Thursday 09/ 10/ 2025 

‘गाजा शांति योजना के पहले चरण और बंधकों की रिहाई पर इजरायल-हमास हुए सहमत’, बोले डोनाल्ड ट्रंप – Israel Hamas agree first phase Gaza peace plan hostage release Trump ntcबिहार के बाद अब इस राज्य में हो सकता है SIR, चुनाव आयोग की टीम करेगी दौराएक क्लिक में पढ़ें 09 अक्टूबर, गुरुवार की अहम खबरेंकांग्रेस सरकार ने कब्रिस्तान के लिए दी सेना की जमीन? जुबली हिल्स उपचुनाव से पहले गरमाया मामलाकानपुर ब्लास्ट: पुलिस कमिश्नर बोले- अवैध पटाखों की स्टॉकिंग से हुआ धमाका, हिरासत में 6 लोग – Kanpur blast illegal crackers caused many detained action against protection ntcआंध्र प्रदेश: पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग लगने 7 लोगों की झुलसकर मौत, PM मोदी और CM नायडू ने जताया दुखपीलीभीत: ’80 करोड़ हिंदुओ को जूते की नोक पर रखता हूं’, बयान देने वाला मौलाना रेहान रजा खान गिरफ्तार – Pilibhit Maulana Rehan Raza Khan arrested for saying keep 80 crore Hindus at my feet lclnt'कांग्रेस देश को बताए कि 26/11 हमले के बाद सैन्य कार्रवाई से किसने रोका था', PM मोदी का बड़ा हमलाअखिलेश यादव- आजम खान की 23 महीने बाद मुलाकात, क्या बन गई बात? देखें2 साल पहले बैन हुए कफ सिरप फॉर्मूले से हुई बच्चों की मौत, केंद्र की चेतावनी को राज्यों व कंपनियों ने किया नजरअंदाज
देश

बिहार में NDA की सत्ता-वापसी के लिए कितना कारगर होंगी नीतीश कुमार की ताबड़तोड़ घोषणाएं? – nitish kumar major announcements before bihar election impact teacher recruitment domicile policy opnm1

नीतीश कुमार ने हाल फिलहाल ढेरों लोक लुभावन घोषणाएं की हैं. बिहार विधानसभा चुनाव काफी नजदीक महसूस हो रहे होंगे, और अब तो बार बार ये भी कह चुके हैं कि कहीं नहीं जाएंगे. जब पाला बदलने का स्कोप न हो तो जनता का ही सहारा होता है – यही वजह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के हर तबके को वक्त रहते साध लेने की कोशिश में जुटे हैं. 

शिक्षकों की भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू किया जाना नीतीश कुमार की लेटेस्ट घोषणा है. और, तेजस्वी यादव ने भी खुशी जताई है, लेकिन लगे हाथ ये तोहमत भी मढ़ दी है कि सब कॉपी-पेस्ट टाइप मामला ही है. ऐसी मांग तो प्रशांत किशोर और दूसरे नेताओं की तरफ से भी की जा रही थी, और पटना के गांधी मैदान में आंदोलन कर रहे छात्र तो नारेबाजी ही कर रहे थे – ‘वोट दे बिहारी और नौकरी ले बाहरी, अब ये नहीं चलेगा.’

चाहे जिस दबाव में नीतीश कुमार ने डोमिसाइल वाली घोषणा की हो, लोगों के लिए फायदे की बात तो है ही. और ये घोषणा भी ऐसी है कि सत्ता में चाहे जो भी राजनीतिक दल आए, बदलने की हिम्मत तो शायद ही हो पाए. शराबबंदी का मामला ही ऐसा है, जिसे लेकर हर कोई खामोश नजर आता है, सिवा जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर के. 

बीते कुछ दिनों की बात करें तो डोमिसाइल नीति से पहले नौकरी और रोजगार के अलावा भी नीतीश कुमार ने अलग अलग फील्ड के लिए बहुत सारी घोषणाएं की हैं – और ऐसा लगता है जैसे वो हर वोट बैंक को उनकी मुंहमांगी मुराद पूरी कर साध लेने की कोशिश कर रहे हों. 

बिहार में शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षकों की भर्ती के मामले में डोमिसाइल नीति लागू करने का फैसला किया है, जिसके बाद भर्ती में बिहार के निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी. ये व्यवस्था TRE-4 यानी टीचर रिक्रूटमेंट एग्जाम – 4 से लागू होगी. ये पॉलिसी लागू करने के लिए शिक्षा विभाग को संबंधित नियमों में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश भी दे दिया गया है.

सोशल साइट एक्स पर इस सिलसिले में नीतीश कुमार ने लिखा है, ‘नवंबर, 2005 में सरकार बनने के बाद से ही हमलोग शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं… शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है… शिक्षकों की बहाली में बिहार के निवासियों (DOMICILE) को प्राथमिकता देने हेतु शिक्षा विभाग को संबंधित नियम में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश दिया गया है… ये TRE-4 से ही लागू किया जाएगा… 
वर्ष 2025 में TRE-4 और वर्ष 2026 में TRE-5 का आयोजन किया जाएगा… TRE-5 के आयोजन के पूर्व STET का आयोजन करने का भी निदेश दिया गया है.’

सुशासन, सत्ता या कुर्सी की फिक्र

2020 के बिहार चुनाव में भी नीतीश कुमार ने डोमिसाइल नीति लागू करने का वादा किया था. सरकार बनी तो नीतीश कुमार ने लागू भी कर दिया. लेकिन जुलाई, 2023 में खत्म भी कर दिया गया. डोमिसाइल नीति लागू होने से आशय ये होता है कि भर्ती में उस राज्य के लोग ही आवेदन कर सकते हैं, और नौकरी देने में राज्य के निवासियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी. ऐसे भी समझ सकते हैं कि जो राज्य का वोटर होगा, वही भर्ती प्रक्रिया में अप्लाई कर सकेगा. ये सुविधा माता-पिता के राज्य के निवासी होने, पति के निवासी होने, घर होने जैसी सूरत में भी मिल सकती है. 

विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख बिहार के और भी राजनीतिक पार्टियों ने ये मुद्दा उठाया था, और डोमिसाइल पॉलिसी लागू करने की मांग हो रही थी. मांग करने वालों में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से लेकर जन सुराज पार्टी नेता प्रशांत किशोर तक शामिल थे. 

तेजस्वी यादव ने अपनी प्रतिक्रिया की शुरुआत ‘अपार प्रसन्नता का विषय है…’ से की है. और, आगे लिखा है, वैचारिक रूप से दिवालिया NDA सरकार बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने की हमारी मांग को एकदम सिरे से खारिज करती थी, सदन में किसी भी सूरत में डोमिसाइल नीति लागू नहीं करने का दंभ भरती थी… अब वही लोग हमारी अन्य योजनाओं की भांति इस घोषणा की भी नकल कर रहे हैं.

जब बिहार में लागू किए जाने के बाद 2023 में डोमिसाइल नीति हटाई गई, तब तेजस्वी यादव भी सरकार में शामिल थे. और तब सरकार की तरफ से दलील दी गई थी, स्कूलों में मैथ्स और साइंस पढ़ाने के लिए अच्छे शिक्षण नहीं मिल रहे थे. ये तो सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात है कि जिस बिहार के लोग हर फील्ड में छाये हुए हैं, वहां के मूल निवासियों में अच्छे शिक्षक नहीं मिल रहे थे – और उससे भी ज्यादा ताज्जुब की बात ये है कि चुनाव से ठीक पहले ऐसी सारी संभावनाएं पैदा हो गई हैं. 

नीतीश की चुनावी घोषणाएं

लंबे शासन के बाद नीतीश कुमार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर स्वाभाविक है. धीरे धीरे, एक एक करके नीतीश कुमार लगभग हर तबके को साध लेने की कोशिश कर रहे हैं. नीतीश कुमार को बिहार में चाणक्य की भी मानद उपाधि मिली हुई है, और सुशासन बाबू की भी. ठीक वैसे ही जैसे रामविलास पासवान को राजनीति का मौसम वैज्ञानिक कहा जाता रहा है. नीतीश कुमार भी समझ गए हैं कि चाणक्य वाला चातुर्य तो फिलहाल काम आने से रहा, क्योंकि पाला बदलने का स्कोप बहुत कम रह गया है. लिहाजा, सुशासन बाबू वाला दांव ही फिलहाल चल सकता है – बशर्ते, चुनाव तक ये प्रभाव बरकरार भी रहे.

विरोध का आलम ये है कि नीतीश कुमार की ऐसी सभी स्कीम की फेहरिस्त सोशल मीडिया पर डालकर तेजस्वी यादव सवाल उठा रहे हैं. सोशल साइट X पर तेजस्वी यादव लिखते हैं, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, बिजली की फ्री-यूनिट, सरकारी नौकरी, रसोइयों-रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों, आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि, युवा आयोग का गठन या एक करोड़ रोजगार का विषय हो… 20 साल की थकी-हारी सरकार ने हमारी हर घोषणा, योजना, दृष्टि एवं मांग की नकल कर चुनावी वर्ष में आनन-फानन में ये घोषणा की है… विपक्ष से इनका ये डर अच्छा है.

और फिर नीतीश कुमार से तेजस्वी यादव पूछते हैं, मुख्यमंत्री बताएं कि सरकार को विपक्ष की घोषणाओं की कॉपी और नकल कर कैसा लग रहा है?

जुलाई, 2025 में ही नीतीश कुमार ने घोषणा की थी, सरकार अगले पांच साल में बिहार के एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देगी… निजी क्षेत्रों में भी अवसर बनाए जाएंगे… जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना होगी. लगे हाथ ये भी दावा किया था, अब तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 39 लाख को रोजगार मिला है.
 

—- समाप्त —-


Source link

Check Also
Close



DEWATOGEL