Monday 01/ 12/ 2025 

संसद में हंगामे को लेकर विपक्ष पर भड़कीं कंगना रनौत, बोलीं- 'वे जितना हारते जा रहे हैं, उतना…'MP में भरभराकर गिरा 50 साल पुराना पुललोकसभा में इस हफ्ते वंदे मातरम् पर होगी चर्चा, पीएम मोदी भी हिस्सा लेंगे-सूत्रबिजनौर: जामा मस्जिद के पास दो बाइक सवारों पर लाठी-डंडों से हमला, CCTV वीडियो वायरल – bijnor bike riders attacked near jama masjid cctv viral lclarआसाराम की जमानत के खिलाफ नाबालिग रेप पीड़िता पहुंची सुप्रीम कोर्ट, गुजरात हाईकोर्ट ने दी है 6 महीने की बेलबवाली गाने, रैलियों में हुड़दंग, SIR पर अलर्ट… बिहार के नतीजों से क्या-क्या सबक ले रहे हैं अखिलेश? – bihar election impact up politics akhilesh yadav style songs sir process ntcpkbPM मोदी के बयान पर अखिलेश ने पूछा-'क्या BLO की मौतें भी ड्रामा', चिराग बोले- 'सदन चलाना सभी की जिम्मेदारी'संघ के 100 साल: विभाजन के बलिदानी स्वयंसेवकों की ये कहानियां आंखों में आंसू ला देंगी – Sangh 100 years 1947 partition pakistan and lahore ntcpplBSF का स्थापना दिवस आज, जानें कितनी ताकतवर है सीमा सुरक्षा बलBLO ने फांसी पर झूलकर दी जान
देश

Pt. Vijayshankar Mehta – We need a set of virtues to counteract our vices. | पं. विजयशंकर मेहता: दुर्गुणों का सामना करने के लिए हमें गुण-समूह चाहिए

  • Hindi News
  • Opinion
  • Pt. Vijayshankar Mehta – We Need A Set Of Virtues To Counteract Our Vices.

7 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
पं. विजयशंकर मेहता - Dainik Bhaskar

पं. विजयशंकर मेहता

हमारे जीवन पर अलग-अलग रास्तों से दुर्गुणों का आक्रमण होता है, तो हमें तैयारी भी उतनी ही तगड़ी करनी होगी। एक या दो गुणों से हम अनेक दुर्गुणों का सामना नहीं कर पाएंगे। इसलिए हमारे भीतर गुण-समूह होने चाहिए।

शिव जी ने गरुड़ जी से कहा- जाइ सुनहु तहं हरि गुन भूरी, होइहि मोह जनित दु:ख दूरी। काकभुशुंडि जी के पास जाकर हरि के गुण-समूहों को सुनो, मोह से उत्पन्न तुम्हारा दु:ख दूर हो जाएगा। अब पहली बात तो ये कि भगवान भी गुण-समूह में विश्वास रखते हैं। छोटे-छोटे गुणों को धैर्य और निरंतरता से अपने भीतर स्थापित किया जा सकता है।

यह समूह में गुण हों, ऐसा समय है। क्योंकि मोह से जब दु:ख उत्पन्न होता है तो उसका सामना करने के लिए गुण-समूह चाहिए। और हम लगातार इसका प्रयास करते रहें कि जहां से भी, जो भी गुण हमको लगे कि ये अपनाया जा सकता है, तो अपना लें। अब जो समय आ रहा है, उसमें लगभग हर गतिविधि में एक दुर्गुण तो मिलेगा। तो क्यों ना अपने भीतर गुणों का समूह एकत्रित किया जाए।

खबरें और भी हैं…

Source link

Check Also
Close



DEWATOGEL


DEWATOGEL