Tuesday 28/ 10/ 2025 

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समुद्र की गर्मी से तूफान हुए बेकाबू, ‘मेलिसा’ और ‘मोंथा’ से दोहरी चेतावनी – Hurricane Melissa Jamaica Landfall Cyclone Montha Andhra Pradesh NTC

आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके में चक्रवात ‘मोंथा’ के खतरे के बीच कैरेबियाई सागर में बना तूफान मेलिसा अब बहुत खतरनाक कैटेगरी-5 चक्रवात बन गया है. यह बहुत धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, जिससे भारी बारिश, तेज़ हवाओं और ऊंची लहरों से बड़ी तबाही हो सकती है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि अब तूफान बहुत जल्दी तेज होते जा रहे हैं और कई बार एक जगह रुक भी जाते हैं. यह सब धरती के बढ़ते तापमान यानी जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रहा है.

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मेलिसा ने शनिवार तक 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलना शुरू किया था, लेकिन सिर्फ 24 घंटे में इसकी रफ्तार 225 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई और अब यह कैटेगरी-5 तूफान बन गया है. इतने तेज तूफान में मजबूत इमारतें भी गिर सकती हैं.

समुद्र का पानी गर्म होने से तूफान को मिलती है ऊर्जा

एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक एमआईटी के वैज्ञानिक केरी इमैनुएल ने कहा, “इस बार अटलांटिक में बहुत ज्यादा तूफान नहीं बने, लेकिन जो भी बने, वे बहुत तेजी से ताकतवर हुए. यह जलवायु परिवर्तन का साफ असर है.”

जब समुद्र का पानी ज्यादा गर्म होता है, तो तूफानों को ज्यादा ऊर्जा मिलती है और वे और ज्यादा शक्तिशाली बन जाते हैं.

क्लाइमेट सेंट्रल के वैज्ञानिक डैनियल गिलफोर्ड के अनुसार, “वायुमंडल का गर्म होना कभी-कभी तूफानों को कमजोर करता है, लेकिन समुद्र का गर्म होना उन्हें और ताकत देता है और आमतौर पर समुद्र ही जीतता है.”

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वैज्ञानिकों ने बताया कि मेलिसा जिस समुद्री क्षेत्र से गुजरा, वहां का पानी 1.4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म था और यह गर्मी इंसानों द्वारा फैलाए गए जलवायु परिवर्तन के कारण थी.

आंध्र प्रदेश में चक्रवात मोंथा का खतरा

भारत के आंध्र प्रदेश में भी चक्रवात मोंथा का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. मौसम विभाग ने बताया कि, बंगाल की खाड़ी में बन रहा यह तूफान लगातार ताकतवर हो रहा है और 28 अक्टूबर की सुबह तक यह गंभीर चक्रवाती तूफान बन सकता है. मौसम विभाग का कहना है कि यह तूफान काकीनाडा के पास, मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच तट से टकरा सकता है.

इस दौरान हवाओं की रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा, जबकि तेज झोंके 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकते हैं. प्रशासन ने तटीय और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है.

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