Monday 13/ 10/ 2025 

जुबिन गर्ग के अंतिम संस्कार स्थल पर ब्राह्मण युवक ने तोड़ी ‘लगुन’, जानें क्यों उठाया ऐसा कदमटीम को जीताकर खुद जिंदगी की जंग हार गया गेंदबाज, आखिरी गेंद फेंकते ही पिच पर हो गई मौत- VIDEO – Moradabad cricketer died after bowling last ball video lclyN. Raghuraman’s column – To find happiness, you need to be present in the moment | एन. रघुरामन का कॉलम: खुशी पाने के लिए वर्तमान में मौजूद रहना जरूरी है‘US चीन की मदद करना चाहता है, नुकसान नहीं’, टैरिफ विवाद के बीच नरम पड़े राष्ट्रपति ट्रंप के तेवर! – us president trump china tariff spat relations ntcनीतीश कुमार ने किया बिहार का चौतरफा विकासAaj Ka Meen Rashifal 13 October 2025: प्रॉपर्टी से संबंधित काम बनेंगे,उपाय- किसी गरीब को आटे का दान करेंफिलीपींस में भूकंप से फिर दहली धरती, रिक्टर स्केल पर 5.7 रही तीव्रता – philippines leyte earthquake 5 7 magnitude ntcउत्तराखंड में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 44 अधिकारी बदले, 5 जिलों के DM स्थानांतरित‘कुरान न पढ़ने की जिद बनी कत्ल की वजह’, बागपत की मस्जिद में ट्रिपल मर्डर का खुलासा – baghpat triple murder of maulana faimily in mosque revealed lclntअसम की जनसंख्या पर CM हिमंत का बड़ा दावा- हिंदू आबादी घटकर हुई 40%; इतनी है मुस्लिम आबादी
देश

गोवा के मंदिर में भगदड़ की घटना के लिए कौन जिम्मेदार? जांच समिति ने सीएम को सौंपी रिपोर्ट

Goa stampede
Image Source : PTI
गोवा में भगदड़

पणजी: गोवा के श्री देवी लइराई देवी मंदिर में मची भगदड़ की घटना के मामले में जांच समिति ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।  जांच के लिए गठित समिति ने जिला प्रशासन, पुलिस, मंदिर समिति और भीड़ के व्यवहार को सामूहिक रूप से इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार ठहराया है। 

भगदड़ मचने से छह लोगों की हुई थी मौत

उत्तरी गोवा जिले के शिरगाओ गांव में श्री देवी लइराई मंदिर में तीन मई की सुबह एक सालाना उत्सव के दौरान भगदड़ मचने से 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कारणों का पता लगाने के लिए सचिव (राजस्व) संदीप जैक्विस के नेतृत्व में एक जांच समिति गठित की थी। सावंत ने मंगलवार को समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए कहा कि समिति ने पाया कि जिला प्रशासन, पुलिस और मंदिर समिति की ओर से हुई चूक के अलावा ‘‘भीड़ का व्यवहार’’ भी इस त्रासदी का कारण बना। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

अनुष्ठान के दौरान भीड़ बढ़ती जा रही थी

सावंत ने कहा कि जांच समिति द्वारा जिम्मेदार ठहराए गए अधिकारियों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि घटना के कुछ घंटों बाद राज्य सरकार ने जिलाधिकारी स्नेहा गिट्टे और पुलिस अधीक्षक (उत्तर) अक्षत कौशल सहित अन्य ट्रांसफर कर दिया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर में अनुष्ठान चल रहा था और भीड़ बढ़ती जा रही थी, तभी पवित्र तालाब और ‘होमकुंड’ के बीच ढलान वाले रास्ते पर भगदड़ मच गई, जहां अनुष्ठान के लिए अग्नि प्रज्ज्वलित की जाती है। 

मंदिर प्रबंधन समिति ने भी प्रशासन के साथ सहयोग नहीं किया

सावंत ने बताया कि अधिकारियों ने भीड़ को नियंत्रित नहीं किया और योजना भी खराब थी। उन्होंने कहा कि कुछ ‘ढोंड़’ (श्रद्धालु) का व्यवहार भी ठीक नहीं था; मंदिर प्रबंधन समिति ने भी उत्सव की व्यवस्था करते समय प्रशासन के साथ पर्याप्त सहयोग नहीं किया। सावंत ने कहा, ‘‘मंदिर समिति ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई पहल नहीं की।’’ उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस पैमाने के उत्सव के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय करने में विफल रहा। 

पुलिसकर्मियों के बीच को-ऑर्डिनेशन भी ठीक नहीं था

मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि पुलिस बल की कोई रणनीतिक तैनाती नहीं थी और पुलिसकर्मियों के बीच को-ऑर्डिनेशन भी ठीक नहीं था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने ऐसे अवसरों के लिए आवश्यक निगरानी ढांचे भी नहीं स्थापित किए थे। सावंत ने कहा कि इसके अलावा, मंदिर की ओर जाने वाली गली दुकानों के कारण संकरी हो गई और स्थानीय पंचायत ने मौके का निरीक्षण किए बिना ही दुकानों को बिजली कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी कर दिए। उन्होंने कहा कि तथ्यान्वेषण समिति ने इस पैमाने के आयोजनों के लिए भीड़ प्रबंधन योजना तैयार करने जैसे तत्काल उपायों सहित कई सिफारिशें की हैं। सावंत ने कहा, ‘‘यह घटना हमारे लिए आंख खोलने वाली थी। हम ऐसे उत्सवों की सूची बनाएंगे और भीड़ प्रबंधन योजना पहले से ही लागू कर दी जाएगी।’’(भाषा)

Latest India News




Source link

Check Also
Close



DEWATOGEL