Gaza War – भूख से तड़पते बच्चे, मलबे में दबी लाशें… गाजा में 24 घंटे में 74 की मौत, नेतन्याहू बोले- दुश्मन को मिटाकर ही रुकेंगे! – gaza war hamas offers hostage deal but refuses to end fight with israel who strikes on hezbollah opnm2

गाजा पट्टी में भीषण जंग के बीच हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. यहां के लोग एक तरफ इजरायली हमले में मर रहे हैं, तो दूसरी तरफ भूख और कुपोषण ने उनकी जिंदगी को मौत से भी बदतर बना दी है. आईडीएफ के ताजा हमलों में मंगलवार को कम से कम 74 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इनमें 51 लोग ऐसे हैं, जो किसी न किसी रूप से सहायता चाह रहे थे. पिछले 24 घंटे में आठ लोग भूख से मर गए हैं.
इजरायली हमलों और नाकाबंदी की वजह से गाजा में बच्चों, महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक, हर किसी को एक वक्त का खाना जुटाने के लिए जान जोखिम में डालनी पड़ रही है. राहत सामग्री के ट्रक जैसे ही किसी इलाके में पहुंचते हैं, भूख से बेहाल भीड़ टूट पड़ती है. कोई ट्रक पर चढ़कर सामान लूटता है तो कोई जमीन पर गिरे आटे को उठाकर भूख मिटाने की कोशिश करता है. कई लोग तो इस कोशिश में भी घायल हो जाते हैं.
गाजा में इस तरह की स्थिति अब आम हकीकत बन चुकी हैं. राहत सामग्री के पीछे भागते लोग, बर्तन लिए रोते बच्चे और भूख से बिलखती महिलाएं. इसके बावजूद भी किसी को यह भरोसा नहीं होता कि इतनी मशक्कत के बाद उन्हें वाकई खाने को कुछ मिलेगा या नहीं. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि भूख और कुपोषण से मरने वालों की संख्या 180 तक पहुंच गई है. इनमें 93 केवल बच्चे शामिल हैं.
मंगलवार को इजरायल के रक्षा मंत्री इसराइल कैट्ज ने गाजा पट्टी का दौरा किया और जमीनी हालात का जायजा लिया. इसी दौरान खान यूनिस इलाके में हुए ताजा हमले में 5 लोगों की मौत हो गई. वहीं दूसरी ओर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फिर साफ कर दिया है कि गाजा में सैन्य अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक उनके तीन घोषित लक्ष्य पूरे नहीं हो जाते.
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कैबिनेट बैठक में कहा, “हम गाजा में दुश्मन को पूरी तरह परास्त करेंगे. अपने सभी बंधकों को छुड़ाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि गाजा अब कभी भी इजरायल के लिए खतरा न बने. इन तीनों लक्ष्यों को हासिल करना अनिवार्य है. हम किसी भी हाल में पूरा करके ही मानेंगे.” हालांकि, बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच इजरायल ने सहायता नियमों में थोड़ी ढील दी है.
गाजा को अब राहत सामग्री केवल हवा से ही नहीं बल्कि जमीनी रास्तों से भी भेजी जा रही है. कनाडा ने भी इस संकट की घड़ी में हवाई माध्यम से 21600 पाउंड मदद पहुंचाई है. इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है. कुछ दिन पहले कनाडा ने सितंबर में होने वाली संयुक्त राष्ट्र की बैठक में फिलिस्तीन को मान्यता देने की भी घोषणा की थी. लेकिन इस राहत का मौजूदा पैमाना गाजा के लिए नाकाफी है.
22 महीने से जारी युद्ध ने गाजा को खंडहर बना दिया है. अब हालात ऐसे हैं कि जहां एक ओर भूखे लोगों पर मदद बांटने के दौरान गोलियां चलाई जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर दुनिया भर की एजेंसियां राहत बढ़ाने की अपील कर रही हैं. संयुक्त राष्ट्र ने साफ कहा है कि केवल हवाई मार्ग से पहुंचाई जा रही मदद से गाजा का संकट नहीं सुलझ सकता. जमीनी रास्तों से बड़े पैमाने पर राहत पहुंचानी ही होगी.
बीच नेतन्याहू की नई कैबिनेट बैठक इस बात का संकेत देती है कि आने वाले दिनों में गाजा पर हमले और तेज हो सकते हैं. यानी एक तरफ भूख और मौत से जूझती आम जनता है और दूसरी तरफ इजरायली नेतृत्व जो अपने युद्ध लक्ष्यों को पूरा करने के संकल्प पर अड़ा हुआ है. गाजा आज दुनिया के सामने भूख, हिंसा और असुरक्षा की सबसे भयावह तस्वीर बन चुका है. यहां किसी स्थिति बहुत भयानक है.
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