Monday 13/ 10/ 2025 

संघ के 100 साल: गौहत्या के खिलाफ किसी भी हद तक जाने को तैयार थे हेडगेवार – rss 100 years cow protection movement congress doctor hedgewar history ntcpsmदिल्ली, यूपी, बिहार समेत इन राज्यों में अगले 3 दिन कैसा रहेगा मौसम? पहाड़ी राज्यों में बारिश और बर्फबारी का अलर्टमुजफ्फरनगर: छत पर पटाखे सुखाते वक्त जोरदार धमाका, महिला बुरी तरह झुलसीजुबिन गर्ग के अंतिम संस्कार स्थल पर ब्राह्मण युवक ने तोड़ी ‘लगुन’, जानें क्यों उठाया ऐसा कदमटीम को जीताकर खुद जिंदगी की जंग हार गया गेंदबाज, आखिरी गेंद फेंकते ही पिच पर हो गई मौत- VIDEO – Moradabad cricketer died after bowling last ball video lclyN. Raghuraman’s column – To find happiness, you need to be present in the moment | एन. रघुरामन का कॉलम: खुशी पाने के लिए वर्तमान में मौजूद रहना जरूरी है‘US चीन की मदद करना चाहता है, नुकसान नहीं’, टैरिफ विवाद के बीच नरम पड़े राष्ट्रपति ट्रंप के तेवर! – us president trump china tariff spat relations ntcनीतीश कुमार ने किया बिहार का चौतरफा विकासAaj Ka Meen Rashifal 13 October 2025: प्रॉपर्टी से संबंधित काम बनेंगे,उपाय- किसी गरीब को आटे का दान करेंफिलीपींस में भूकंप से फिर दहली धरती, रिक्टर स्केल पर 5.7 रही तीव्रता – philippines leyte earthquake 5 7 magnitude ntc
देश

भारत-पाक सीजफायर के बाद अब सिंधु जल संधि का क्या होगा? विदेश मंत्रालय के सूत्र ने दी जानकारी

सिंधु जल संधि रहेगी स्थगित
Image Source : SOCIAL MEDIA
सिंधु जल संधि रहेगी स्थगित

युद्ध विराम के बाद Indus Water Treaty को लेकर विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि सीजफायर के बाद भी सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी। यह कोई पूर्व या पश्चात शर्त नहीं है। यह आह्वान पाकिस्तान की ओर से किया गया था। सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। जिसे पहलगाम आतंकी हमले के बाद तोड़ दिया गया और भारत ने सिंधु नदी का डैम बंद कर दिया। जिससे पाकिस्तान की तरफ पानी जाना बंद हो गया था। अब युद्धविराम के बाद इस जल संधि को भारत बंद ही रखना चाहता है। इस पर अभी तक कोई बात नहीं बनी है।

क्या है सिंधु जल संधि

सिंधु जल संधि एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समझौता है। जिसे सिंधु जल बंटवारे को लेकर किया गया था। इस संधि को 19 सितंबर 1960 को कराची में दोनों देशों के बीच लागू किया गया था। दोनों देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किया था। इस संधि की मध्यस्थता विश्व बैंक ने की थी। इस संधि के तहत मुख्य रुप से सिंधु, झेलम, और चिनाब नदी का बंटवारा किया गया था। जिसके परिणाम स्वरूप सिंधु नदी प्रणाली के कुल जल का लगभग 80% पाकिस्तान को और 20% भारत को मिला था। इन तीनों नदियों के पानी के उपयोग और जल संग्रहण मुख्य रूप से पाकिस्तान को दिया गया था। भारत इन नदियों के पानी का उपयोग जैसे सिंचाई, जलविद्युत, नेविगेशन के लिए कर सकता है, लेकिन जल को रोकने या डायवर्ट करने की अनुमति सीमित है। इस संधि के तहत पूर्वी नदियाँ सतलुज, ब्यास, और रावी पर हक भारत को दिया गया। पाकिस्तान का इन नदियों के पानी पर कोई अधिकार नहीं है।

इसके लिए एक आयोग भी बना

इस संधि को बनाए रखने के लिए एक आयोग का भी गठन किया गया था। जिसे स्थायी सिंधु आयोग (Permanent Indus Commission) कहा जाता है। यह आयोग दोनों देशों के बीच जल से संबंधित मुद्दों पर चर्चा कर समाधान निकालता है। यह आयोग सिंधु जल समझौते को लेकर नियमित रूप से बैठकें करता है और डाटा शेयर करता है।

 

Latest India News




Source link

Check Also
Close



DEWATOGEL