Pt. Vijayshankar Mehta’s column – If you want to be the best, then learn to touch the soul | पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: यदि सर्वोत्तम बनना है तो आत्मा को स्पर्श करना सीखें

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7 दिन पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
प्रबंधन की दुनिया में कहा जाता है कि अपने कार्य को प्रेम करें। जो काम करें, डूबकर करें तो सफलता भी मिलेगी और आप बेचैन भी नहीं होंगे। करियर में एक्स्ट्रा माइलेज लेना हो तो एक काम और करें- खुद को रिचार्ज करें। और खुद को रिचार्ज तब ही कर पाएंगे जब आप ये समझेंगे कि हम एक आत्मा हैं, अभी इस शरीर में है।
चूंकि हम शरीर से करते कुछ और हैं, दिखते कुछ और हैं, होते कुछ और हैं। लेकिन जैसे ही आत्मा पर जाएंगे, हम जो हैं वो हो जाएंगे। और ठीक ढंग से रिचार्ज होना इसी को कहते हैं। तब आप अपने काम से प्रेम कर पाएंगे, क्योंकि आप आत्मा पर टिके हुए हैं। शरीर वाले लोग तो दोहरा जीवन जीते हैं।
जो लोग सिर्फ शरीर पर टिकते हैं, वो तुलसी पर दीया तो जलाते हैं पर बुझे दिल के होते हैं। खुद थकान से भरे हैं पर उत्साह से आरती उतारते हैं। तो ऐसे में तो रिचार्ज नहीं हो पाएंगे। इसलिए यदि खूब सफल होना है, सर्वोत्तम बनना है तो आत्मा को स्पर्श करना सीखिए। जिसका सरल तरीका है योग जरूर करें, चाहे कितने भी व्यस्त हों।
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