भारत ने तबाह किया रावलपिंडी का ‘नूरखान एयरबेस’: दावा, जानें क्यों है ये पाकिस्तान की लाइफलाइन


भारत ने किया मिसाइल हमला।
पाकिस्तान की सेना ने दावा किया है कि भारतीय सेना ने देर रात उसके तीन एयरबेस पर मिसाइल से हमला किया है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस हमले में ‘नूरखान एयरबेस’ भी तबाह हुआ है। नूरखान एयरबेस को पाकिस्तानी सेना की लाइफलाइन कहा जाता है। आइए जानते हैं कि ये एयरबेस कहां स्थित है और पाकिस्तान के कितना अहम है।
रावलपिंडी, पंजाब में स्थित है एयरबेस
नूरखान एयरबेस की स्थापना RAF स्टेशन चकलाला के रूप में की गई थी। यह चकलाला, रावलपिंडी, पंजाब में स्थित है। कुछ साल पहले तक बेनजीर भुट्टो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा इस एयरबेस का हिस्सा था। अब इसे बंद कर दिया गया है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहां पैराशूट प्रशिक्षण अभियान चलाए गए थे। बाद में यह PAF का परिवहन केंद्र बन गया, जहां से विभिन्न परिवहन विमानों का बेड़ा संचालित होता था।
कभी अमेरिकी सैनिक भी हुए थे तैनात
साल 2005 के पाकिस्तान भूकंप के दौरान राहत प्रयासों में सहायता के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के 300 सैनिकों के साथ-साथ अमेरिकी विमानों को भी चकलाला में तैनात किया गया था। कथित तौर पर अफगानिस्तान में युद्ध के संबंध में रसद प्रयासों और अन्य आंदोलनों को संभालने के लिए 2001 के अंत से चकलाला में अमेरिका की स्थायी सैन्य उपस्थिति रही है।
PAF के दूसरे प्रमुख थे नूर खान
साल 2009 में PAF के चार Il-78 एरियल रिफ्यूलिंग टैंकर विमानों में से पहला PAF बेस चकलाला को दिया गया और वहां नंबर 10 MRTT (मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट) स्क्वाड्रन की स्थापना की गई। बेस का नाम 2012 में PAF बेस चकलाला से बदलकर PAF बेस नूर खान कर दिया गया। ये इसके पहले बेस कमांडर एयर मार्शल नूर खान की याद में रखा गया था। नूर खान PAF के दूसरे पाकिस्तानी प्रमुख भी थे।
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