Wednesday 15/ 10/ 2025 

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Pt. Vijayshankar Mehta’s column – Give everything to your children but also give them advice in your will | पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: बच्चों को सब दें लेकिन वसीयत में नसीहत भी दें

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59 मिनट पहले

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पं. विजयशंकर मेहता - Dainik Bhaskar

पं. विजयशंकर मेहता

कुसंग से बच्चों को बचाया जाए, ऐसी नसीहत माता-पिता को दी जाती है। लेकिन अगर माता-पिता ही कुसंग कर जाएं तो इसकी कीमत बच्चों को चुकानी पड़ती है। इतिहास में ऐसे बहुत किस्से हैं कि बच्चों के कारण माता-पिता दु:खी हो गए। इसका उल्टा भी होता है। एक घटना ऐसी भी है, जिसने इतिहास को अलग मोड़ दे दिया। कोपभवन में राजा दशरथ और रानी कैकयी के बीच हुआ वार्तालाप राम को 14 वर्ष के लिए वन भेज देता है।

कैकयी का शील मिटा, दशरथ का जीवन गया, अयोध्या को दु:ख मिला, लेकिन राम इस सबमें अपनी गरिमा और बढ़ा गए। अब तो माता-पिता को और सावधान होना होगा। इस समय बच्चे जिस ढंग से पाले जा रहे हैं, माता-पिता उनको सब दे रहे हैं। लेकिन वसीयत में नसीहत भी दी जाए। आने वाले वर्षों में भारत का पारिवारिक ढांचा 35% घटकर संकुचित हो जाएगा।

हम बीस से दस, दस से पांच, पांच से चार और अब दो पर आकर रुक गए हैं। कम सदस्यों के परिवार में जितना सुख है, उससे ज्यादा दु:ख है- जो अब दिखेगा।

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