इजरायली हमले से बौखलाए हूती विद्रोही… UN के दफ्तरों पर की रेड, 11 लोगों को हिरासत में लिया – yemen houthi rebels raid un offices 11 staff detained ntc

ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने रविवार को यमन की राजधानी सना में संयुक्त राष्ट्र (UN) के दफ्तरों पर समन्वित छापेमारी की और कम से कम 11 कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया. इन कर्मचारियों का संबंध संयुक्त राष्ट्र की खाद्य, स्वास्थ्य और बच्चों से जुड़ी एजेंसियों से है.
ये कार्रवाई अचानक और योजनाबद्ध तरीके से हुई, जिससे राजधानी में तनाव और बढ़ गया है. खास बात यह है कि ये छापेमारी ऐसे समय में हुई जब इजरायल ने हाल ही में हूती प्रधानमंत्री और कई कैबिनेट मंत्रियों को हवाई हमले में मार गिराया है. इस हमले के बाद से हूतियों ने पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी है.
UN दूत ने गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना की
संयुक्त राष्ट्र के यमन के लिए विशेष दूत हांस ग्रुंडबर्ग (Hans Grundberg) ने इस कदम को मनमानी गिरफ्तारी बताया और कहा कि यह मानवीय काम करने वाले संगठनों पर सीधा हमला है. उन्होंने कहा, “मैं सना और होदेदा में UN कर्मचारियों की गिरफ्तारी और UN दफ्तरों में जबरन घुसकर सामान जब्त करने की कड़ी निंदा करता हूं. कम से कम 11 UN कर्मचारी हिरासत में लिए गए हैं. यह बिल्कुल अस्वीकार्य है.”
उन्होंने यह भी कहा कि हूती विद्रोहियों को इन सभी कर्मचारियों को तुरंत और बिना शर्त रिहा करना चाहिए.
किन एजेंसियों को बनाया निशाना?
हूती सुरक्षा बलों ने सबसे पहले विश्व खाद्य कार्यक्रम (World Food Programme – WFP) के दफ्तर पर छापा मारा. वहां से एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया और फिर अलग-अलग जगहों से और लोगों को भी हिरासत में लिया गया. इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO) और यूनिसेफ (UNICEF) के दफ्तरों को भी निशाना बनाया गया. सशस्त्र विद्रोही दफ्तरों में घुसे और कर्मचारियों से पार्किंग एरिया में पूछताछ की. इसके बाद उन्होंने UN की संपत्ति और जरूरी दस्तावेज जब्त कर लिए.
यूनिसेफ के प्रवक्ता अम्मार अम्मार ने भी पुष्टि की कि उनके कई कर्मचारी हिरासत में लिए गए हैं. इसके बाद WFP और UNICEF ने ऐलान किया कि वे अपने सभी कर्मचारियों की गिनती (हेडकाउंट) करेंगे, ताकि सही-सही पता लग सके कि कितने लोग गायब हैं.
बढ़ती कार्रवाई का पैटर्न
रविवार की गिरफ्तारियां UN और अन्य मानवीय संगठनों पर हूती विद्रोहियों की कार्रवाई की ताजा कड़ी हैं. पिछले वर्षों में दर्जनों UN कर्मचारी, सहायता कार्यकर्ता और नागरिक समाज से जुड़े लोग बिना किसी कारण या कानूनी प्रक्रिया के हिरासत में लिए गए हैं.
जनवरी में UN को सादा (उत्तरी हूती गढ़) में अपना ऑपरेशन रोकना पड़ा था, जब आठ UN कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया था. विद्रोही पहले भी सना में अब बंद हो चुके अमेरिकी दूतावास से जुड़े स्थानीय कर्मचारियों को निशाना बना चुके हैं.
हूतियों की अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रति शत्रुतापूर्ण नीति ने यमन में मानवीय सहायता की आपूर्ति बाधित कर दी है, जहां लाखों लोग युद्ध के कारण भूख और स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी से जूझ रहे हैं.
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