Derek O’Brien’s column – There is no way to avoid questions in the monsoon session | डेरेक ओ ब्रायन का कॉलम: मानसून सत्र में सवालों से बचने की कोई सूरत नहीं

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3 घंटे पहले
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डेरेक ओ ब्रायन राज्यसभा में टीएमसी के नेता
संसद का मानसून सत्र अगले सप्ताह शुरू हो रहा है। इसकी तारीखों का ऐलान 45 दिन पहले ही हो गया था, जबकि अमूमन यह 18 से 20 दिन पहले होता है। समय से इतना पहले तारीखों की घोषणा का कारण स्पष्ट है।
सरकार संसद के विशेष सत्र से बचना चाहती है और लोकसभा व राज्यसभा में ऐसी चर्चा को टालना चाहती है, जिसमें उसे पहलगाम, पुंछ, राजौरी पर तीखे सवालों का जवाब देना पड़ेगा। दिसंबर 2023 के बाद से ही सरकार विपक्ष द्वारा प्रस्तावित एक भी चर्चा को अनुमति देने से बचती रही है। ऐसे में 21 दिन के आगामी सत्र से हम क्या अपेक्षा करें?
इस सत्र में संसद के दोनों सदनों में 21-21 घंटों के प्रश्नोत्तर सत्र होंगे और सवालों से बचने की कोई सूरत नहीं है। दोनों सदनों में प्रतिदिन एक घंटे का प्रश्नकाल मंत्रियों की जवाबदेही तय करेगा। उन्हें उत्तर देना ही होंगे, फिर चाहे वे तारांकित सवालों के मौखिक जवाब हों या अतारांकित के लिखित जवाब। संसद में हर दिन औसतन नौ सवालों के जवाब मौखिक दिए जाते हैं, जबकि 400 से अधिक के लिखित उत्तर प्राप्त होते हैं।
चूंकि बीते डेढ़ वर्षों से महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के नोटिसों काे सरकार ने स्वीकार नहीं किया है, इसलिए सिर्फ प्रश्नकाल ही इकलौता ऐसा उपकरण रह जाता है, जिसकी मदद से हमारे संसदीय लोकतंत्र के तहत सरकार को जवाबदेह ठहराया जा सकता है। यहां 2025 के बजट सत्र में पूछे गए कुछ प्रश्न प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक में सरकार द्वारा दिया गया जवाब एक कहानी बयान करता है।
1. अटल पेंशन : मल्लिकार्जुन खरगे के सवाल के जवाब में खुलासा हुआ कि योजना की शुरुआत से अब तक 1.11 करोड़ खाते बंद हो चुके हैं। 1 अक्टूबर 2022 से नियमों में संशोधन कर आयकरदाताओं को योजना के लिए अपात्र कर दिया गया।
2. पीएम इंटर्नशिप योजना : टीएमसी के प्रकाश चिक बराइक के सवाल से खुलासा हुआ कि योजना के पहले चरण में विज्ञापित 1.27 लाख अवसरों में से महज 28 हजार 141 आवेदकों ने इंटर्नशिप स्वीकारी।
3. उड़ान योजना : प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना-उद्धव ठाकरे) के सवाल के जवाब में बताया गया कि योजना के तहत 619 रूट संचालित किए गए थे, जिनमें से 48% नॉन-ऑपरेशनल हैं। 114 मार्ग तो योजना के तीन साल पूरे होने से पहले ही बंद कर दिए गए थे।
4. समग्र शिक्षा अभियान : डॉ. जॉन ब्रिटस (माकपा) का सवाल स्कूली शिक्षा के लिए एकीकृत योजना पर था। जवाब में बताया गया कि तमिलनाडु के लिए 2152 करोड़, बंगाल के लिए 1745 करोड़ और केरल के लिए 329 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे। लेकिन इनमें से किसी राज्य को धनराशि जारी नहीं की गई।
5. केंद्रीय विद्यालयों में रिक्त पद : रामजीलाल सुमन (सपा) के सवाल पर सरकार ने बताया कि दिसंबर 2024 तक केंद्रीय विद्यालय संगठन में 8977 पद रिक्त थे। इनमें 7414 पद (83%) शैक्षणिक थे।
6. साइबर हमले : संजीव अरोरा (आप) के सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि 2020 से 2024 के बीच देश में साइबर सुरक्षा संबंधी 75.86 लाख से अधिक घटनाएं हुईं। 2020 की तुलना में ये 76% की वृद्धि थी। वहीं नीरज डांगी (कांग्रेस) के सवाल पर सरकार ने बताया 2022 से 2023 के बीच डिजिटल भुगतान में धोखाधड़ी के मामले 334% बढ़े हैं। 2022 के 277 करोड़ रुपए से बढ़कर 2023 में धोखाधड़ी 1457 करोड़ रुपए की हो गई।
7. पीएम-कुसुम : यह योजना किसानों को ऊर्जा और जल सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। बजरंग मनोहर सोनवणे (राकांपा-शरद पवार) के सवाल से पता चला कि 10 हजार मेगावॉट रिन्यूएबल ऊर्जा आधारित बिजली संयंत्रों के स्वीकृत लक्ष्य की तुलना में 431 मेगावॉट के संयंत्र ही स्थापित हो पाए हैं।
8. कर्ज माफी : अमरा राम (माकपा) ने अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा कर्ज माफी पर सवाल पूछा। पता चला कि 2014 से 2023 के बीच 16 लाख करोड़ रुपए से अधिक के ऋण माफ किए गए हैं। इनमें से 57% बड़े उद्योगों और सेवाओं के हैं। वहीं इस स्तम्भकार ने सरकार से किसानों पर बढ़ते कर्ज पर सवाल किया। सरकारी डेटा से खुलासा हुआ कि हर कृषक-परिवार पर औसतन बकाया ऋण राशि 74 हजार रुपए थी। कर्ज का उच्चतम स्तर आंध्रप्रदेश में 2.45 लाख रुपए है। इसके बाद केरल में 2.42 लाख रुपए, पंजाब में 2.03 लाख रुपए, हरियाणा में 1.83 लाख रुपए और तेलंगाना में 1.52 लाख रुपए है।
- बीते डेढ़ वर्षों से महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के नोटिसों काे सरकार ने स्वीकार नहीं किया है। ऐसे में प्रश्नकाल ही इकलौता ऐसा उपकरण रह जाता है, जिससे संसदीय लोकतंत्र के तहत सरकार को जवाबदेह ठहराया जा सकता है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं। इस लेख के सहायक-शोधकर्ता आयुष्मान डे और धीमंत जैन हैं)
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