावने नियंत्रण को सामान्य बनाने के लिए है।’

कानून की चिंताजनक बातें

अभिषेक मनु सिंघवी ने इस कानून के कुछ खतरनाक हिस्सों को समझाया:

  1. धारा 3: सरकार को पूरी ताकत | इस धारा में सरकार को किसी भी विदेशी को ‘परेशान करने वाला’ मानकर जेल में डालने या देश से निकालने का ‘खुला अधिकार’ मिलता है। डॉ. सिंघवी ने कहा, ‘कोई विदेशी बिना सवाल के निकाला जा सकता है।’ सबसे खराब बात, आप्रवासन अधिकारी का फैसला ‘आखिरी’ होता है, न अपील होती, न सुनवाई होती, और न कोई जांच होती है।
  2. धारा 7: विदेशियों पर सख्त पाबंदी | इस धारा के तहत विदेशियों को बताया जा सकता है कि वे कहां रहें, किससे मिलें, कब रिपोर्ट करें, क्या बताएं और कैसे व्यवहार करें। डॉ. सिंघवी ने कहा, ‘विदेशियों को मेहमान की तरह नहीं, बल्कि घुसपैठिए की तरह देखा जाता है।’
  3. हर कदम पर निगरानी | यह कानून मकान मालिकों, डॉक्टरों और विश्वविद्यालयों को विदेशियों की हर गतिविधि पर नजर रखने का आदेश देता है। डॉ. सिंघवी ने बताया, ‘हर खांसी, हर पते का बदलाव, हर स्कूल या अस्पताल में दाखिला सरकार को बताना होगा, वरना सजा मिलेगी।’
  4. धारा 14: बिना सबूत कार्रवाई | इस धारा में सरकार बिना सबूत या आरोप के उन जगहों को बंद कर सकती है, जहां विदेशी अक्सर जाते हैं। सिंघवी ने इसे ‘सिर्फ शक के आधार पर सजा’ बताया।
  5. धारा 15: राष्ट्रीयता तय करने की ताकत | अगर कोई विदेशी दो पासपोर्ट रखता है, तो सरकार यह तय कर सकती है कि वह किस देश का है। सिंघवी ने इसे ‘सरकार की मनमानी’ कहा।
  6. धारा 26: छोटे अधिकारी को बड़ी ताकत | इस धारा में एक हेड कांस्टेबल को बहुत बड़े अधिकारी जैसी शक्तियां दी गई हैं। सिंघवी ने इसे ‘अजीब और खतरनाक’ बताया।

‘यह एक बहुत ही चिंताजनक मुद्दा है’

सिंघवी ने चेतावनी दी कि यह कानून सिर्फ विदेशियों तक नहीं रुकेगा। उन्होंने कहा, ‘आज यह विदेशियों को निशाना बना रहा है, कल यह देश के लोगों पर भी लागू हो सकता है। इसका असर सीमा पर नहीं रुकेगा।’ उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही चिंताजनक मुद्दा है जिस पर उतना ध्यान नहीं दिया गया जितना मिलना चाहिए था। सिंघवी ने कहा कि वक्फ और ट्रम्प टैरिफ पर ध्यान केंद्रित करने के कारण इसे अनदेखा कर दिया गया।

Latest India News




Source link

Check Also
Close

nais