Saturday 11/ 10/ 2025 

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US Impose Tariff on Chinese Graphite – अमेरिका ने चीनी ग्रेफाइट पर लगाया 93.5% टैरिफ, इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी बनाने में होता है इस्तेमाल – US imposes above 93 percent tariff on Chinese Anode Grade graphite which is used to make electric vehicle batteries ntc

अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने गुरुवार को घोषणा की कि वह चीन से आयातित एनोड-ग्रेड ग्रेफाइट पर 93.5% का एंटी-डंपिंग टैरिफ लगाएगा. एनोड-ग्रेड ग्रेफाइट एक अहम मैटेरियल है जिसका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए बैटरी बनाने में किया जाता है. यह निर्णय तब लिया गया जब वाणिज्य विभाग ने पाया कि चीनी कंपनियां अमेरिका में इस ग्रेफाइट को उचित बाजार मूल्य से कम कीमत पर बेच रही थीं.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इस प्रकार के ग्रेफाइट के सभी चीनी उत्पादकों पर अमेरिका ने 93.5% एंटी-डंपिंग टैरिफ लगाया है. चीन ने अकेले 2023 में लगभग 347 मिलियन डॉलर का एनोड-ग्रेड ग्रेफाइट अमेरिका में इम्पोर्ट किया था. इस तरह के ग्रेफाइट को कम से कम 90% कार्बन शुद्धता वाला माना जाता है. यह नेचुरल, सिंथेटिक या दोनों का मिश्रण हो सकता है. इसका उपयोग विशेष रूप से बैटरी एनोड में किया जाता है. यह बैटरी का वह भाग है जो एनजी स्टोर और रिलीज करता है.

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चीनी ग्रेफाइट उत्पादकों को दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी की एक अलग जांच भी चल रही है. उस मामले में, वाणिज्य विभाग ने मई में एक प्रारंभिक निर्णय जारी किया था, जिसमें अधिकांश उत्पादकों के लिए 6.55% का प्रतिपूरक शुल्क निर्धारित किया गया था. हालांकि, कुछ कंपनियों- जैसे हुझोउ काइजिन न्यू एनर्जी टेक्नोलॉजी कॉर्प (Huzhou) और शंघाई शाओशेंग (Shanghai Shaosheng) पर 700% से अधिक का भारी शुल्क लगाया गया. एंटी-डंपिंग और एंटी-सब्सिडी टैरिफ दोनों पर अंतिम निर्णय 5 दिसंबर, 2025 तक होने की उम्मीद है.

अमेरिकी बैटरी निर्माता कर रहे थे सुरक्षा की मांग

चीन से आयातित एनोड-ग्रेड ग्रेफाइट पर एंटी-डंपिंग टैरिफ लगाने का अनुरोध अमेरिकन एक्टिव एनोड मटेरियल प्रोड्यूसर्स नामक अलायंस द्वारा किया गया था. इस अलायंस में कई अमेरिकी कंपनियां शामिल हैं, जैसे न्यूयॉर्क की एनोवियन टेक्नोलॉजीज, लुइसियाना की सिरा टेक्नोलॉजीज, टेनेसी की नोवोनिक्स एनोड मैटेरियल्स, नॉर्थ कैरोलिना की एप्सिलॉन एडवांस्ड मैटेरियल्स और जॉर्जिया की एसकेआई यूएस इंक.

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इन कंपनियों का तर्क है कि चीनी कंपनियां बाजार में बड़ी मात्रा में सस्ते ग्रेफाइट ला रही हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो रहा है. इस टैरिफ का उद्देश्य मार्केट कॉम्पिटिशन के लिए लेवल प्लेइंग फील्ड बनाना और अमेरिका में जॉब्स और प्रोडक्शन कैपेसिटी की रक्षा करना है. चीनी ग्रेफाइट पर टैरिफ लगाने का अनुरोध करने वाली अमेरिकी कंपनियों में से एक के प्रवक्ता ने कहा, ‘अनुचित कीमतों पर ग्रेफाइट की डंपिंग अमेरिकी निर्माताओं को नुकसान पहुंचाती है और हमारी डोमेस्टिक बैटरी सप्लाई चेन को कमजोर करती है. वाणिज्य विभाग का यह कदम अमेरिका में क्लीन एनर्जी के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.’

ग्रेफाइट उच्च जोखिम वाला मैटेरियल माना जाता है

लिथियम-आयन बैटरियों के लिए एनोड बनाने में ग्रेफाइट आवश्यक है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों में किया जाता है. BloombergNEF के अनुसार, अमेरिका ने 2023 में लगभग 180,000 मीट्रिक टन ग्रेफाइट का आयात किया, जिसमें से लगभग दो-तिहाई चीन से आया. चीन वर्तमान में ग्लोबल ग्रेफाइट मार्केट पर, खासकर प्रोसेसिंग कैपेसिटी के मामले में, हावी है. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि ग्रेफाइट उन रॉ मैटेरियल में से एक है जिनकी आपूर्ति बाधित होने का सबसे अधिक खतरा है.

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इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ने किसी एक देश पर अत्यधिक निर्भरता से बचने के लिए ग्रेफाइट के स्रोतों में विविधता लाने के लिए तत्काल प्रयास करने का आह्वान किया था. बैटरी निर्माण में ग्रेफाइट की जगह किसी अल्टरनेटिव मैटेरियल का इस्तेमाल करने के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट चल रहा है, इसके बावजूद कम से कम 2030 तक लिथियम-आयन बैटरियों के लिए ग्रेफाइट के मुख्य एनोड मैटेरियल बने रहने की उम्मीद है. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ने इस साल मई में जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि उसके बाद, सिलिकॉन का मार्केट में अधिक हिस्सा बढ़ सकता है. 

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