Tuesday 22/ 04/ 2025 

TMC के 10 नेताओं को कोर्ट ने भेजा समन, लिस्ट में डेरेक ओ’ब्रायन और सागरिका घोष भीवैज्ञानिकों ने बताई धरती की तबाही की तारीख? नई रिसर्च ने दुनिया को चौंकायाकर्नाटक के पूर्व DGP का मर्डर केस CCB को ट्रांसफर, सलाखों के पीछे पत्नी-बेटीबेंगलुरु में IAF के विंग कमांडर की पिटाई, वायु सेना और पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल का सामने आया बयानताला बंद घर से आ रही थी भयानक बदबू, जब पलंग का बक्सा खोला तो फटी रह गई पुलिस की आंखेंOTT पर एडल्ट कॉन्टेंट को रोकने और पॉलिसी बनाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?बेंगलुरु में वायुसेना के विंग कमांडर और स्क्वाड्रन लीडर के साथ खुलेआम मारपीट, किया लहूलुहानमहाराष्ट्र: 20 साल के झगड़े के बाद अब साथ आएंगे ठाकरे ब्रदर्स? “मिलन” जरूरी है या मजबूरीराफ्टिंग करने का क्या है नियम, जान लीजिए, उत्तराखंड में इसे इग्नोर करने वाला युवक बह गया‘हिन्दूओं के साथ एक समस्या, कोई महापुरुष आता है, लोगों को जगाता और लोग फिर सो जाते’, दत्‍तात्रेय होसबाले ने जताई चिंता
देश

OTT पर एडल्ट कॉन्टेंट को रोकने और पॉलिसी बनाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

Supreme Court
Image Source : FILE
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: OTT पर एडल्ट कॉन्टेंट को रोकने और पॉलिसी बनाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर टिप्पणी की है। जस्टिस बीआर गवई ने कहा, ‘ये तो पॉलिसी मैटर है, यह देखना सरकार का काम है। आप चाहते हैं कि कोर्ट इसमें दखल दे, हम कैसे करें?’

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमारी तो आलोचना हो रही है कि सुप्रीम कोर्ट विधायिका और कार्यप्रणाली के अधिकार क्षेत्र में दखल दे रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बाद में याचिकाकर्ता को कहा कि आप याचिका की कॉपी दूसरे पक्ष को दीजिए, हम सुनेंगे।’

जस्टिस बीआर गवई ने सुबह भी यही टिप्पणी की थी। तब उन्होंने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर टिप्पणी की थी।

ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर जमकर परोसा जा रहा एडल्ट कॉन्टेंट

गौरतलब है कि इन दिनों ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर एडल्ट कॉन्टेंट बनाने की होड़ सी लग गई है। तमाम ऐप्स मार्केट में आ चुके हैं, जो जमकर एडल्ट कॉन्टेंट परोस रहे हैं। इस कॉन्टेंट से तमाम लोगों ने आपत्ति जताई है क्योंकि उसमें सगे-संबंधियों के बीच एडल्टरी को फिल्माया जाता है और सेक्स सीन दिखाए जाते हैं। लोगों का कहना है कि इस तरह का कॉन्टेंट बच्चों और युवाओं पर नकारात्मक असर डाल रहा है। क्योंकि ऐसा कॉन्टेंट देखकर लोग गलत रास्ते पर भी जा सकते हैं। 

ये मामला पहली बार नहीं उठा है बल्कि पहले भी इसको लेकर तमाम बार सवाल खड़े हुए हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की वर्तमान टिप्पणी ये दर्शाती है कि अगर वाकई एडल्ट कॉन्टेंट को रोकने और पॉलिनी बनाने की जरूरत है तो इसको लेकर सरकार को ही प्रभावी कदम उठाने होंगे। बिना सरकार के हस्तक्षेप के ये काम पूरा नहीं किया जा सकता है। अब सरकार इस पर क्या एक्शन लेती है, ये तो समय ही बताएगा। फिलहाल ये मामला एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। 

Latest India News




Source link

Check Also
Close

nais