Monday 06/ 10/ 2025 

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अचानक बंगाल-बिहार से नेपाल तक तबाही वाली बारिश क्यों हुई? खासकर फसलों के लिए ज्यादा नुकसानदेह ये बारिश – Why did the sudden devastating rains strike from Bengal Bihar to Nepal

अचानक आई भारी बारिश ने बंगाल, बिहार से लेकर नेपाल तक तबाही मचा दी. 4 अक्टूबर की शाम से 5 अक्टूबर की सुबह तक लगातार बारिश ने उत्तर बंगाल में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी. लैंडस्लाइड्स से 17 लोग मारे गए, सिक्किम लगभग कटा हुआ है. नेपाल में 47 से ज्यादा मौतें हुईं. बिहार के कुछ हिस्सों में भी बाढ़ का खतरा है. यह बारिश खासकर फसलों के लिए घातक साबित हो रही है, क्योंकि धान जैसी खरीफ फसलें कटाई के चरण में हैं.

बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस

यह अचानक बारिश कोई संयोग नहीं, बल्कि मौसम की प्राकृतिक प्रक्रिया का नतीजा है. इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक लो प्रेशर सिस्टम (निम्न दाब क्षेत्र) बन गया. यह सिस्टम 4 अक्टूबर से सक्रिय हो गया, जिससे हवा में नमी बढ़ी और बादल तेजी से बने.

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Bengal Bihar Nepal Flood
दार्जिलिंग में भारी बारिश के बाद टूटा हुआ लोहे का पुल. (Photo: PTI)

वैज्ञानिक रूप से, लो प्रेशर का मतलब है हवा का ऊपर की ओर बहाव, जो समुद्र से नमी सोखकर भारी बारिश लाता है. इसके अलावा, उत्तर-पश्चिम भारत पर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर पड़ा. यह भूमध्य सागर से आने वाली ठंडी हवाओं का सिस्टम है, जो हिमालय के पास टकराकर भारी बारिश ट्रिगर करता है.

मॉनसून की वापसी रुकने (स्टॉल्ड मॉनसून विदड्रॉल) से भी नमी बनी रही. आईएमडी ने 4 अक्टूबर को ही भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी थी. जलपाईगुड़ी में 370 मिलीमीटर, दार्जिलिंग में 270 मिलीमीटर बारिश हुई. यह सामान्य से 200% ज्यादा है. नेपाल में भी इसी लो प्रेशर से फ्लैश फ्लड्स और लैंडस्लाइड्स आए.

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भूटान के ताला हाइड्रोपावर डैम का ओवरफ्लो भी चिंता बढ़ा रहा. भूटान सरकार के अनुसार, वांगछू नदी का बहाव सुबह 4 बजे 200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड से बढ़कर 11 बजे 1260 हो गया. इससे डैम 7 बजे ओवरटॉप हो गया, जिससे उत्तर बंगाल में बाढ़ का खतरा और बढ़ा.

Bengal Bihar Nepal Flood

तबाही का आंकड़ा: मौतें, लैंडस्लाइड्स और कटे रास्ते

उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कालिम्पोंग और अलीपुरदुआर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. 5 अक्टूबर दोपहर तक 17 मौतें, करीब 100 लैंडस्लाइड्स (35 बड़े). एनएच-10 और रोहिणी रोड बंद, सिक्किम कटा हुआ. सिक्किम पुलिस ने चेतावनी दी कि कई सड़कें लैंडस्लाइड्स से बंद हैं.

गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) ने सभी पर्यटन स्थल बंद कर दिए. नेपाल में 47 मौतें, सड़कें अवरुद्ध, पुल बह गए. बिहार के उत्तरी हिस्सों में नदियां उफान पर. पर्यटक फंस गए – जलपाईगुड़ी में होलोंग नदी का पुल गिरा, मदारिहाट लॉज में सैकड़ों फंसे.

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पर्यावरणविदों का कहना है कि दार्जिलिंग में अनियोजित शहरीकरण और झोराओं (पानी के रास्तों) को बंद करने से नुकसान बढ़ा. आईएमडी ने 5 अक्टूबर के लिए रेड अलर्ट जारी किया था. अगले कुछ दिनों में कूच बिहार और अलीपुरदुआर में 200 मिमी से ज्यादा, दार्जिलिंग-जलपाईगुड़ी में 70-200 मिमी बारिश की संभावना.

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फसलों को ज्यादा नुकसान: कटाई के समय बाढ़ घातक

यह बारिश खरीफ फसलों के लिए सबसे खराब समय पर आई. अक्टूबर में धान, कपास, सोयाबीन, मक्का और दालें कटाई के चरण में होती हैं. सामान्य से ज्यादा बारिश से फसलें खराब हो रही हैं. बाढ़ से खड़ी फसलें डूब जाती हैं, अनाज की गुणवत्ता गिरती है.

वैज्ञानिक तथ्य: खरीफ फसलें मॉनसून पर निर्भर होती हैं, लेकिन कटाई के समय ज्यादा पानी से बीज अंकुरित हो जाते हैं (स्प्राउटिंग), या फफूंद लग जाती है. उत्तर बंगाल में धान के खेत डूबे, जिससे उत्पादन 20-30% कम हो सकता है. बिहार में भी गंगा-कोसी नदियां उफान पर है. फसलें बह रही हैं. नेपाल के तराई इलाकों में चावल और मक्का नष्ट हो गया है. सरकारी अनुमान कट सकता है.

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सरकार का जवाब: राहत और सतर्कता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर शोक जताया और कहा कि दार्जिलिंग पर नजर है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 6 अक्टूबर को उत्तर बंगाल जाएंगी. उनके निर्देश पर हाई-पावर कमिटी बनी है. एनडीआरएफ ने अलीपुरदुआर में हाई अलर्ट घोषित किया है. ममता ने पर्यटकों से बाहर न निकलने को कहा.

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