पिता आंदोलनकारी और बांग्लादेश के हीरो, खुद भी नेशनल आइकॉन रहीं शेख हसीना… अब सजा का करेंगी सामना – sheikh hasina death sentence bangladesh tribunal political career profile tstsd

शेख हसीना सबसे लंबे समय तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं. वह दुनिया की पहली ऐसी महिला नेता हैं जो सबसे लंबे समय तक किसी देश की प्रमुख रहीं. 2024 में एक उग्र जन आंदोलन के बाद उन्हें अपना देश छोड़ना पड़ा. इसके बाद उन्होंने भारत में शरण ली.
यह पहली बार नहीं था जब शेख हसीना को अपने देश से भागकर भारत में शरण लेना पड़ा. इससे पहले जब उनके पिता की हत्या हुई थी, तब भी उन्हें भारत में ही पनाह मिली थी. उनके बच्चों ने यहीं के स्कूल कॉलेजों से पढ़ाई भी पूरी की.
बांग्लादेश के संस्थापक की बेटी हैं शेख हसीना
शेख हसीना बांग्लादेश के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं. शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर 1947 को पूर्वी पाकिस्तान के तुंगीपारा में हुआ था.उनकी मां का नाम शेख फाजिलतुन्नेसा मुजीब थीं. शेख हसीना ने 1968 में भौतिक विज्ञानी एमए वाजेद मियां से शादी की.
पिता की हत्या के बाद आई थीं भारत
बांग्लादेश में सैन्य तख्तापलट के दौरान अगस्त 1975 को उनके पिता और उनके परिवार के अधिकांश लोगों की हत्या कर दी गई थी. तब शेख हसीना को भारत में पनाह मिली थी. उनके बेटे, सजीब वाजेद जॉय भी भारत में रहे थे. उन्होंने भारतीय बोर्डिंग स्कूलों में पढ़ाई की है. शेख हसीना की एक बेटी भी है. उनका नाम साइमा वाजेद है.
अपने देश लौटकर सैन्य शासन का शुरू किया विरोध
वह 1981 में बांग्लादेश लौट आईं और अवामी लीग की नेता बन गईं, जो उनके पिता की राजनीतिक पार्टी थी. फिर उन्होंने जनरल हुसैन मुहम्मद इरशाद के सैन्य शासन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया. इस दौरान उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलकर लोकतंत्र के समर्थन में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किए. इस जन-विद्रोह की वजह से हसीना जल्द ही एक नेशनल आईकॉन बन गईं.
जब विपक्ष की नेता बनकर उभरीं शेख हसीना
शेख हसीना बांग्लादेश में चार दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहीं. उन्होंने राजनीतिक सफर की शुरुआत बतौर विपक्ष की नेता के रूप में किया. 1986 से 1990 और 1991 से 1995 तक विपक्ष के नेता की भूमिका निभाई. इस दौरान वह अपनी पार्टी आवामी लीग का नेतृत्व कर रही थीं.
पहली बार 1996 में बनी थीं बांग्लादेश की पीएम
1996 में उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लिया. उनका पहला कार्यकाल 2001 को पूरा हुआ था. 2009 में वो दोबारा प्रधानमंत्री बनीं. इसके बाद वह 2014 और 2018 में भी प्रधानमंत्री चुनी गईं.
कभी दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में होती थी गिनती
कभी शेख हसीना को दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक माना जाता था. वह फोर्ब्स पत्रिका की 2020 में दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में 39वें स्थान पर रहीं थीं. 2018 में वह 26वें, और 2017 में 30वें स्थान पर थीं. शेख हसीना को टाइम पत्रिका ने 2018 की दुनिया में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया था.
क्या है शेख हसीना पर आरोप
अब बांग्लादेश की क्राइम ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध का आरोप लगाया है. ट्रिब्यूनल ने कहा कि उन पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बम गिराने के आदेश देने का आरोप है. कई मानवअधिकार संगठनों की रिपोर्ट में शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप लगाए गए हैं.
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