रोटी में घी लगाकर क्यों खाना चाहिए? यहां जानें फायदे-नुकसान – why it is important to apply ghee to your roti know benefits tvisn

घी को हमारी सेहत के लिए सुपर फूड कहा जाता है. घी में हेल्दी फैट्स होते हैं जो एनर्जी बूस्ट करने में मदद करते हैं. इसे पीने से शरीर की सुस्ती और कमजोरी दूर हो जाती है. घी में शॉर्ट-चेन और मीडियम-चेन फैटी एसिड होते हैं जो आपको तुरंत एनर्जी प्रदान करते हैं और मेटाबॉलिक एक्टिविटीज को सपोर्ट करते हैं.
असली घी की पहचान:
बाजार में उपलब्ध 80% से अधिक देसी घी नकली या मिलावटी होते हैं, जिनमें वनस्पति घी, पाम ऑयल, या पशु फैट मिलाए हुए होते हैं. असली घी पारंपरिक “बिलोना मेथड” से होता है, जहाँ गाय के दूध की मलाई को धीमी आंच पर पकाकर बनाया जाता है. जबकि नकली घी शॉर्टकट तरीके से तेजी से बनाया जाता है और इसमें आर्टिफिशियल फ्लेवर्स डाले जाते हैं जो असली घी जैसी खुशबू देते हैं. घी की क्वॉलिटी जांचने के लिए तीन आसान घर पर किए जाने वाले टेस्ट बताएं गए हैं:
1. पाम मेल्टिंग या बॉडी हीट टेस्ट- गुनगुने हाथ पर आधा चम्मच घी रखकर देखें, अगर 5-10 सेकंड में पूरी तरह पिघल जाता है और नटी खुशबू आती है, तो घी असली है. ग्रेनी लम्स या ठंडा रहना मिलावटी घी का संकेत है.
2. फ्रिज सॉलिड टेस्ट- एक चम्मच घी को फ्रिज में 4 घंटे रखें. अगर पूरा घी समान रूप से सॉलिड हो जाता है और दो परतें या सफेद धब्बे नहीं बनते, तो यह असली है.
3. क्विक हीट टेस्ट-गर्म पैन में एक चम्मच घी डालें, अगर तुरंत पिघलकर ट्रांसपेरेंट हो जाता है, हल्का सुनहरा रंग और अच्छी खुशबू आती है तो ठीक है. अधिक झाग, धीरे पिघलना या पीला रंग मिलावट की निशानी है.
घी के फायदे और इस्तेमाल का तरीका
घी में विटामिन A, D, E, K (फैट सॉल्यूबल विटामिन्स) होते हैं और ब्यूट्रिक एसिड पाया जाता है जो पाचन सुधारता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है. घी में लैक्टोज और डेयरी प्रोटीन नहीं होते, इसलिए यह लैक्टोज इंटॉलरेंस वाले लोगों के लिए भी सही है. घी कैलोरी दौलत वाला लेकिन न्यूट्रीएंट डेंस फूड है इसलिए सेवन मात्रा सावधानी से करनी चाहिए. रोटी के साथ देसी घी खाने से कई फायदे हैं:
– पेट लंबे समय तक भरा रहता है जिससे अनहेल्दी स्नैकिंग कम होती है.
– रोटी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स गिर जाता है जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल बेहतर होता है.
– रोटी के कार्बोहाइड्रेट्स और फाइबर के साथ घी के हेल्दी फैट्स और विटामिन्स मिलकर बैलेंस डाइट बनाते हैं.
– पुराने समय में किसान और मैनुअल लेबर वाले लोग सुबह के भोजन में घी लगी रोटी खाते थे जिससे दिनभर एनर्जी मिलती थी.
वजन और घी-
घी कैलोरी से भरपूर है, लेकिन अगर सही मात्रा और बैलेंस डाइट के साथ खाया जाए तो वजन नहीं बढ़ाता बल्कि वेट मैनेजमेंट में मदद करता है. इसमें मौजूद सीएलए (कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड) फैट जमा होने को रोकता है और मसल मास बढ़ाता है. मीडियम चेन फैटी एसिड्स आसानी से पचते हैं और सीधे एनर्जी बनते हैं. घी के फैट पेट को लंबे समय तक भरे रखते हैं, जिससे ओवरईटिंग कम होती है. ब्यूट्रिक एसिड डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत बनाता है, सूजन को कम करता है और हॉर्मोनल बैलेंस में मदद करता है.
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