गौरा-बौराम सीट पर ट्विस्ट, मुकेश सहनी के भाई ने छोड़ा मैदान, RJD के बागी कैंडिडेट को दिया समर्थन – Mukesh Sahni brother Santosh Sahni left Gaura Bauram seat supports RJD rebel Afzal Ali Khan ntc

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से महज दो दिन पहले दरभंगा जिले की गौरा-बौराम विधानसभा सीट पर नया ट्विस्ट आ गया है. महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चले आ रहे विवाद के बीच विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी ने अप्रत्याशित फैसला लेते हुए अपने छोटे भाई और पार्टी प्रत्याशी संतोष सहनी को चुनावी संग्राम से बाहर कर लिया है. वीआईपी ने इस सीट पर राजद के बागी उम्मीदवार अफजल अली खान को समर्थन देने की घोषणा की है.
मुकेश सहनी के इस फैसले को महागठबंधन में एकजुटता का संदेश देने की रणनीति मानी जा रही है. यह घटनाक्रम सोमवार की शाम बिरौल में आयोजित एक हाई-वोल्टेज प्रेस वार्ता में सामने आया, जहां मुकेश सहनी ने अफजल अली खान के साथ मंच साझा किया. सहनी ने कहा, ‘बड़ी लड़ाई के लिए त्याग करना पड़ता है. हमारी पूरी पार्टी अफजल अली खान को पूर्ण समर्थन देगी. महागठबंधन की मजबूती ही हमारी जीत की कुंजी है.’ इस फैसले से गौरा-बौराम सीट पर महागठबंधन के वोटों में बंटवारे की आशंका टल गई है, जो एनडीए के लिए फायदेमंद साबित हो सकता था.
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सीट बंटवारे से शुरू हुआ विवाद
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महागठबंधन के सीट बंटवारे में गौरा-बौराम वीआईपी के खाते में गई थी, लेकिन शुरुआत में राजद ने अपने पुराने प्रत्याशी अफजल अली खान को ‘लालटेन’ सिंबल पर नामांकन भरने की अनुमति दे दी थी. नामांकन भरने के बाद अफजल ने अंत तक पर्चा वापस नहीं लिया, जिससे महागठबंधन में तनाव बढ़ गया. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अफजल को नामांकन वापस लेने के निर्देश दिए, लेकिन उन्होंने सीट छोड़ने से इनकार कर दिया.
लालू यादव ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अफजल अली खान की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की थी, लेकिन नियमों के मुताबिक ऐसा संभव नहीं था. अंत में राजद ने अफजल को अनुशासनहीनता के आरोप में 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया. इसके बावजूद अफजल ‘लालटेन’ सिंबल पर ही चुनाव लड़ रहे थे, जिससे वीआईपी प्रत्याशी संतोष सहनी के लिए चुनौती बढ़ गई थी. बता दें कि ‘लालटेन’ राजद का आधिकारिक चुनाव चिन्ह हैं, इसलिए महागठबंधन के मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा होने की पूरी आशंका थी.
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अफजल खान ने कर दी बगावत
मुकेश सहनी ने शुरू में खुद इस सीट से लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन बाद में अपने भाई संतोष सहनी को मैदान में उतारा. तेजस्वी यादव ने भी हाल ही में एक रैली में महागठबंधन के समर्थकों से वीआईपी उम्मीदवार संतोष सहनी के पक्ष में वोट देने अपील की थी, लेकिन रणनीतिक समीक्षा के बाद तय हुआ कि मुकेश सहनी अपने प्रत्याशी को वापस लेंगे और अफजल अली खान का समर्थन करेंगे, जो राजद से निष्कासित होने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार बन गए हैं, लेकिन उनके पास सिंबल ‘लालटेन’ ही रहेगी. मुकेश सहनी ने कहा कि यह फैसला गठबंधन की एकता बचाने और एनडीए को हराने के लिए लिया गया है.
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