N. Raghuraman’s column – If you want to become a social media hero, stop scrolling on this | एन. रघुरामन का कॉलम: सोशल मीडिया हीरो बनना है तो इस पर स्क्रॉलिंग बंद करें

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5 घंटे पहले
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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
यदि आप कॉलेज छात्र हैं और सोशल मीडिया पर लगातार स्क्रॉल करते रहते हैं, तो इससे पहले कि मैं आपको इसमें समय बर्बाद नहीं करने की हिदायत दूं, मेरा सुझाव है कि आप जोहरान ममदानी के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नजर डालें।
आप सोच रहे हैं कि यह व्यक्ति कौन है? जोहरान ममदानी भारतवंशी हैं, लेकिन उनका जन्म युगांडा में हुआ और वे अमेरिका में पले-बढ़े। वे पहले दक्षिण एशियाई पुरुष हैं, जिन्होंने पिछले महीने 33 साल की उम्र में न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के लिए चुने जाकर इतिहास रच दिया।
आपको उनका सोशल मीडिया क्यों देखना चाहिए? दो कारणों से। पहला, यह समझने के लिए कि उनकी राजनीतिक प्रचार शैली कितनी अलग है, जिसने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। न्यूयॉर्क के मेयर बनने की दौड़ में वे पूरे मैनहट्टन में पैदल चलते थे। जब पूरा अमेरिका वीकेंड की रात सड़कों पर होता है तो वे शुक्रवार की शाम 7 बजे से प्रचार शुरू करते और देर रात 2.30 बजे समाप्त करते।
पैदल यात्रा के दौरान वे अपने फॉलोअर्स को बताते थे कि न्यूयॉर्कवासियों को ऐसा मेयर चाहिए, जिसे वे देख सकें, सुन सकें और यहां तक कि उस पर चिल्ला भी सकें। वे खुद किसी को साक्षात्कार नहीं देते, बल्कि अपने मतदाताओं का साक्षात्कार लेते थे।
सोशल मीडिया पर उनकी इस उपलब्धि का वीडियो सामने आया, जिसमें न्यूयॉर्कवासी उन्हें सराह रहे हैं और गले लगा रहे हैं। कई लोग ‘अगले मेयर’ के लिए तालियां बजाते हैं। जून के आखिरी हफ्ते में वे प्राइमरी इलेक्शन जीत गए।
दूसरा कारण अधिक रोचक है। क्रिश्चियन समुदाय से न होने के बावजूद भी वे अश्वेत पादरियों, विशेष रूप से स्थानीय चर्च में सेवारत एक पादरी को, यह बताकर प्रभावित कर रहे थे कि वे पहले भी क्रिसमस पर जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए उनके यहां आ चुके हैं। पादरी हैरान थे।
वे सोचने लगे कि यह अन्य समुदायों का ध्यान खींचने के लिए बढ़ा-चढ़ाकर किया गया दावा है। लेकिन जब उन्होंने पुराने टेप्स की जांच की तो वहां सच में जोहरान खाना परोसते दिख रहे थे। उस समय चर्च के लोगों को पता नहीं था कि वे कौन हैं। यह दिखाता है कि जोहरान ने बहुत पहले से राजनीति में प्रवेश करने की योजना बना ली थी। और अन्य समुदायों में कोई पहचान नहीं रखने वाले जोहरान ने अपना भरोसा बनाने के लिए कड़ी मेहनत की।
अब आप सोच रहे हैं कि ये चीजें आपके जैसे कॉलेज छात्रों की मदद कैसे करेंगी? मेरा एक सुझाव है। अपने मोबाइल फोन पर स्क्रॉल करना बंद करें और लोगों के साथ रहें। सड़कों पर नए लोगों से मिलें और उनसे फेस-टु-फेस बातें करें।
इससे आपको उस समाज के बारे में बहुत सारा व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा, जिसमें आप रहते हैं। यह आपको समझने का मौका देगा कि बाजार में कहां गुंजाइश है और अपना शानदार करियर बनाने के लिए आप कौन-सा क्षेत्र चुन सकते हैं। एक विशेष थीम चुनें और अगर चाहें तो रील्स भी बनाएं।
उदाहरण के लिए अपने साथियों के साक्षात्कार लें कि वे नौकरियों में हावी हो रहे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से निपटने की क्या योजना बना रहे हैं। उन्हें अपनी साइट्स पर अपलोड करें। फिर दूसरे लोगों से अधिक आइडिया लेने के लिए लोग आपको भी स्क्रॉल करना शुरू कर देंगे। शुरू में यह विचार गैर-अनुभवी लग सकता है, लेकिन जैसे-जैसे आप अनुभवी होंगे, अपने सवालों और दूसरों के जवाबों को व्यवस्थित करना शुरू कर देंगे।
लेकिन यह सुनिश्चित करें कि जो थीम आप चुन रहे हैं, उसका उद्देश्य दूसरों की मदद करना और चैरिटी हो। याद रखें, जोहरान ने उन लोगों को भोजन परोसा, जिन्हें उसकी जरूरत थी। हो सकता है कि शुरू में लोगों का ध्यान आपकी ओर ना जाए, जैसे जोहरान पर नहीं गया था। इसमें समय लगेगा। निरंतरता ही स्थायित्व लाती है। और फिर वही निरंतरता धीरे-धीरे आपको सोशल मीडिया का चेहरा बनाने का अवसर दे सकती है।
फंडा यह है कि दूसरों की रील्स स्क्रॉल करना बंद करें। विश्वविद्यालय के दिनों में अपने प्रोजेक्ट पूरे करने और उस बाजार को समझने के लिए लोगों से मिलें, जिसमें आप अपने कामकाजी जीवन की सेवाएं देने जा रहे हैं। यह पहल समय के साथ आपको एक ऐसा व्यक्ति बना देगी, जिसे लोग स्क्रॉल करते हों।
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