बांग्लादेश ने भारतीय राजदूत को किया तलब, की शेख हसीना का मीडिया एक्सेस रोकने की मांग – Bangladesh summons Indian ambassador demands blockade of media access to Sheikh Hasina ntc

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को ढाका में भारतीय उप-उच्चायुक्त को तलब कर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारतीय मीडिया से बातचीत पर गंभीर चिंता जताई. बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी BSS (बांग्लादेश संवाद संस्था) के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार से हसीना का मीडिया एक्सेस तुरंत बंद करने की मांग की. बता दें कि 78 वर्षीय शेख हसीना पिछले साल अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद सत्ता से बेदखल हो गई थीं और 5 अगस्त, 2024 को उन्हें बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा था. वह भारत आई थीं और तब से यहीं रह रही हैं.
शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के समर्थकों का दावा है कि उन पर लगे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. बांग्लादेश में हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के आरोपों समेत कई अन्य मामलों में मुकदमे चल रहे हैं. बीएसएस ने एक उच्च पदस्थ कूटनीतिक सूत्र के हवाले से बताया, ‘विदेश मंत्रालय ने भारतीय उप-उच्चायुक्त को बुलाकर औपचारिक रूप से बांग्लादेश की गंभीर चिंता जताई कि भारत सरकार पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत की मेन स्ट्रीम मीडिया से बात करने की अनुमति दे रही है.’
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बता दें कि पिछले कुछ दिनों में हसीना ने कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और भारतीय मीडिया संस्थानों को साक्षात्कार दिए हैं. इनमें उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और उसके प्रमुख मोहम्मद युनुस पर तीखे हमले किए और अपने समर्थकों को प्रेरित करने वाले बयान दिए. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारतीय राजनयिक से कहा गया कि नई दिल्ली को ढाका की यह मांग तुरंत पहुंचाएं कि शेख हसीना का मीडिया एक्सेस फौरन रोकी जाए.
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘जिस पर मानवता के खिलाफ अपराध के मुकदमे चल रहे हैं, उसको शरण देना और उसे घृणा फैलाने व बांग्लादेश में आतंकी गतिविधियों की वकालत करने का मंच देना– दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के लिए ठीक नहीं है.’ बांग्लादेश का कहना है कि हसीना के बयान देश में अस्थिरता बढ़ा सकते हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. भारत ने शेख हसीना को मानवीय आधार पर शरण दिया है.
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