Lahori Zeera Success Story: 10 रुपये की बोतल… तीन भाइयों ने मिलकर मचाया ऐसा तहलका, अब गली-गली में चर्चा! – Success Story From Desi Flavour to rs10 Bottle Lahori Zeera the Rising Star of India Beverage Market tuta

कोल्ड ड्रिंक (Cold Drink) मार्केट में एक अदना-सा खिलाड़ी आया, और उसने कुछ साल में ही कामयाबी का झंडा गाड़ दिया. नाम भी ऐसा… जिसने पहली बार सुना, उसे लगा कि ये भारत की कंपनी है या पाकिस्तानी? जी हां, हम बात कर रहे हैं ‘लाहौरी जीरा’ की. लाहौरी जीरा (Lahori Zeera) एक ऐसा प्रोडक्ट है, जो मार्केट में आते ही छा गया. इसका प्रचार इसके स्वाद और इसकी कम कीमत ने कर दिया है. अब ये ब्रॉन्ड देशभर में पॉपुलर है.
दरअसल, लाहौरी जीरा आज भारत में चौथा सबसे ज्यादा बिकने वाला पेय ब्रांड है. कंपनी महज 8 साल पुरानी है. लाहौरी जीरा की शुरुआत 2017 में सौरभ मुंजाल, निखिल डोडा और सौरभ भुटना ने की थी. ये तीनों चचेरे भाई हैं और पंजाब के रहने वाले हैं. इन तीनों भाइयों के दिमाग की ऊपज है ये लाहौरी जीरा. इन्होंने चंडीगढ़ में अपने घर की रसोई से इस ‘देसी ड्रिंक’ ब्रांड की शुरुआत की थी.
कामयाबी का ये राज…
सौरभ मुंजाल, सौरभ भुटना और निखिल डोडा ने साल 2017 में आर्कियन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी की स्थापना की, जिसके तहत लाहौरी जीरा ब्रांड बेचा जाता है. कंपनी के CEO सौरभ मुंजाल बताते हैं कि लाहौरी जीरा में कोई केमिकल नहीं होता है. इसमें वे चीजें शामिल हैं, जो आपकी रसोई में आसानी से मिल जाती हैं. उनका कहना है कि लाहौरी जीरा इसलिए नाम रखा, क्योंकि इसमें लाहौरी नमक (सेंधा नमक) का इस्तेमाल किया गया है. कंपनी के जितने भी प्रोडक्ट्स हैं, सभी में लाहौरी नमक का इस्तेमाल किया गया है.
मुंजाल कहते हैं, ‘हमने 140 करोड़ भारतीयों तक पहुंचने का लक्ष्य बनाया, और अधिकतम कीमत 10 रुपये तय की गई. जैसे 5 रुपये वाले पार्ले-जी बिस्किट आज हर घर में पॉपुलर है. एक सर्वे के अनुसार कंपनी की लगभग 50% बिक्री सीधे क्रेट खरीद से होती है. सिर्फ 10 रुपये कीमत और स्वाद इतना हिट हुआ है, कि लोग अब एक-एक बोतल नहीं, पूरी पेटियां खरीद लेते हैं और परिवार के साथ पीते हैं. कंपनी साल-दर-साल 50% से ज्यादा की दर से बढ़ रही है.
लाहौरी जीरा का स्वाद बिल्कुल घरों में बनने वाले पारंपरिक जीरा पेय जैसा होता है. कंपनी की कामयाबी का यही सबसे बड़ा राज है, और बिना बड़े विज्ञापन और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट का ये ब्रॉन्ड घर-घर में पॉपुलर हो गया है. लाहौरी जीरा ने पेप्सी और कोक तक को चुनौती देनी शुरू कर दी है. अब कंपनी नींबू, कच्चा आम, मसाला कोला और शिकंजी जैसे नए फ्लेवर भी लॉन्च कर चुकी है.
मार्केटिंग के लिए अपनाया ये फॉर्मूला
दरअसल, लाहौरी जीरा बिसलेरी के हाइपरलोकल मॉडल पर चल रहा है, जिसमें कंपनी अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बनाने की जगह दूसरे बॉटलर्स (को-बॉटलर्स) के साथ काम कर रही है, ताकि तेजी से बाजार तक पहुंच सके.
पिछले आठ साल में ही कंपनी ने इस फील्ड में झंडा गाड़ दिया है. बिक्री लगातार बढ़ रही है, मुनाफा भी बढ़ रहा है. लोगों में लाहौरी जीरा को लेकर दीवानगी भी बढ़ रही है. साल 2021 में इसका टर्नओवर महज 80 करोड़ रुपये था. अगले साल यानी 2022 में यह बढ़कर 250 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 312 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था. वहीं FY25 में ₹500 करोड़ का नेट राजस्व लक्ष्य रखा है.
18 राज्यों तक कंपनी की पहुंच
मौजूदा समय में लाहौरी जीरा ब्रांड का मूल्यांकन ₹2,600-₹2,800 करोड़ के आसपास किया जा रहा है. फिलहाल देश के 18 राज्यों में लाहौरी जीरा की जबर्दस्त डिमांड है, और करीब 5 लाख से अधिक रिटेल आउटलेट्स से लाहौरी जीरा पहुंच चुका है. जबकि कुछ साल पहले तक यह ब्रांड पंजाब, हरियाणा और हिमाचल तक सीमित था.
साल-दर-साल बिक्री में जोरदार बढ़ोतरी हुईं. शुरुआत में कंपनी 1 लाख बोतलें ही बेच पाती थीं. साल 2022 में बोतलों की संख्या बढ़कर 12 लाख तक पहुंच गईं. एक अनुमान के मुताबिक अब कंपनी रोजाना 20 लाख से अधिक बोतलें बनाती हैं.
बता दें, कंपनी का प्लांट पंजाब और गुजरात में मौजूद हैं. जबकि नई यूनिट लखनऊ में स्थापित करने की योजना है. Lahori Zeera की सीधी टक्कर Jeeru (Xotik), Paper Boat Jeera Masala Soda और Manpasand Beverages जैसी कंपनियों से है. जबकि Coca-Cola, PepsiCo और Parle Agro को भी मार्केट में चुनौती मिल रही है.
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