Wednesday 10/ 09/ 2025 

हरिद्वार: रुड़की में हो रहा सांपों के जहर का अवैध कारोबार, छापेमारी में कोबरा और रसैल वाइपर समेत 86 जहरीले सांप बरामदShekhar Gupta’s column – Punjab needs more attention | शेखर गुप्ता का कॉलम: पंजाब पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत हैViral Video: निडर शख्स ने नंगे हाथों से पकड़ा खतरनाक मगरमच्छ, 45 लाख से ज्यादा व्यूज़ – man grabs crocodile bare hands video viral 45 lakh views rttw डोनाल्ड ट्रंप की पोस्ट पर पीएम मोदी ने दिया जवाब, बोले- 'भारत और अमेरिका स्वाभाविक साझेदार…'Pt. Vijayshankar Mehta’s column – There are only two cures for the mind – silence and meditation | पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: मन के केवल दो ही इलाज हैं- मौन और मेडिटेशनइधर रूस ने दागे ड्रोन, उधर पोलैंड के आसमान में उड़ने लगे अमेरिकी F-35 फाइटर जेट – Russia Drone Attack Poland Border Region Ukraine City F 35 Fighter Jet Polish Airspace NTCमनोहर लाल खट्टर ने 'चैलेंजेज टू इंटरनल सिक्योरिटी ऑफ इंडिया' बुक के सातवें संस्करण का किया लोकार्पणN. Raghuraman’s column – How to encourage children to use mobile phones | एन. रघुरामन का कॉलम: बच्चों को मोबाइल फास्टिंग के लिए कैसे प्रोत्साहित करेंसीजफायर वार्ता को मुश्किल में डाल सकती है कतर में इजरायल की बमबारी, अमेरिका बोला- हमने पहले ही आगाह कर दिया था! – Israel attack hamas Qatar white house says already warned ntcभारत के 15वें उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन, 2 बार के हैं सांसद और राज्यपाल, जानिए उनका पूरा राजनीतिक करियर
देश

Pt. Vijayshankar Mehta’s column – Remembering ancestors is another practice of meditation | पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: ध्यान का ही एक और प्रयोग है पितरों का स्मरण करना

  • Hindi News
  • Opinion
  • Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Remembering Ancestors Is Another Practice Of Meditation

3 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
पं. विजयशंकर मेहता - Dainik Bhaskar

पं. विजयशंकर मेहता

जब चेतना अकेली होती है, तब ध्यान लगता है। और यदि चेतना माया से जुड़ गई, तो हम उलझ जाते हैं। रामकथा में पक्षीराज गरुड़ ऐसे ही उलझ गए थे। उन्होंने रामजी का बंधन काटा युद्ध के दौरान, तो उन्हें लगा मैंने बहुत बड़ा काम कर दिया। लेकिन परेशान हो गए। तो देवर्षि नारद के पास गए और अपना संदेह बताया- ब्याकुल गयउ देवरिषि पाहीं। कहेसि जो संसय निज मन माहीं।।

तब नारद ने कहा था कि गरुड़, श्रीराम की माया बड़ी बलवती है। मुझे भी कई बार इस माया ने नचाया है। सावधान हो जाओ और ब्रह्मा जी के पास चले जाओ। अब इसमें यह संकेत मिलता है कि हम संसार में रहते हैं तो कहीं ना कहीं उलझेंगे जरूर। तो संत के पास जाने से, सत्संग करने से, गुरु का सान्निध्य प्राप्त करने से हम ध्यान की तरफ जा सकते हैं और माया से मुक्त होंगे।

श्राद्ध पक्ष चल रहे हैं। ध्यान लगाने का एक और प्रयोग है कि हम अपने पितरों का स्मरण करें। उनके निमित्त शुभकार्य करें, तब भी हम ध्यान की तरफ चल पड़ते हैं।

खबरें और भी हैं…

Source link

Check Also
Close



TOGEL88