Thomas L. Friedman’s column – Trump has many misconceptions about Putin | थॉमस एल. फ्रीडमैन का कॉलम: पुतिन को लेकर ट्रम्प के मन में अनेक गलतफहमियां हैं

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4 घंटे पहले
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थॉमस एल. फ्रीडमैन, तीन बार पुलित्ज़र अवॉर्ड विजेता एवं ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में स्तंभकार
पिछले कुछ हफ्तों से जो ट्रम्प-पुतिन-जेलेंस्की-यूरोप का नाटक चल रहा है, मैं उसका निष्पक्ष विश्लेषण करने की कोशिश कर रहा हूं। मैं यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने की ट्रम्प की सराहनीय इच्छा और इसके बावजूद उनके द्वारा अपनाए जा रहे दिखावटी तरीके के बीच संतुलन बनाने की भी कोशिश कर रहा हूं।
मैं 1978 से ही पत्रकारिता कर रहा हूं और मैंने कई कूटनीतिक वार्ताओं को कवर किया है, लेकिन मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा, जब किसी नेता (इस मामले में जेलेंस्की) को प्रेस के सामने साढ़े चार मिनट के सम्बोधन में ट्रम्प को लगभग 15 बार धन्यवाद देने की जरूरत महसूस हुई हो। उस चापलूसी का जिक्र तो छोड़ ही दीजिए, जिसे करने में हमारे दूसरे यूरोपीय सहयोगियों ने भी कोई कोताही नहीं बरती। यानी सभी नेताओं ने अपनी खासी ऊर्जा ट्रम्प के अहंकार को संतुष्ट करने में खर्च की।
मैं नहीं समझता कि ट्रम्प को ठीक से इस बारे में मालूम है कि यह यूक्रेन युद्ध असल में क्या है। ट्रम्प किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति से इन मायनों में जुदा हैं कि उन्हें ट्रांस-अटलांटिक गठबंधन और लोकतंत्र, मुक्त बाजार, मानवाधिकारों और कानून के शासन के प्रति उस गठबंधन की साझा प्रतिबद्धता के साथ कोई एकजुटता महसूस नहीं होती।
जबकि यह एक ऐसा गठबंधन है, जिसने दुनिया के इतिहास में ज्यादातर लोगों के लिए समृद्धि और स्थिरता का सबसे बड़ा दौर दिया है। इसके बजाय ट्रम्प नाटो को ऐसे देखते हैं जैसे कि वह अमेरिका के स्वामित्व वाला कोई शॉपिंग सेंटर हो, जिसके किरायेदार कभी पर्याप्त किराया नहीं देते।
वास्तव में, मैं ब्रिटेन के आर्थिक विश्लेषक बिल ब्लेन की इस बात से सहमत हूं कि यूरोपीय नेता ट्रम्प की चाहे जितनी प्रशंसा करें, यह स्पष्ट है कि 80 साल की ट्रांस-अटलांटिक अर्थव्यवस्था की सफलता के पीछे विश्वास का जो बुनियादी बंधन था, वो अब टूट चुका है। ट्रांस-अटलांटिक अर्थव्यवस्था का अंत वैश्विक अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बदल देगा, जिससे एशिया और नए व्यापारिक सम्बंधों को फायदा होगा।
इसलिए, मेरे लिए यह भी कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि ट्रम्प यूक्रेन को पश्चिमी खेमे में लाने की कोई जरूरत महसूस नहीं करते या वे यह नहीं समझते कि यूक्रेन पर पुतिन का धावा पश्चिमी-गठजोड़ को तोड़ने की उनकी नवीनतम कोशिश मात्र थी।
पुतिन के स्वभाव को लेकर ट्रम्प इतने भ्रमित हैं कि यूरोपीय नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन के दौरान उन्हें खुले माइक्रोफोन पर मैक्रों से पुतिन के बारे में यह कहते हुआ सुना गया कि मुझे लगता है वे मेरे लिए एक डील करना चाहते हैं। क्या कोई मॉस्को में किसी ऐसे अमेरिकी राजनयिक या सीआईए विश्लेषक के बारे में बता सकता है, जो आज ट्रम्प को सही सलाह दे रहे हों?
मुझे नहीं लगता ऐसा कोई है, क्योंकि रूस का कोई भी गंभीर विश्लेषक हमसे यह नहीं कहेगा कि हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि आप सही हैं और हम गलत हैं, पुतिन बुरे नहीं हैं, वे बस यूक्रेन के साथ न्यायपूर्ण शांति चाहते हैं। जबकि हकीकत यह है कि पुतिन यूक्रेन के साथ किसी शांति की तलाश में नहीं हैं और न ही कभी रहे हैं। वे यूक्रेन की जमीन का एक बड़ा टुकड़ा चाहते हैं और उनका बस चले तो वो पूरा यूक्रेन ही हड़प जाएं।
यूक्रेन में शांति स्थापित करने के ट्रम्प के भटकावपूर्ण और लड़खड़ाते प्रयासों का मूल कारण यह समझने में उनकी असमर्थता है कि पुतिन शांति नहीं, बल्कि विजय चाहते हैं। रूसी मामलों के जानकार और पुतिन पर एक किताब लिखने वाले लियोन एरन ने मुझसे कहा कि पुतिन को तमाम वैचारिक और घरेलू राजनीतिक कारणों से यूक्रेन चाहिए। और वे इसे हासिल करने की कोशिश बंद नहीं करने वाले।
इस युद्ध को स्थायी रूप से रोकने के लिए आपको समझना होगा कि पुतिन कौन हैं और वे क्या करने की कोशिश कर रहे हैं। वे कोई भलेमानुष नहीं हैं और वे ट्रम्प के दोस्त नहीं हैं। लेकिन ट्रम्प अपनी इस कल्पना को सच मानते हैं।
ऐसे में इस युद्ध को रोकने और इसे दोबारा होने से बचने का एकमात्र स्थायी तरीका यूक्रेन को सैन्य संसाधन देने की पश्चिमी देशों की व्यापक और निरंतर प्रतिबद्धता है, ताकि पुतिन को लगे कि आखिरकार उनकी सेना को धूल चटा दी जाएगी।
इसके लिए अमेरिका को भी यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देनी होगी, ताकि रूस दोबारा ऐसा करने से बचे और हमारे यूरोपीय सहयोगी यह वादा करने के लिए प्रोत्साहित हों कि यूक्रेन एक दिन यूरोपीय संघ का हिस्सा होगा- हमेशा के लिए पश्चिम में लंगर डाले हुए।
यूक्रेन युद्ध को स्थायी रूप से रोकने के लिए आपको समझना होगा कि पुतिन कौन हैं और वे क्या करने की कोशिश कर रहे हैं। वे कोई भलेमानुष नहीं हैं और वे ट्रम्प के दोस्त नहीं हैं। लेकिन ट्रम्प अपने इस वहम को हकीकत समझते हैं। (द न्यूयॉर्क टाइम्स से)
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