Column by Pandit Vijayshankar Mehta- One becomes intelligent not by having intelligence but by polishing the intelligence | पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: बुद्धि होने से नहीं, बुद्धि को मांजने से बुद्धिमान होते हैं

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46 मिनट पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
हम अपने बच्चों का नाम बहुत सोच-संभलकर रखते हैं। पहले सीधे-सादे नाम हुआ करते थे। अब जिसका भी नाम पूछो, उसका अर्थ भी जानना पड़ता है। लेकिन अपने बच्चों की परवरिश में पैसा, समय और परिवार की कीमत जरूर समझाइएगा।
उनके नाम को त्याग और उत्साह से जोड़िए। ये प्रदर्शन का युग है। लोग अपने संकल्पों का भी प्रदर्शन करने लगते हैं और यहीं से दबाव में आ जाते हैं। हमें अपने बच्चों को सिखाना चाहिए कि संकल्प तो लें पर बिना शोर-शराबे के उसे पूरा करें। और जब वो ऐसा कर रहे होंगे तो सुख और दु:ख जीवन में आएंगे।
इसकी तैयारी बहुत कम माता-पिता अपने बच्चों को कराते हैं। क्योंकि सुख भी दु:खों का मध्यांतर है। हम अपने बच्चों से कहें कि स्वाभिमान उतना ही रखें कि गरिमा बनी रहे। बुद्धि होने से कोई बुद्धिमान नहीं हो जाता।
बुद्धि को मांजने से होता है। और बुद्धि को मांजने के लिए सांसारिक और आध्यात्मिक तरीके संयुक्त रूप से आजमाए जाएं। यह बात बच्चों को समझाने का समय आ गया है।
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