Exclusive: मुंबई ही नहीं टारगेट पर थी दिल्ली, आतंकी तहव्वुर राणा ने पूछताछ में किया बड़ा खुलासा


तहव्वुर राणा ने किए कई बड़े खुलासे
मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा से एनआईए लगातार पूछताछ कर रही है। पूछताछ में तहव्वुर राणा ने कई खुलासे किए हैं, जिसमें उसने बताया है कि मुंबई के बाद दिल्ली में भी आतंक मचाने की तैयारी थी। उसने बताया कि इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन मरकज-उद-दावत-वल-इरशाद (एमडीआई) के नाम पर कनाडा में युवाओं को कट्टरपंथी बनाया और स्थानीय लोगों को उपदेश भी दिया। एमडीआई लश्कर के आतंकी हमलों/बुनियादी ढांचे/वित्त पोषण का समर्थन और पूरक करने के लिए इस्लामिक शैक्षणिक और धर्मार्थ गतिविधियों में भी शामिल रहा है। मरकज-उद-दावत-वल-इरशाद का नाम बदलकर जमात-उद-दावा कर दिया गया है।
किन आतंकी संगठनों से जुड़ा है तहव्वुर राणा
तहव्वुर राणा सीधे तौर पर हुजी 313 ब्रिगेड से जुड़ा हुआ है, जिसका नेतृत्व इलियास कश्मीरी करता है, पाकिस्तान आईएसआई और आतंकी वित्तपोषण के माध्यम से कनाडा या भारत में भर्ती और वित्त पोषण में उसकी भूमिका है। राणा ने स्लीपर सेल की रेकी के साथ दिल्ली के विभिन्न चबाड हाउस और नेशनल डिफेंस कॉलेज सहित अन्य प्रतिष्ठानों पर योजनाबद्ध हमले किए, लेकिन एक-एक करके, ताकि “कोई किसी को न पहचाने।”
दुबई कनेक्शन की हो रही जांच
तहव्वुर राणा ने भारत में आतंकी हमले के लिए 5 से ज़्यादा आतंकवादियों को रसद और वित्तीय मदद मुहैया कराई। इससे साफ पता चलता है कि हेडली को न सिर्फ़ उसने बल्कि ISI ने भी वित्तीय मदद की। तहव्वुर राणा के दुबई संपर्क की भी जांच की जा रही है, जिसने राणा और अब्दुर रहमान (साजिशकर्ता में से एक) की मीटिंग तय की। राणा ने माना कि उसने हेडली को बताया था। साजिद मीर और मेजर इकबाल के निर्देशन में मुंबई में लगभग 40-50 संभावित स्थानों और 12 मुख्य स्थानों की रेकी की गई, जिसमें आर्मी कैंटोनमेंट क्षेत्र से लेकर सिद्धिविनायक, शिवसेना मुख्यालय, छाबड़ हाउस शामिल हैं।
कोड वर्ड और मेल एड्रेस का खुलासा
तहव्वुर राणा को हेडली की भारतीय उद्यमी गर्ल “फ्रेंड” के बारे में भी पता था, लेकिन आतंकी हमले से उसका कोई संबंध नहीं पाया गया। राणा ने हेडली को हाई प्रोफाइल और प्रभावशाली भारतीयों से मिलने के लिए कहा, ताकि वे रीस तक पहुंच बना सकें। एनआईए मेजर इकबाल, मेजर समीर, कोड “डी”, अबू अनस और अन्य लोगों का स्केच तैयार करने जा रही है। 26/11 के बाद राणा, हेडली और मेजर समीर/मेजर इकबाल ने कोड भाषा का इस्तेमाल किया और “एमएमपी” प्रोजेक्ट का नाम भी दिया (डेनमार्क और भारत में हमले की योजना और तैयारी स्थापित की)।
rawsa1@hotmail.com का विस्तृत और इलेक्ट्रॉनिक डेटा और 13 और ईमेल आईडी डिजिटल डेटा उसे दिखाए गए। तहव्वुर राणा ने बताया कि जकीउर रहमान लखवी के नेतृत्व में और आईएसआई द्वारा समर्थित “जकी के सूरा” ने उनकी उपस्थिति में 26/11 की योजना बनाई।